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World Athletics Championships: अनु रानी ने खेल में महिलाओं को बराबरी का मौका देने की मांग की

भारत की शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी अनु रानी ने कहा, महिलाओं को भी बराबरी के मौके मिलने चाहिए (खेल में) और लोगों को उन पर भरोसा करना चाहिए. मुझे काफी समर्थन मिला और उनका आभार व्यक्त करना चाहती हूं.

annu rani
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Published : Oct 2, 2019, 8:42 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 10:29 PM IST

दोहा: विश्व चैंपियनशिप में आठवें स्थान पर रही भारत की शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी अनु रानी ने खेल में महिलाओं को बराबरी का मौका देने की मांग की है क्योंकि वे भी प्रदर्शन कर सकती हैं और देश को गौरवांवित कर सकती हैं. अनु विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी लेकिन मंगलवार को यहां आठवें स्थान पर रहीं.

सोमवार को क्वालीफाइंग में 62 .43 मीटर के प्रयास के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाली अनु फाइनल में मंगलवार को 61.12 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकी. मेरठ के बादल गांव की रहने वाली अनु ने अपनी स्पर्धा के बाद कहा, 'मुझे काफी समर्थन मिला और उनका आभार व्यक्त करना चाहती हूं. मैं कहना चाहती हूं कि महिलाओं को भी बराबरी के मौके मिलने चाहिए (खेल में) और लोगों को उन पर भरोसा करना चाहिए. वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं और काफी अच्छे नतीजे दे सकती हैं.'

annu rani
विश्व चैंपियनशिप में अनु रानी

उन्होंने कहा, 'ये मेरी दूसरी विश्व चैंपियनशिप है और मैं फाइनल में जगह बनाकर और आठवां स्थान हासिल करके अच्छा महसूस कर रही हूं. फाइनल में मैं अपने क्वालीफिकेशन दौर के प्रदर्शन से बेहतर नहीं कर पाई लेकिन मैं आठवें स्थान से खुश हूं. भविष्य में मैं बेहतर प्रदर्शन करूंगी.'

आपको बता दें कि अनु 2018 एशियाई खेलों में 53.93 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ छठे स्थान पर रहीं थीं और उन्होंने कहा कि करियर के इस मुश्किल लम्हें से बाहर निकलने के लिए उन्हें काउंसिलिंग और प्रेरणादायी वीडियो देखने की जरूरत पड़ी थी.

annu raniअनु रानी
अनु रानी
उन्होंने कहा, '2018 एशियाई खेलों के बाद मैं मानसिक रूप से निराश थी. इसके बाद वापसी करने में मुझे समय लगा. मैंने खुद को प्रेरित किया और इसी के कारण आज मैं यहां हूं.'

अनु ने कहा, ‘हां, मुझे खुद को प्रेरित करने की जरूरत (काउंसिलिंग जैसी चीजों से) पड़ी. 2018 की निराशा के बाद के अनुभव से मैंने काफी चीजें सीखी. अब मैं मानसिक रूप से मजबूत महसूस कर रही हूं.’

दोहा: विश्व चैंपियनशिप में आठवें स्थान पर रही भारत की शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी अनु रानी ने खेल में महिलाओं को बराबरी का मौका देने की मांग की है क्योंकि वे भी प्रदर्शन कर सकती हैं और देश को गौरवांवित कर सकती हैं. अनु विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी लेकिन मंगलवार को यहां आठवें स्थान पर रहीं.

सोमवार को क्वालीफाइंग में 62 .43 मीटर के प्रयास के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाली अनु फाइनल में मंगलवार को 61.12 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकी. मेरठ के बादल गांव की रहने वाली अनु ने अपनी स्पर्धा के बाद कहा, 'मुझे काफी समर्थन मिला और उनका आभार व्यक्त करना चाहती हूं. मैं कहना चाहती हूं कि महिलाओं को भी बराबरी के मौके मिलने चाहिए (खेल में) और लोगों को उन पर भरोसा करना चाहिए. वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं और काफी अच्छे नतीजे दे सकती हैं.'

