विजेंदर ने जब पेशेवर मुक्केबाजी की शुरुआत की थी तब आमिर ने कहा था कि भारतीय मुक्केबाज ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएंगे. आमिर ने हाल ही में विजेंदर को चुनौती भी दी थी. न्यूजर्सी में हाल ही में अमेरिका के माइक स्नाइडर को मात दे पेशेवर मुक्केबाजी में अजेय रिकार्ड कायम रखा.
जूनियर मुक्केबाज को हराया
अमेरिका से लौटने के बाद विजेंदर को एक कार्यक्रम के दौरान आमिर पर पूछे गए सवाल पर विजेंदर ने कहा, "मैं तो तैयार हूं. आप उनसे बात कीजिए. वो इस समय बच्चों के साथ मुकाबला कर रहे हैं. आपने देखा हो तो उसने अभी किसी जूनियर मुक्केबाज को हराया है.
भारवर्ग में अंतर
दोनों मुक्केबाजों के भारवर्ग में हालांकि अंतर है. विजेंदर का भारवर्ग आमिर से ज्यादा है. विजेंदर ने कहा कि मुकाबले के लिए वो अपने वजन को कम करने के लिए तैयार हैं बशर्त आमिर भी अपना वजन बढ़ाए? विजेंदर ने कहा, "मैच के लिए दोनों को थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा. मैं अपना वजन कम करने के लिए तैयार हूं लेकिन उन्हें भी थोड़ा वजन बढ़ाना होगा."
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अमेरिका में विजेंदर का यह पहला मुकाबला था, जिसमें उन्होंने स्नाइडर को नॉकआउट में मात दी थी. विजेंदर ने कहा कि वो अभी आने वाले साल में दो और मुकाबले खेलेंगे और अगले साल यानी 2020 में विश्व खिताब की कोशिश करेंगे.
अमेरिका में खेलकर खुश हूं
विजेंदर ने कहा, "अमेरिका में मैं अपने पदार्पण से काफी खुश हूं. काफी कुछ सीखने को मिला. मुझे स्नाइडर के बारे में ज्यादा पता नहीं था. मुझे ली बीयर्ड ने यूट्यूब पर एक मुकाबला उसका दिखाया था लेकिन उससे ज्यादा पता नहीं था. स्नाइडर ने मुझे पहले राउंड में एक पंच मारा भी था तो मुझे लगा कि अब मैं वाकई में अमेरिका में लड़ रहा हूं, लेकिन एक बार जब मैंने लय पकड़ी तो सब सही हो गया."
मुक्केबाजी क्लब खोलना चाहते हैं
विजेंदर ने कहा, "अमेरिका में एक-दो मुकाबले और हैं. सितंबर-अक्टूबर में एक मुकाबला करने की सोच रहे हैं और फिर जनवरी-फरवरी में भी एक मुकाबला करने की सोच रहे हैं. उम्मीद है कि अगर सब कुछ अच्छा रहा था हम 2020 में विश्व खिताब के लिए कोशिश करेंगे." विंजेदर ने साथ ही बताया कि वो जल्दी राष्ट्रीय राजधानी में मुक्केबाजी क्लब खोलना चाहते हैं.
100-150 मुक्केबाज होंगे
बीजिंग ओलम्पिक-2008 कांस्य पदक विजेता विजेंदर ने कहा, "मैं चाहता हूं कि मुक्केबाजी देश के कोने-कोने में मशहूर हो. इसलिए मैं विजेंदर बॉक्सिंग क्लब के नाम से एक क्लब खोलना चाहता हूं. जिसमें ज्यादा से ज्यादा बच्चे होंगे. वहां एक महीने में कम से कम एक बार में वहां जाकर बच्चों से मुलाकात करूं. नई दिल्ली से शुरुआत करेंगे. 100-150 मुक्केबाज होंगे. हम उन्हें मुक्केबाजी के उपकरण देंगे ताकि जो भटका हुआ युवा है वो सही रास्ते पर आए. एक महीने के अंदर हम सभी चीजें शुरू कर देंगे."
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विजेंदर ने हाल में लोकसाभ चुनावों में कदम रखा था लेकिन हार गए उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दोबारा मौका मिलेगा तो वह एक बार फिर राजनीति में हाथ आजमाना चाहेंगे लेकिन साथ ही कहा कि वो मुक्केबाजी कभी नहीं छोड़ेंगे क्योंकि इसी खेल से उनकी पहचान है.