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शटलर साइना नेहवाल ने बच्चों को दिए टिप्स, कहा- सोशल मीडिया से दूर रहें और अपने गेम पर फोकस रखें - UP News

बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (Shuttler Saina Nehwal) ने बच्चों को बताया कि बचपन में जब उन्होंने खेलना आरंभ किया था, तब न तो उनका कोई रोल मॉडल था और न ही उनके पास कोई प्रशिक्षक ही था. मगर उनके माता-पिता की प्रेरणा उनके साथ थी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 17, 2023, 7:37 PM IST

Updated : Dec 17, 2023, 8:20 PM IST

इटावा के स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करतीं बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल.

इटावा: बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल रविवार को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल के वार्षिक उत्सव में शामिल हुई. यहां उन्होंने छात्रों को मोटिवेट किया. बच्चों को सोशल मीडिया और मोबाइल से दूरी बनाए रखने की अपील की. कहा कि बच्चों पर मोबाइल का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इससे बचने की जरूरत है. मोबाइल के कारण बच्चे फील्ड में नहीं जा रहे. इस ओर ध्यान देने की बड़ी जरूरत है. कॉरपोरेट हाउस और सरकार को बैडमिन्टन को क्रिकेट की तरह बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए.

दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर साइना नेहवाल ने कहा कि उन्हें उस दिन सर्वाधिक गर्व महसूस होगा, जिस दिन हमारा भारत देश "स्पोर्ट्स कंट्री" के रूप में पहचाना जाएगा. साइना नेहवाल ने कहा कि उन्होंने बचपन में जब बैडमिंटन खेलना आरंभ किया था, तब न तो उनका कोई रोल मॉडल था और न ही उनके पास कोई प्रशिक्षक ही था.

मगर उनके माता-पिता की प्रेरणा उनके साथ थी. शनै शनै वह बैडमिंटन में पारंगत होती गईं. जब 2010 में वह ओलंपिक में पहली बार पदक जीतने से चूक गईं, तो वह रात भर रोई थीं. मगर, सुबह से ही नई ऊर्जा के साथ प्रेक्टिस में जुट गई थीं और फिर उन्होंने देश का नाम गौरवान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और न ही पीछे मुड़कर देखा.

आज के बच्चों के लिए रोल मॉडल बनने के लिए खेलों में तेंदुलकर, विराट, धौनी आदि खिलाड़ी हैं. मेरे से भी बच्चे प्रेरणा ले सकते हैं. लोगों में अभी अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और पीसीएस बनाने की ललक है. मगर, अब बच्चे खिलाड़ी बनकर बहुत ऊंचाई पा सकते हैं. न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने स्कूल और देश का नाम गौरवान्वित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः साईं सुदर्शन ने अपने डेब्यू मैच में बिखेरी चमक, साउथ अफ्रीका के खिलाफ जड़ा पहला अर्धशतक

इटावा के स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करतीं बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल.

इटावा: बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल रविवार को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल के वार्षिक उत्सव में शामिल हुई. यहां उन्होंने छात्रों को मोटिवेट किया. बच्चों को सोशल मीडिया और मोबाइल से दूरी बनाए रखने की अपील की. कहा कि बच्चों पर मोबाइल का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इससे बचने की जरूरत है. मोबाइल के कारण बच्चे फील्ड में नहीं जा रहे. इस ओर ध्यान देने की बड़ी जरूरत है. कॉरपोरेट हाउस और सरकार को बैडमिन्टन को क्रिकेट की तरह बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए.

दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर साइना नेहवाल ने कहा कि उन्हें उस दिन सर्वाधिक गर्व महसूस होगा, जिस दिन हमारा भारत देश "स्पोर्ट्स कंट्री" के रूप में पहचाना जाएगा. साइना नेहवाल ने कहा कि उन्होंने बचपन में जब बैडमिंटन खेलना आरंभ किया था, तब न तो उनका कोई रोल मॉडल था और न ही उनके पास कोई प्रशिक्षक ही था.

मगर उनके माता-पिता की प्रेरणा उनके साथ थी. शनै शनै वह बैडमिंटन में पारंगत होती गईं. जब 2010 में वह ओलंपिक में पहली बार पदक जीतने से चूक गईं, तो वह रात भर रोई थीं. मगर, सुबह से ही नई ऊर्जा के साथ प्रेक्टिस में जुट गई थीं और फिर उन्होंने देश का नाम गौरवान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और न ही पीछे मुड़कर देखा.

आज के बच्चों के लिए रोल मॉडल बनने के लिए खेलों में तेंदुलकर, विराट, धौनी आदि खिलाड़ी हैं. मेरे से भी बच्चे प्रेरणा ले सकते हैं. लोगों में अभी अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और पीसीएस बनाने की ललक है. मगर, अब बच्चे खिलाड़ी बनकर बहुत ऊंचाई पा सकते हैं. न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने स्कूल और देश का नाम गौरवान्वित कर सकते हैं.

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Last Updated : Dec 17, 2023, 8:20 PM IST
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