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कोरोना महामारी के बीच जापान में ओलंपिक करवाने को लेकर जानिए क्या है भारतीय की राय

इस मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनी IPSOS द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, दो में से केवल एक (54 प्रतिशत) भारतीय ओलंपिक के आयोजन के पक्ष में है.

Urban Indians want Olympics to be hosted by Japanese anyhow: Survey
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Published : Jul 16, 2021, 11:53 AM IST

मुंबई: कोविड-19 महामारी के कारण 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों के मेजबान देश जापान में इमर्जेंसी की स्थिती होने के कारण दुनिया भर में राय बंटी हुई है कि क्या टोक्यो को खेलों की मेजबानी करनी चाहिए या नहीं?

वहीं इस मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनी IPSOS द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, दो में से केवल एक (54 प्रतिशत) भारतीय ओलंपिक के आयोजन के पक्ष में है.

देखिए वीडियो

हालांकि, सर्वेक्षण में पाया गया कि 70 फीसदी शहरी भारतीय टोक्यो ओलंपिक में सबसे अधिक रुचि रखते हैं.

28 बाजारों में किए गए IPSOS ग्लोबल सर्वे में पाया गया कि 10 में से छह वैश्विक नागरिक और 78 प्रतिशत जापानी नागरिक अब ओलंपिक आयोजित करने का विरोध करते हैं.

लेकिन तुर्की (71 फीसदी), सऊदी अरब (66 फीसदी), रूस (61 फीसदी) और पोलैंड (60 फीसदी) जैसे देश हैं जहां खेलों के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन है. IPSOS ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ओलंपिक की मेजबानी के खिलाफ देश दक्षिण कोरिया (86 फीसदी), जापान (78 फीसदी ) और अर्जेंटीना (69 फीसदी) हैं.

ओलंपिक का समर्थन करने वाले शहरी आबादी वाले देशों में, दक्षिण अफ्रीका (59 फीसदी), चीन (57 फीसदी), पोलैंड (56 फीसदी) और तुर्की (56 फीसदी) ने भारत का साथ दिया है.

भारत में, IPSOS द्वारा 500 में से एक सैमप्ल का सर्वेक्षण किया गया था.

ये भी पढ़ें- दिशा-निर्देश: पदक समारोह के दौरान प्रतिभागियों को हमेशा मास्क पहनना होगा

सबसे कम दिलचस्पी वाले देशों में बेल्जियम (72 फीसदी), दक्षिण कोरिया (70 फीसदी), जापान (68 फीसदी), फ्रांस (68 फीसदी) और जर्मनी (67 फीसदी) शामिल हैं.

हालांकि सर्वेक्षण ने निष्कर्ष निकाला कि बड़ी संख्या में लोगों ने विश्व स्तर पर इसका विरोध किया, इस तथ्य के लिए भारी समर्थन था कि ओलंपिक का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है - कम से कम 80 प्रतिशत वैश्विक नागरिकों ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया जबकि 90 प्रतिशत शहरी भारतीयों और 59 प्रतिशत जापानी इस पर भी सहमत हुए.

कुल मिलाकर, सर्वेक्षण में पाया गया कि शहरी भारतीय फुटबॉल (37 फीसदी), बैडमिंटन (36 फीसदी), टेनिस (28 फीसदी), एथलेटिक्स (26 फीसदी), मुक्केबाजी (17 फीसदी) और साइकिलिंग (14 फीसदी) में सबसे अधिक रुचि रखते हैं.

फुटबॉल/सॉकर (30 फीसदी), एथलेटिक्स/ट्रैक एंड फील्ड (27 फीसदी), जिमनास्टिक (21 फीसदी), वॉलीबॉल (13 फीसदी), टेनिस (12 फीसदी), देखने के लिए वैश्विक नागरिक सबसे अधिक उत्सुक थे. बास्केटबाल (12 फीसदी), साइकिलिंग (10 फीसदी), मुक्केबाजी (8 फीसदी) और बैडमिंटन (6 फीसदी) का अगला नम्बर है.

