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बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करेगा अमेरिका

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे और उन्हें "हमारा पूरा समर्थन" मिलेगा, लेकिन उन्होंने कहा, "हम खेलों से जुड़े विभिन्न समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे."

US to boycott Beijing Winter Olympics diplomaticly
US to boycott Beijing Winter Olympics diplomaticly
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Published : Dec 7, 2021, 12:45 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका ने चीन में मानव अधिकारों के हनन को देखते हुए बीजिंग में होने वाले आगामी शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया है.

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे और उन्हें "हमारा पूरा समर्थन" मिलेगा, लेकिन उन्होंने कहा, "हम खेलों से जुड़े विभिन्न समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे."

ये भी पढ़ें-

साकी ने संवाददाताओं से कहा, "चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचार को देखते हुए अमेरिकी राजनयिक या आधिकारिक प्रतिनिधित्व इन खेलों को आम घटनाक्रम की तरह ही लेगा."

उन्होंने कहा, "मानव अधिकारों को बढ़ावा देने के लिये हमारी मौलिक प्रतिबद्धता है. हम चीन और उसके बाहर मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए कार्रवाई करना जारी रखेंगे."

ये भी पढ़ें- अमेरिका के ओलंपिक का बहिष्कार करने पर चीन की जवाबी कार्रवाई की धमकी

इससे पहले भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच, चीन, रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की 18वीं वर्चुपअल बैठक में बीजिंग में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक (Beijing 2022 Winter Olympic Games) का समर्थन किया है. इस पर चीनी राज्य-नियंत्रित मीडिया ने खुशी जताई है.

भारत द्वारा समर्थन मिलने पर राज्य-नियंत्रित चीनी मीडिया की राय बंटी गई है. ऐसे समय में जब अमेरिका और उसके सहयोगी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया शीतकालीन ओलंपिक के 'राजनयिक बहिष्कार' पर विचार कर रहे हैं. भारत का समर्थन चीन के लिए एक चौंकाने वाला कदम है.

रविवार को राज्य-नियंत्रित 'ग्लोबल टाइम्स' (state-controlled Global Times) में एक संपादकीय में लिखा है कि बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के प्रति भारत का व्यवहार इस बात का प्रतीक है कि नई दिल्ली अपनी मजबूत कूटनीतिक और रणनीतिक स्वायत्तता (diplomatic and strategic autonomy) बरकरार रखती है.

अमेरिका के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के बावजूद भारत का मतलब यह नहीं है कि वह सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में अमेरिका के प्रति झुकाव रखता है. नई दिल्ली वाशिंगटन का 'स्वाभाविक सहयोगी' (natural ally of Washington) नहीं है.'

लेख में कहा गया है कि हाल के वर्षों में नई दिल्ली भूराजनीति के मामले में वाशिंगटन की ओर बढ़ रही है और कुछ मुद्दों पर बीजिंग के प्रति शत्रुतापूर्ण है. ऐसे हालात में बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए भारत के समर्थन ने देश और विदेश में कुछ नेटिज़न्स को चौंका दिया है.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने चीन में मानव अधिकारों के हनन को देखते हुए बीजिंग में होने वाले आगामी शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया है.

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे और उन्हें "हमारा पूरा समर्थन" मिलेगा, लेकिन उन्होंने कहा, "हम खेलों से जुड़े विभिन्न समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे."

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साकी ने संवाददाताओं से कहा, "चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचार को देखते हुए अमेरिकी राजनयिक या आधिकारिक प्रतिनिधित्व इन खेलों को आम घटनाक्रम की तरह ही लेगा."

उन्होंने कहा, "मानव अधिकारों को बढ़ावा देने के लिये हमारी मौलिक प्रतिबद्धता है. हम चीन और उसके बाहर मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए कार्रवाई करना जारी रखेंगे."

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इससे पहले भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच, चीन, रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की 18वीं वर्चुपअल बैठक में बीजिंग में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक (Beijing 2022 Winter Olympic Games) का समर्थन किया है. इस पर चीनी राज्य-नियंत्रित मीडिया ने खुशी जताई है.

भारत द्वारा समर्थन मिलने पर राज्य-नियंत्रित चीनी मीडिया की राय बंटी गई है. ऐसे समय में जब अमेरिका और उसके सहयोगी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया शीतकालीन ओलंपिक के 'राजनयिक बहिष्कार' पर विचार कर रहे हैं. भारत का समर्थन चीन के लिए एक चौंकाने वाला कदम है.

रविवार को राज्य-नियंत्रित 'ग्लोबल टाइम्स' (state-controlled Global Times) में एक संपादकीय में लिखा है कि बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के प्रति भारत का व्यवहार इस बात का प्रतीक है कि नई दिल्ली अपनी मजबूत कूटनीतिक और रणनीतिक स्वायत्तता (diplomatic and strategic autonomy) बरकरार रखती है.

अमेरिका के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के बावजूद भारत का मतलब यह नहीं है कि वह सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में अमेरिका के प्रति झुकाव रखता है. नई दिल्ली वाशिंगटन का 'स्वाभाविक सहयोगी' (natural ally of Washington) नहीं है.'

लेख में कहा गया है कि हाल के वर्षों में नई दिल्ली भूराजनीति के मामले में वाशिंगटन की ओर बढ़ रही है और कुछ मुद्दों पर बीजिंग के प्रति शत्रुतापूर्ण है. ऐसे हालात में बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए भारत के समर्थन ने देश और विदेश में कुछ नेटिज़न्स को चौंका दिया है.

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