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विश्व चैंपियनशिप में अनु रानी

उन्होंने कहा, 'ये मेरी दूसरी विश्व चैंपियनशिप है और मैं फाइनल में जगह बनाकर और आठवां स्थान हासिल करके अच्छा महसूस कर रही हूं. फाइनल में मैं अपने क्वालीफिकेशन दौर के प्रदर्शन से बेहतर नहीं कर पाई लेकिन मैं आठवें स्थान से खुश हूं. भविष्य में मैं बेहतर प्रदर्शन करूंगी.'

आपको बता दें कि अनु 2018 एशियाई खेलों में 53.93 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ छठे स्थान पर रहीं थीं और उन्होंने कहा कि करियर के इस मुश्किल लम्हें से बाहर निकलने के लिए उन्हें काउंसिलिंग और प्रेरणादायी वीडियो देखने की जरूरत पड़ी थी.

annu raniअनु रानी
अनु रानी
उन्होंने कहा, '2018 एशियाई खेलों के बाद मैं मानसिक रूप से निराश थी. इसके बाद वापसी करने में मुझे समय लगा. मैंने खुद को प्रेरित किया और इसी के कारण आज मैं यहां हूं.'

अनु ने कहा, ‘हां, मुझे खुद को प्रेरित करने की जरूरत (काउंसिलिंग जैसी चीजों से) पड़ी. 2018 की निराशा के बाद के अनुभव से मैंने काफी चीजें सीखी. अब मैं मानसिक रूप से मजबूत महसूस कर रही हूं.’

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World Athletics Championships: अनु रानी ने खेल में महिलाओं को बराबरी का मौका देने की मांग की

 



दोहा: विश्व चैंपियनशिप में आठवें स्थान पर रही भारत की शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी अनु रानी ने खेल में महिलाओं को बराबरी का मौका देने की मांग की है क्योंकि वे भी प्रदर्शन कर सकती हैं और देश को गौरवांवित कर सकती हैं. अनु विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी लेकिन मंगलवार को यहां आठवें स्थान पर रहीं.



सोमवार को क्वालीफाइंग में 62 .43 मीटर के प्रयास के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाली अनु फाइनल में मंगलवार को 61.12 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकी. मेरठ के बादल गांव की रहने वाली अनु ने अपनी स्पर्धा के बाद कहा, ‘मुझे काफी समर्थन मिला और उनका आभार व्यक्त करना चाहती हूं. मैं कहना चाहती हूं कि महिलाओं को भी बराबरी के मौके मिलने चाहिए (खेल में) और लोगों को उन पर भरोसा करना चाहिए. वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं और काफी अच्छे नतीजे दे सकती हैं.'



उन्होंने कहा, ‘ये मेरी दूसरी विश्व चैंपियनशिप है और मैं फाइनल में जगह बनाकर और आठवां स्थान हासिल करके अच्छा महसूस कर रही हूं. फाइनल में मैं अपने क्वालीफिकेशन दौर के प्रदर्शन से बेहतर नहीं कर पाई लेकिन मैं आठवें स्थान से खुश हूं. भविष्य में मैं बेहतर प्रदर्शन करूंगी.’



आपको बता दें कि अनु 2018 एशियाई खेलों में 53.93 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ छठे स्थान पर रहीं थीं और उन्होंने कहा कि करियर के इस मुश्किल लम्हें से बाहर निकलने के लिए उन्हें काउंसिलिंग और प्रेरणादायी वीडियो देखने की जरूरत पड़ी थी.

उन्होंने कहा, ‘2018 एशियाई खेलों के बाद मैं मानसिक रूप से निराश थी. इसके बाद वापसी करने में मुझे समय लगा. मैंने खुद को प्रेरित किया और इसी के कारण आज मैं यहां हूं.’



अनु ने कहा, ‘हां, मुझे खुद को प्रेरित करने की जरूरत (काउंसिलिंग जैसी चीजों से) पड़ी. 2018 की निराशा के बाद के अनुभव से मैंने काफी चीजें सीखी. अब मैं मानसिक रूप से मजबूत महसूस कर रही हूं.’


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Last Updated : Oct 2, 2019, 10:29 PM IST
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