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थैंक्यू दिल्ली पुलिस! 'ऑपरेशन मिलाप' से 333 बच्चों को मिला परिजनों का साया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत अलग-अलग राज्यों से आकर दिल्ली में खो गए 333 बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया.

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Published : Jul 8, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 11:32 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अगवा हुए 57 बच्चों और महिलाओं को इस साल क्राइम ब्रांच ने तलाशा है. साल 2018 में दिल्ली पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 700 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया था.

आयुक्त राजीव रंजन ने बताया कि लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट है. पुलिस की ये टीम दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न्न रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और बच्चे रखने वाले एनजीओ में जाती है.

333 बच्चों को क्राइम ब्रांच ने करवाया मुक्त

वहां पर मिलने वाले बच्चों को वह अपने साथ लाकर उनसे बातचीत करते हैं. उनका भरोसा जीतने के बाद उनसे जानकारी जुटाते हैं और फिर उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं.

333 बच्चों को परिवार से मिलवाया
राजीव रंजन ने बताया कि इस साल क्राइम ब्रांच की टीम ने विभिन्न जगहों से 333 बच्चों को मुक्त करवाकर उनके परिवार से मिलवाया है.

इनमें से कई बच्चे अपने परिवार से बिछड़कर आ गए थे तो कोई परिजनों की डांट से नाराज होकर भाग आया था. कोई नौकरी के झांसे में घर छोड़कर आ गया था तो कोई पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से भागकर दिल्ली आ गया था.

इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 से 16 साल के बीच थी. पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद इन बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया है.

57 अगवा लोगों को भी तलाशा
डीसीपी जॉय तिर्की ने बताया कि उनकी टीम को इस साल 20 मामले अपहरण के जांच के लिए मिले थे. इन सब मामलों में क्राइम ब्रांच की टीम ने अगवा बच्चों और लड़कियों को बरामद किया है. उन्हें अगवा करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अगवा हुए 57 बच्चों और महिलाओं को इस साल क्राइम ब्रांच ने तलाशा है. साल 2018 में दिल्ली पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 700 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया था.

आयुक्त राजीव रंजन ने बताया कि लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट है. पुलिस की ये टीम दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न्न रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और बच्चे रखने वाले एनजीओ में जाती है.

333 बच्चों को क्राइम ब्रांच ने करवाया मुक्त

वहां पर मिलने वाले बच्चों को वह अपने साथ लाकर उनसे बातचीत करते हैं. उनका भरोसा जीतने के बाद उनसे जानकारी जुटाते हैं और फिर उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं.

333 बच्चों को परिवार से मिलवाया
राजीव रंजन ने बताया कि इस साल क्राइम ब्रांच की टीम ने विभिन्न जगहों से 333 बच्चों को मुक्त करवाकर उनके परिवार से मिलवाया है.

इनमें से कई बच्चे अपने परिवार से बिछड़कर आ गए थे तो कोई परिजनों की डांट से नाराज होकर भाग आया था. कोई नौकरी के झांसे में घर छोड़कर आ गया था तो कोई पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से भागकर दिल्ली आ गया था.

इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 से 16 साल के बीच थी. पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद इन बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया है.

57 अगवा लोगों को भी तलाशा
डीसीपी जॉय तिर्की ने बताया कि उनकी टीम को इस साल 20 मामले अपहरण के जांच के लिए मिले थे. इन सब मामलों में क्राइम ब्रांच की टीम ने अगवा बच्चों और लड़कियों को बरामद किया है. उन्हें अगवा करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है.

Intro:नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आपरेशन मिलाप के तहत अलग-अलग राज्यों से आकर दिल्ली में खो गए 333 बच्चों को उनके परिवार से मिलवा दिया. इतना ही नहीं अगवा हो गए 57 बच्चों एवं महिलाओं को भी इस वर्ष क्राइम ब्रांच ने तलाशा है. वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 700 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया था.


Body:अतिरिक्त आयुक्त रजीव रंजन ने बताया कि लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट है. पुलिस की यह टीम दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न्न रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों एवं बच्चे रखने वाली एनजीओ में जाती हैं. वहां पर मिलने वाले बच्चों को वह अपने साथ लाकर उनसे बातचीत करते हैं. उनका भरोसा जीतने के बाद उनसे जानकारी जुटाते हैं और फिर उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं.


333 बच्चों को परिवार से मिलवाया
रजीव रंजन ने बताया कि इस वर्ष क्राइम ब्रांच की टीम ने विभिन्न जगहों से 333 बच्चों को मुक्त करवाकर उनके परिवार से मिलवाया. इनमें से कई बच्चे अपने परिवार से बिछुड़कर आ गए थे तो कोई परिजनों की डांट से नाराज होकर भाग आया था. कोई नौकरी के झांसे में घर छोड़कर आ गया तो कोई पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से भागकर दिल्ली आ गया. इनमें से अधिकांश बच्चों की उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच थी. पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद इन बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया.





Conclusion:57 अगवा लोगों को भी तलाशा
डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि उनकी टीम को इस वर्ष 20 मामले अपहरण के जांच के लिए मिले थे. इन सब मामलों में क्राइम ब्रांच की टीम ने अगवा बच्चों एवं लड़कियों को बरामद किया है. इतना ही नहीं उन्हें अगवा करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है. इनके अलावा जिले के भी 37 मामलों में क्राइम ब्रांच ने मदद करते हुए अगवा बच्चों, लड़कियों एवं महिलाओं को तलाशा है. इन सभी को उनके परिवार से मिलवा दिया गया है.
Last Updated : Jul 8, 2019, 11:32 PM IST

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