नई दिल्लीः जंतर मंतर पर देश के स्टार पहलवानों का प्रदर्शन अब आर पार की कुश्ती का अखाड़ा बन गया है. पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे पर अड़े हैं. दूसरी तरफ डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने इस्तीफा देने से साफ इंकार कर दिया है. बृजभूषण शरण सिंह पिछले 11 साल से WFI के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. उधर, पहलवानों को दिल्ली महिला आयोग, एबीवीपी से लेकर कई बड़ी हस्तियों का समर्थन मिला है.
क्या है विवाद
इस मामले को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब 18 जनवरी की सुबह करीब 11 बजे स्टार पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, अंशु मलिक, बजरंग पूनिया और सत्यव्रत कादयान समैत कई रेसलर जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए. उन्होंने WFI अध्यक्ष पर मनमानी रवैया अपनाने और यौन शोषण के साथ कई तरह के उत्पीड़न के आरोप लगाए. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा. इन खिलाड़ियों को हर जगह से समर्थन मिला. गीता फोगाट, बबिता फोगाट के साथ अन्य लोगों ने इस मामले को लेकर ट्वीट कर अपना समर्थन खिलाड़ियों को दिया. बुधवार देर शाम तक दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी विनेश फोगाट से मुलाकात कर उन्हें समर्थन दिया. साथ ही इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस भी भेजा.
पहलवानों का आरोप
धरने पर बैठे विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित देश के कुछ शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोचों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश फोगाट ने दावा किया कि कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है. इन पहलवानों का कहना है कि मामले में हमें अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. अब तक केवल आश्वासन मिला है. कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. हम इस मामले को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि संघ के प्रमुख को हटा नहीं दिया जाता है और वो जेल नहीं जाते हैं. अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम पुलिस के पास जाएंगे.
पहलवानों को मिला समर्थन
आंदोलन कर रहे पहलानों को धीरे धीरे बाहरी समर्थन भी मिलने लगा. हरियाणा की खाप पंचायतों ने सपोर्ट करते हुए दिल्ली कूच की तैयारी करनी शुरू कर दी. खापों ने सरकार से कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इसके बाद राजनीतिक दलों की एंट्री हुई. सबसे पहले भाजपा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने समर्थन दिया. उन्होंने फोन पर बजरंग पुनिया से बात की और खिलाड़ियों का सम्मान कम नहीं होने का आश्वासन दिया. इस बीच दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पहलवानों के सपोर्ट में ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि देश की महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा के मसले पर सरकार अपने नेताओं को बचाने में लगी है. वहीं, धरना स्थल पर एबीवीपी ने भी पहलवानों को समर्थन दिया.
24 घंटे में क्या क्या हुआ?
गुरुवार को जंतर मंतर पर आंदोलन जारी रहा. धीरे-धीरे पहलवानों को समर्थन का कुनबा बढ़ता गया. दिन भर चले उथल पुथल के बीच देर शाम ऐसा वक्त आया जब लगा कि अब मामला शांत हो जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. देर शाम खेल मंत्री अनुराग ठाकुर चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचे. उन्होंने आंदोलन कर रहे पहलवानों को रात 10 बजे अपने दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर डिनर पर बुलाया. उनके आमंत्रण पर पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बबीता फोगाट, सत्यव्रत और अंशु मलिक ने खेल मंत्री से मुलाकात की. हालांकि, मुलाकात से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों के आरोप संगीन हैं. उनकी जांच की जाएगी. खेल महासंघ को नोटिस भेजकर 72 घंटे में जवाब देने को कहा गया है.
जब खबर आई... इस्तीफा देगें बृजभूषण
वहीं, पहलवानों के साथ मुलाकात के बीच मीडिया रिपोर्टस में खबरे आई कि खेल मंत्रालय ने बृजभूषण सिंह को 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने के लिए कहा है. वहीं, दूसरी तरफ पहलानों की मंत्री ठाकुर के साथ पौने 4 घंटे की मुलाकात बेनतीजा रही. मंत्री ठाकुर के घर से निकले पहलवानों ने मीडिया से बात नहीं की. लेकिन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ये साफ था कि खेल मंत्रालय ने बृजभूषण सिंह को अपनी बात रखने का मौका दिया है. उन्हें अपने पक्ष रखने के लिए शनिवार शाम तक का वक्त दिया गया है. खेल मंत्री ने खिलाड़ियों को कुश्ती संघ के जवाब का इंतजार करने को कहा है. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया.
'इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं'
वहीं, इस पूरे मामले पर शुक्रवार को बृजभूषण सिंह का बयान आया है. उन्होंने इस्तीफे पर बोलते हुए कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं. इस बीच बृजभूषण ने 22 जनवरी को कुश्ती संघ की बैठक बुलाने का ऐलान किया. वहीं, संघ अध्यक्ष के बयान के बाद मामला और गरमाया. पहलवान खिलाड़ियों को समर्थन देते हुए गोंडा के नंदिनी नगर स्थित कुश्ती स्टेडियम में नेशनल चैंपियनशिप खेलने गए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई खिलाड़ी बिना मैच खेले ही वापस लौट गए. उधर, जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे पहलवानों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगे. उनकी केवल एक ही मांग है जो महासंघ को भंग करना है. साथ ही कहा कि अगर सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा किया जाता है तो विरोध करने वाले पहलवान अपने घर वापस चले जाएंगे.
लेटेस्ट अपडेट
शुक्रवार सुबह बृजभूषण सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दोपहर 12 बजे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसके बाद जानकारी दी कि शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. लेकिन वह भी टल गई. वहीं, शाम 5.45 बजे भारतीय ओलंपिक संघ की वर्चुअल बैठक हुई जिसमें पहलवानों की शिकायतों पर चर्चा हुई. धरने पर बैठे पहलवानों से आज खेल मंत्री अनुराग ठाकुर फिर मिले. मुलाकात से पहले विनेश फोगाट ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अभी तक उनकी कुछ मांगों को नहीं माना गया है. उनके मुताबिक अगर उनकी सभी मांगों को नहीं माना जाएगा तो सभी रेसलर जंतर मंतर पर ही प्रदर्शन करेंगे. वे वहीं पर अपनी चटाई लेकर आएंगे और प्रैक्टिस करेंगे.
कौन हैं बृजभूषण सिंह ?
बाहुबली छवि के बृजभूषण शरण सिंह 1991 में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़कर पहली बार सांसद बने और संसद पहुंचे. इसके बाद 1999 और 2004 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए. लेकिन 2009 लोकसभा चुनाव में पार्टी बदली और समाजवादी पार्टी के टिकट से लोकसभा पहुंचे. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण फिर भाजपा में शामिल हुए और जीते. इसके बाद 2019 का चुनाव भी उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीता. बृज भूषण सिंह की गिनती बाहुबली और दबंग सांसदों में होती है. हाल ही में वह तब सुर्खियों में आए जब रांची में अंडर-15 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने एक पहलवान को मंच पर ही थप्पड़ जड़ दिया था. बृजभूषण अपने अलग और अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए भी जाने जाते हैं. इसी बयानबाजी की वजह से विवादों में भी रहे हैं.1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी भी रह चुके हैं.
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