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सुशील के खिलाफ लुकआउट नोटिस कुश्ती की छवि खराब कर सकता है: कोच - wrestling news

भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील पर छत्रसाल स्टेडियम में हुए हत्याकांड में शामिल रहने का आरोप है. चार मई को पहलवानों के ग्रुप के बीच हुई हाथापाई में 23 वर्षीय पूर्व अंतरराष्ट्रीय ग्रीको रोमन पहलवान सागर धनकर की मौत हुई थी.

Sushil kumar coach on FIR against wrestler
Sushil kumar coach on FIR against wrestler
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Published : May 12, 2021, 9:19 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और कोच वीरेंद्र कुमार का कहना है कि दिल्ली पुलिस के पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ जारी किए गए लुकआउट नोटिस कुश्ती की छवि खराब कर सकता है.

भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील पर छत्रसाल स्टेडियम में हुए हत्याकांड में शामिल रहने का आरोप है. चार मई को पहलवानों के ग्रुप के बीच हुई हाथापाई में 23 वर्षीय पूर्व अंतरराष्ट्रीय ग्रीको रोमन पहलवान सागर धनकर की मौत हुई थी.

दिल्ली पुलिस ने सुशील के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था और पुलिस के अनुसार सुशील फरार हैं.

1992 में विश्व जूनियर चैंपियन में 58 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले वीरेंद्र इस मामले का कुश्ती पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं.

वीरेंद्र ने आईएएनएस से कहा, "जो माता-पिता अपने बच्चों को अभ्यास के लिए भेजते हैं वो डर जाएंगे. घर का बड़ा सदस्य युवाओं को कुश्ती की ट्रेनिंग में भेजने से डरेगा क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उसका बच्चा किसी गलत संगती का हिस्सा बने."

50 वर्षी कोच ने कहा, "जब सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता तो इसने भारतीय पहलवानों की सोच को बदला और इन लोगों का लगा कि ये भी विश्व स्तर पर पदक जीत सकते हैं."

उन्होंने कहा, "लेकिन सुशील जैसे पहलवान का इस मामले में नाम सामने आना और दिल्ली पुलिस का उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करना पहलवानों के लिए गलत संदेश देगा. अगर युवा एथलीट अनुशासित नहीं हैं तो वह कभी अच्छे खिलाड़ी या नागरिक नहीं बन सकते हैं."

वीरेंद्र का सुशील और उनके ससुर सत्पाल के साथ लंबा रिश्ता रहा है. वह सत्पाल की बहन के पति भी हैं. उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में ही कुश्ती के गुर सीखे थे और बाद में वह यहां के कोच बने.

वीरेंद्र ने कहा, "छत्रसाल स्टेडियम की बुनियाद 1982 में एशिया खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सत्पाल सिंह द्वारा रखी गई. पहले ग्रुप में पांच या छह पहलवान थे जिसमें से एक मैं था."

वीरेंद्र ने कुछ समय के लिए दिल्ली सरकार के साथ कोच के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में 10 से 15 आयु वर्ग के करीब 200 से ज्यादा पहलवान छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेते हैं.

वीरेंद्र ने कहा, "रवि दहिया और सुमित मलिक सहित कुछ सीनियर पहलवान जो आने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए हैं, इन सब लोगों ने भी इस स्टेडियम में ट्रेनिंग ली है."

2008 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद सुशील ने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था. उन्होंने 2010 में मॉस्को विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता था. इसके अलावा सुशील ने 2010, 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे.

नई दिल्ली: पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और कोच वीरेंद्र कुमार का कहना है कि दिल्ली पुलिस के पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ जारी किए गए लुकआउट नोटिस कुश्ती की छवि खराब कर सकता है.

भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील पर छत्रसाल स्टेडियम में हुए हत्याकांड में शामिल रहने का आरोप है. चार मई को पहलवानों के ग्रुप के बीच हुई हाथापाई में 23 वर्षीय पूर्व अंतरराष्ट्रीय ग्रीको रोमन पहलवान सागर धनकर की मौत हुई थी.

दिल्ली पुलिस ने सुशील के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था और पुलिस के अनुसार सुशील फरार हैं.

1992 में विश्व जूनियर चैंपियन में 58 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले वीरेंद्र इस मामले का कुश्ती पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं.

वीरेंद्र ने आईएएनएस से कहा, "जो माता-पिता अपने बच्चों को अभ्यास के लिए भेजते हैं वो डर जाएंगे. घर का बड़ा सदस्य युवाओं को कुश्ती की ट्रेनिंग में भेजने से डरेगा क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उसका बच्चा किसी गलत संगती का हिस्सा बने."

50 वर्षी कोच ने कहा, "जब सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता तो इसने भारतीय पहलवानों की सोच को बदला और इन लोगों का लगा कि ये भी विश्व स्तर पर पदक जीत सकते हैं."

उन्होंने कहा, "लेकिन सुशील जैसे पहलवान का इस मामले में नाम सामने आना और दिल्ली पुलिस का उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करना पहलवानों के लिए गलत संदेश देगा. अगर युवा एथलीट अनुशासित नहीं हैं तो वह कभी अच्छे खिलाड़ी या नागरिक नहीं बन सकते हैं."

वीरेंद्र का सुशील और उनके ससुर सत्पाल के साथ लंबा रिश्ता रहा है. वह सत्पाल की बहन के पति भी हैं. उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में ही कुश्ती के गुर सीखे थे और बाद में वह यहां के कोच बने.

वीरेंद्र ने कहा, "छत्रसाल स्टेडियम की बुनियाद 1982 में एशिया खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सत्पाल सिंह द्वारा रखी गई. पहले ग्रुप में पांच या छह पहलवान थे जिसमें से एक मैं था."

वीरेंद्र ने कुछ समय के लिए दिल्ली सरकार के साथ कोच के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में 10 से 15 आयु वर्ग के करीब 200 से ज्यादा पहलवान छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेते हैं.

वीरेंद्र ने कहा, "रवि दहिया और सुमित मलिक सहित कुछ सीनियर पहलवान जो आने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए हैं, इन सब लोगों ने भी इस स्टेडियम में ट्रेनिंग ली है."

2008 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद सुशील ने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था. उन्होंने 2010 में मॉस्को विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता था. इसके अलावा सुशील ने 2010, 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे.

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