नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी पहलवान नरसिंह यादव के लिए एक लिहाज से जीवनदायनी साबित हो सकता है. अब नरसिंह को भारत के लिए ओलंपिक खेलने का एक और मौका मिल सकता है.
अगर इस साल ओलंपिक का आयोजन होता तो फिर 31 साल के नरसिंह को ओलंपिक खेलने के लिए चार साल का इंतजार करना पड़ता लेकिन महामारी के कारण ओलंपिक एक साल के लिए टल गया और वहीं नरसिंह का डोपिंग सम्बंधी बैन जुलाई में खत्म हो रहा है. ऐसे में मुम्बई के इस पहलवान को अपने सपने को जीने का एक और मौका मिलता दिखाई दे रहा है.
नेशनल कैम्प में नरसिंह का नाम शामिल किया जा चुका है. ये कैम्प एक सितम्बर से सोनीपत में शुरू हो रहा है. इसी जगह पर नरसिंह ने दावा किया था कि उनका करियर खराब करने के लिए डोप स्टोरी प्लान किया गया था. बाद में उनके दावे गलत साबित हुए थे और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगाया गया था.
नरसिंह को अब दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा. दोनों ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल्स में 74 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगे.
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि नरसिंह को कमेटी ने अभ्यास करने की अनुमति दे दी है.
तोमर ने कहा, "नरसिंह ने समिति से अनुरोध किया था और कहा था कि वो भविष्य में सावधान रहेंगे. इसी कारण हमने उन्हें कैम्प के लिए अनुमति दे दी है. उनका बैन जुलाई में समाप्त हो रहा है और उन्हें ओलंपिक में खेलने का पूरा हक है."
ये पूछे जाने पर कि क्या सुशील और नरसिंह का मुकाबला हो सकता है, तोमर ने कहा, "भारत अब तक 74 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा नहीं मिला है. इसलिए ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले इस कटेगरी में ट्रायल्स होंगे सुशील, नरसिंह और अन्य पहलवानों को इस ट्रायल में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा."
काफी लम्बे अरसे के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने एलीट महिला एवं पुरुष कुश्ती कैम्प की इजाजत दी है. पुरुष कैम्प सोनीपत में 1 से 30 सितम्बर के बीच होगा और इसी दौरान लखनऊ में महिला कैम्प आयोजित होगा.
इस कैम्प में वो खिलाड़ी भी शरीक होंगे, जो टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं.