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मैं 25 मीटर सहित तीनों स्पर्धाओं में निशानेबाजी जारी रखूंगी : मनु - मनु भाकर

भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर तोक्यो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई जिसको लेकर उन्होंने कहा कि वह अपीन प्रैक्टिस जारी रखेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

Manu
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Published : Aug 1, 2021, 1:25 PM IST

नई दिल्ली : तोक्यो ओलंपिक में नाकाम रही भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने 'नकारात्मकता' से दूर रहने की कोशिश करते हुए कहा कि वह 25 मीटर सहित तीनों स्पर्धाओं में निशानेबाजी करना जारी रखेगी.

उन्होंने वादा किया कि वह अपने पहले ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन से मजबूत वापसी करेंगी.

तोक्यो से वापस आने के बाद उन्होंने कहा कि पूर्व कोच जसपाल राणा के साथ विवाद के कारण ओलंपिक के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हुई थी. राणा ने उन्हें 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा से अपना नाम वापस लेने को कहा था.

इस 19 साल की निशानेबाज ने यहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर कहा, मैं 25 मीटर स्पर्धा में निशानेबाजी जारी रखूंगी.

युवा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि नकारात्मकता और राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गई.

मनु ने कहा कि उनसे बार-बार यह कहा गया था कि 25 मीटर स्पर्धा से अपना नाम वापस ले क्योंकि इसमें उनका स्तर उतना अच्छा नहीं है.

मनु ने म्यूनिख में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान तोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था.

उन्होंने कहा, हां, नकारात्मकता थी क्योंकि मेरे माता-पिता को भी इस पूरे मामले में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. नकारात्मकता के कारण ही मुझ से पूछा गया कि भोपाल में (अभ्यास और ट्रायल्स के दौरान) मेरी मां मेरे साथ क्यों हैं और मेरे पिता क्यों साथ हैं?

इसके अलावा कुछ तकनीकी समस्याएं भी थीं , जिनका पूर्व कोच ने समाधान नहीं किया.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस साल मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान राणा को कोई संदेश नहीं भेजा था. उन्होंने बताया कि यह संदेश उनकी मां ने भेजा था जो अपनी बेटी को लेकर चिंतित थी.

पढ़ें :- Tokyo Olympics 2020, Day 10: भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा क्रॉस कंट्री दौर के बाद 22वें स्थान पर

मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद राणा को संदेश मिला, अब तो मिल गई न तसल्ली.

राणा इसके बाद अपनी सफेद टी-शर्ट के पीछे इस संदेश को लिख कर करणी सिंह निशानेबाजी परिसर में पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मनु ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने खेलों के नजदीक आने के साथ भारत के पूर्व निशानेबाज रौनक पंडित को उनका कोच नियुक्त किया और जो भी समाधान संभव था उसका प्रयास किया.

उन्होंने कहा, एनआरएआई ने इस समस्या के समाधान की पूरी कोशिश की और उन्होंने हमें विश्वास में भी लिया.

मनु ने कहा कि ओलंपिक के पहले अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है जो आगे काम आएगा.

उन्होंने कहा, मुझे निश्चित रूप से बहुत अनुभव प्राप्त हुआ है. उम्मीद है कि इससे मुझे भविष्य में तैयारी और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी. मैं युवा हूं और आगे मेरा करियर लंबा है. मैंने इस बार भी पूरी कोशिश की थी.

उन्होंने कहा कि इस अनुभव से वह भविष्य में मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : तोक्यो ओलंपिक में नाकाम रही भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने 'नकारात्मकता' से दूर रहने की कोशिश करते हुए कहा कि वह 25 मीटर सहित तीनों स्पर्धाओं में निशानेबाजी करना जारी रखेगी.

उन्होंने वादा किया कि वह अपने पहले ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन से मजबूत वापसी करेंगी.

तोक्यो से वापस आने के बाद उन्होंने कहा कि पूर्व कोच जसपाल राणा के साथ विवाद के कारण ओलंपिक के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हुई थी. राणा ने उन्हें 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा से अपना नाम वापस लेने को कहा था.

इस 19 साल की निशानेबाज ने यहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर कहा, मैं 25 मीटर स्पर्धा में निशानेबाजी जारी रखूंगी.

युवा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि नकारात्मकता और राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गई.

मनु ने कहा कि उनसे बार-बार यह कहा गया था कि 25 मीटर स्पर्धा से अपना नाम वापस ले क्योंकि इसमें उनका स्तर उतना अच्छा नहीं है.

मनु ने म्यूनिख में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान तोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था.

उन्होंने कहा, हां, नकारात्मकता थी क्योंकि मेरे माता-पिता को भी इस पूरे मामले में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. नकारात्मकता के कारण ही मुझ से पूछा गया कि भोपाल में (अभ्यास और ट्रायल्स के दौरान) मेरी मां मेरे साथ क्यों हैं और मेरे पिता क्यों साथ हैं?

इसके अलावा कुछ तकनीकी समस्याएं भी थीं , जिनका पूर्व कोच ने समाधान नहीं किया.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस साल मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान राणा को कोई संदेश नहीं भेजा था. उन्होंने बताया कि यह संदेश उनकी मां ने भेजा था जो अपनी बेटी को लेकर चिंतित थी.

पढ़ें :- Tokyo Olympics 2020, Day 10: भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा क्रॉस कंट्री दौर के बाद 22वें स्थान पर

मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद राणा को संदेश मिला, अब तो मिल गई न तसल्ली.

राणा इसके बाद अपनी सफेद टी-शर्ट के पीछे इस संदेश को लिख कर करणी सिंह निशानेबाजी परिसर में पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मनु ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने खेलों के नजदीक आने के साथ भारत के पूर्व निशानेबाज रौनक पंडित को उनका कोच नियुक्त किया और जो भी समाधान संभव था उसका प्रयास किया.

उन्होंने कहा, एनआरएआई ने इस समस्या के समाधान की पूरी कोशिश की और उन्होंने हमें विश्वास में भी लिया.

मनु ने कहा कि ओलंपिक के पहले अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है जो आगे काम आएगा.

उन्होंने कहा, मुझे निश्चित रूप से बहुत अनुभव प्राप्त हुआ है. उम्मीद है कि इससे मुझे भविष्य में तैयारी और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी. मैं युवा हूं और आगे मेरा करियर लंबा है. मैंने इस बार भी पूरी कोशिश की थी.

उन्होंने कहा कि इस अनुभव से वह भविष्य में मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगी.

(पीटीआई-भाषा)

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