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डोपिंग के आरोपों से बरी होने के बाद अर्जुन अवॉर्ड की दौड़ में शामिल हुई भारोत्तोलक संजीता चानू -  संजीता चानू news

डोपिंग के आरोपों से बरी भारोत्तोलक संजीता चानू दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो सकती है. भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि संजीता के मामले पर जल्दी ही गौर किया जाएगा.

Sanjita Chanu
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Published : Jun 11, 2020, 10:38 AM IST

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) द्वारा डोपिंग के आरोपों से बरी राष्ट्रमंडल खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक संजीता चानू दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो सकती है.

तीन साल पहले अर्जुन पुरस्कार के लिए अनदेखी होने पर संजीता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी जिसमें पुरस्कार समिति के फैसले को चुनौती दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान ही मई 2018 में उसे प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया.

Sanjita Chanu, Arjuna award
संजीता चानू

अदालत ने हालांकि अगस्त 2018 के फैसले में पुरस्कार समिति से उसके नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिए गौर करने को कहा और फैसला सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा.

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने बुधवार को खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर अदालत के फैसले पर अमल का आग्रह किया. पत्र में कहा गया, "अब अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने संजीता को क्लीन चिट दे दी है तो 30 अगस्त 2018 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर अमल होना चाहिए और संजीता को 2017 के लिए अर्जुन पुरस्कार दिया जाना चाहिए."

Sanjita Chanu, Arjuna award
अर्जुन अवॉर्ड

महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि संजीता के मामले पर जल्दी ही गौर किया जाएगा.

बता दें कि आईडब्ल्यूएफ ने भारतीय भारोत्तोलक के संजीता चानू के खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोपों को उनके नमूनों में एकरूपता नहीं पाए जाने के कारण खारिज कर दिया जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की.

Sanjita Chanu, Arjuna award
संजीता चानू

चानू ने मणिपुर से मीडिया से कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि आखिर में मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन इस बीच मैंने जो मौके गंवाए उनका क्या होगा. मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा."

चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने अपने कड़े रवैये से उनसे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका छीन दिया और उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए उसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए.

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) द्वारा डोपिंग के आरोपों से बरी राष्ट्रमंडल खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक संजीता चानू दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो सकती है.

तीन साल पहले अर्जुन पुरस्कार के लिए अनदेखी होने पर संजीता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी जिसमें पुरस्कार समिति के फैसले को चुनौती दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान ही मई 2018 में उसे प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया.

Sanjita Chanu, Arjuna award
संजीता चानू

अदालत ने हालांकि अगस्त 2018 के फैसले में पुरस्कार समिति से उसके नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिए गौर करने को कहा और फैसला सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा.

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने बुधवार को खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर अदालत के फैसले पर अमल का आग्रह किया. पत्र में कहा गया, "अब अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने संजीता को क्लीन चिट दे दी है तो 30 अगस्त 2018 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर अमल होना चाहिए और संजीता को 2017 के लिए अर्जुन पुरस्कार दिया जाना चाहिए."

Sanjita Chanu, Arjuna award
अर्जुन अवॉर्ड

महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि संजीता के मामले पर जल्दी ही गौर किया जाएगा.

बता दें कि आईडब्ल्यूएफ ने भारतीय भारोत्तोलक के संजीता चानू के खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोपों को उनके नमूनों में एकरूपता नहीं पाए जाने के कारण खारिज कर दिया जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की.

Sanjita Chanu, Arjuna award
संजीता चानू

चानू ने मणिपुर से मीडिया से कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि आखिर में मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन इस बीच मैंने जो मौके गंवाए उनका क्या होगा. मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा."

चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने अपने कड़े रवैये से उनसे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका छीन दिया और उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए उसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए.

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