वाराणसी: भारतीय कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह मंगलवार को वाराणसी पहुंचे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह स्पष्ट किया है कि उनका बृजभूषण शरण सिंह से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि बृजभूषण शरण सिंह और साक्षी मलिक दोनों कुश्ती से संन्यास ले चुके हैं और अब कुश्ती का भला जरूर होगा.
मूल रूप से चंदौली के रहने वाले संजय सिंह का घर वाराणसी में ही है और बनारस में ही उनका व्यवसाय और सारी चीज हैं. इस वजह से संजय सिंह सबसे पहले अपने घर पहुंचे और इस दौरान बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर उनके घर तक के रास्ते के बीच उन्होंने जमकर शक्ति प्रदर्शन किया है. रास्ते में सैकड़ों की संख्या में उनके साथ वाहनों का काफिला और उनके समर्थकों की जबरदस्त भीड़ के बीच उनके समर्थन में नारेबाजी होती दिखाई दी. संजय सिंह भी समर्थकों के इस उत्साह को देखकर काफी उत्साहित नजर आए.
दिल्ली से वाराणसी आने के बाद संजय सिंह जब लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर निकले सैकड़ों की संख्या में मौजूद उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया है. फूल मालाओं से लदे संजय सिंह काफी उत्साहित नजर आ रहे थे. खुली गाड़ी में रोड शो की शक्ल में संजय सिंह धीरे-धीरे अपने घर की तरफ बढ़े. संजय सिंह अवधूत भगवान राम के उपासक हैं और वह सीधे बढ़ाओ स्थित बाबा अवधूत भगवान राम के आश्रम गए हैं.
इस दौरान रास्ते में उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. संजय सिंह ने वाराणसी में कहा कि मेरी पहली प्रतिक्रिया है कि मैं भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया हूं. पहलवानों के बारे में दिन-रात मैं सोच रहा हूं जो भी उनकी कुश्ती रुकी है. एक साल से मैं उसे पूरा करना चाहता हूं. निलंबन पर संजय सिंह ने कहा कि मैं आगे की रणनीति में सरकार से बात करूंगा और अपना पक्ष रखूंगा, मुझे भरोसा है की मेरा निलंबन वापस होगा.
साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की तरफ से विरोध पर कहा कि मैं कुश्ती संघ में हूं तो यह स्वाभिक है कि बृजभूषण शरण सिंह संघ के अध्यक्ष थे तो मेरी करीबी उनसे रहेगी ही. वह कुश्ती के लिए करीबी थी. बाकी वह कुश्ती से संन्यास ले चुके हैं. साक्षी मलिक भी सन्यास ले चुकी हैं. दोनों लोग कुश्ती से दूर हो गए. इससे अब कुश्ती का भला होगा. वहीं, अपने निलंबन को लेकर आगे की रणनीति पर उन्होंने कहा हम कानूनी सलाह लेंगे कि हमें आगे क्या करना है.
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