ओलंपिक के लिए जाने वाले एथलीटों को टीकाकरण में प्राथमिकता मिलने का भी समर्थन था, जिसमें 10 वैश्विक नागरिकों में से कम से कम सात ने इसका समर्थन किया था.

मुंबई: कोविड-19 महामारी के कारण 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों के मेजबान देश जापान में इमर्जेंसी की स्थिती होने के कारण दुनिया भर में राय बंटी हुई है कि क्या टोक्यो को खेलों की मेजबानी करनी चाहिए या नहीं?

वहीं इस मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनी IPSOS द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, दो में से केवल एक (54 प्रतिशत) भारतीय ओलंपिक के आयोजन के पक्ष में है.

देखिए वीडियो

हालांकि, सर्वेक्षण में पाया गया कि 70 फीसदी शहरी भारतीय टोक्यो ओलंपिक में सबसे अधिक रुचि रखते हैं.

28 बाजारों में किए गए IPSOS ग्लोबल सर्वे में पाया गया कि 10 में से छह वैश्विक नागरिक और 78 प्रतिशत जापानी नागरिक अब ओलंपिक आयोजित करने का विरोध करते हैं.

लेकिन तुर्की (71 फीसदी), सऊदी अरब (66 फीसदी), रूस (61 फीसदी) और पोलैंड (60 फीसदी) जैसे देश हैं जहां खेलों के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन है. IPSOS ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ओलंपिक की मेजबानी के खिलाफ देश दक्षिण कोरिया (86 फीसदी), जापान (78 फीसदी ) और अर्जेंटीना (69 फीसदी) हैं.

ओलंपिक का समर्थन करने वाले शहरी आबादी वाले देशों में, दक्षिण अफ्रीका (59 फीसदी), चीन (57 फीसदी), पोलैंड (56 फीसदी) और तुर्की (56 फीसदी) ने भारत का साथ दिया है.

भारत में, IPSOS द्वारा 500 में से एक सैमप्ल का सर्वेक्षण किया गया था.

ये भी पढ़ें- दिशा-निर्देश: पदक समारोह के दौरान प्रतिभागियों को हमेशा मास्क पहनना होगा

सबसे कम दिलचस्पी वाले देशों में बेल्जियम (72 फीसदी), दक्षिण कोरिया (70 फीसदी), जापान (68 फीसदी), फ्रांस (68 फीसदी) और जर्मनी (67 फीसदी) शामिल हैं.

हालांकि सर्वेक्षण ने निष्कर्ष निकाला कि बड़ी संख्या में लोगों ने विश्व स्तर पर इसका विरोध किया, इस तथ्य के लिए भारी समर्थन था कि ओलंपिक का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है - कम से कम 80 प्रतिशत वैश्विक नागरिकों ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया जबकि 90 प्रतिशत शहरी भारतीयों और 59 प्रतिशत जापानी इस पर भी सहमत हुए.

कुल मिलाकर, सर्वेक्षण में पाया गया कि शहरी भारतीय फुटबॉल (37 फीसदी), बैडमिंटन (36 फीसदी), टेनिस (28 फीसदी), एथलेटिक्स (26 फीसदी), मुक्केबाजी (17 फीसदी) और साइकिलिंग (14 फीसदी) में सबसे अधिक रुचि रखते हैं.

फुटबॉल/सॉकर (30 फीसदी), एथलेटिक्स/ट्रैक एंड फील्ड (27 फीसदी), जिमनास्टिक (21 फीसदी), वॉलीबॉल (13 फीसदी), टेनिस (12 फीसदी), देखने के लिए वैश्विक नागरिक सबसे अधिक उत्सुक थे. बास्केटबाल (12 फीसदी), साइकिलिंग (10 फीसदी), मुक्केबाजी (8 फीसदी) और बैडमिंटन (6 फीसदी) का अगला नम्बर है.

ओलंपिक के लिए जाने वाले एथलीटों को टीकाकरण में प्राथमिकता मिलने का भी समर्थन था, जिसमें 10 वैश्विक नागरिकों में से कम से कम सात ने इसका समर्थन किया था.

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