नई दिल्ली: जन लोकपाल का मुद्दा फिर चर्चा में है. इस बार की चर्चा इसे लागू करने में देरी को लेकर नहीं, बल्कि लोकपाल की नियुक्ति को लेकर है. कांग्रेस की सरकार को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने में जनलोकपाल के मुद्दे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
उसके बाद 5 साल तक इसे लेकर आवाजें उठती रहीं, लेकिन लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी. अब जबकि देश चुनाव में है और मोदी सरकार के 5 साल पूरे हो रहे हैं, सरकार की तरफ से लोकपाल की नियुक्ति की जा रही है. इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाया है.
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारे महान प्रधानमंत्री के महानतम प्रयास से 5 साल बाद लोकपाल मिलने जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि खुशी की बात है कि पहला लोकपाल भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जांच की कार्रवाई करेगा, लेकिन सवाल यह है कि मोदी सरकार को पिछले 5 साल से लोकपाल की नियुक्ति करने में डर क्यों लग रहा था?
गोपाल राय ने सवाल उठाया कि अब जबकि आचार संहिता लागू हो चुकी है, पहले चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होने वाला है, ऐसे समय में लोकपाल की नियुक्ति क्यों हो रही है?
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार इसी सपने के साथ पलटी गई थी कि नई सरकार भ्रष्टाचार मिटाने के लिए लोकपाल का गठन करेगी. गोपाल राय ने इसे लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा कि केंद्र सरकार ने न सिर्फ लोकपाल बनने में देरी की, बल्कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लेकर दिल्ली विधानसभा में लाए गए बिल को भी लटकाए रखा.
उन्होंने कहा कि नारा था, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा परिणाम निकला न लोकपाल बनाऊंगा ना बनाने दूंगा।
हालांकि अंत में गोपाल राय ने कहा कि अब जबकि लोकपाल की नियुक्ति हो रही है, हम राफेल के मुद्दे को लोकपाल के समक्ष दर्ज कराएंगे. साथ ही सहारा बिरला डायरी जिसमें मोदी जी का भी नाम था उसकी भी शिकायत करेंगे.