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टोक्यो ओलंपिक के बाद संन्यास पर फैसला ले सकती हैं सरिता देवी - विश्व चैंपियनशिप

स्टार महिला मुक्केबाज सरिता देवी ने कहा है कि वो संन्यास पर अभी कुछ भी नहीं कह सकती हैं. टोक्यो ओलंपिक के बाद वो अपने करियर के बारे में कुछ फैसला ले सकती हैं.

Sarita Dev
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Published : Sep 28, 2019, 5:13 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 9:02 AM IST

नई दिल्ली: पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी ने शुक्रवार को कहा कि वो अगले साल टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के बाद संन्यास पर फैसला करेंगी जहां उनका लक्ष्य पदक जीतने का होगा.

सैंतीस साल की सरिता के नाम विश्व चैंपियनशिप के तीन पदक है. उन्होंने 2006 में स्वर्ण के अलावा 2005 और 2008 में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों (2014) में कांस्य और राष्ट्रमंडल खेलों (2014) में रजत पदक हासिल किया था.

स्टार महिला मुक्केबाज सरिता देवी
स्टार महिला मुक्केबाज सरिता देवी

मणिपुर की इस खिलाड़ी को अब तक ओलंपिक में सफलता नहीं मिली है. वो अपने करियर को खत्म करने से पहले इन खेलों में पदक जीतना चाहती है.

सरिता ने कहा,"मैंने मुक्केबाजी खेलना सिर्फ एक वजह से जारी रखा है जोकि ओलंपिक पदक है. मैंने जिन प्रतियोगिताओं में भाग लिया है उनमें पदक हासिल किया है. सिर्फ ओलंपिक का पदक ऐसा है जो मेरे पास नहीं है और मैं टोक्यो में उसे हासिल करने को लेकर बेकरार हूं."

संन्यास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,"मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकती हूं. मैं टोक्यो ओलंपिक के बाद अपने करियर के बारे में कुछ फैसला करुंगी."

सरिता और दिग्गज मैरीकाम रूस के उलान उडे में तीन से 13 अक्टूबर तक होने वाली महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 10 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करेंगी.

पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी
पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी

सरिता इस टूर्नामेंट में पदक जीतकर 11 साल के सूखे को खत्म करना चाहती है.

उन्होंने कहा,"पिछले 10 वर्षों में मैंने जब भी विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया मैं अच्छा खेली और जीत के करीब पहुंचकर हार गई हूं. ऐसे में मेरे लिए ये बड़ी चुनौती है. मैंने काफी मेहनत की है और तकनीक में बदलाव किए है. ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार पदक जीतूंगी."

नई दिल्ली: पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी ने शुक्रवार को कहा कि वो अगले साल टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के बाद संन्यास पर फैसला करेंगी जहां उनका लक्ष्य पदक जीतने का होगा.

सैंतीस साल की सरिता के नाम विश्व चैंपियनशिप के तीन पदक है. उन्होंने 2006 में स्वर्ण के अलावा 2005 और 2008 में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों (2014) में कांस्य और राष्ट्रमंडल खेलों (2014) में रजत पदक हासिल किया था.

स्टार महिला मुक्केबाज सरिता देवी
स्टार महिला मुक्केबाज सरिता देवी

मणिपुर की इस खिलाड़ी को अब तक ओलंपिक में सफलता नहीं मिली है. वो अपने करियर को खत्म करने से पहले इन खेलों में पदक जीतना चाहती है.

सरिता ने कहा,"मैंने मुक्केबाजी खेलना सिर्फ एक वजह से जारी रखा है जोकि ओलंपिक पदक है. मैंने जिन प्रतियोगिताओं में भाग लिया है उनमें पदक हासिल किया है. सिर्फ ओलंपिक का पदक ऐसा है जो मेरे पास नहीं है और मैं टोक्यो में उसे हासिल करने को लेकर बेकरार हूं."

संन्यास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,"मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकती हूं. मैं टोक्यो ओलंपिक के बाद अपने करियर के बारे में कुछ फैसला करुंगी."

सरिता और दिग्गज मैरीकाम रूस के उलान उडे में तीन से 13 अक्टूबर तक होने वाली महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 10 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करेंगी.

पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी
पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी

सरिता इस टूर्नामेंट में पदक जीतकर 11 साल के सूखे को खत्म करना चाहती है.

उन्होंने कहा,"पिछले 10 वर्षों में मैंने जब भी विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया मैं अच्छा खेली और जीत के करीब पहुंचकर हार गई हूं. ऐसे में मेरे लिए ये बड़ी चुनौती है. मैंने काफी मेहनत की है और तकनीक में बदलाव किए है. ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार पदक जीतूंगी."

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टोक्यो ओलंपिक के बाद संन्यास पर फैसला ले सकती हैं सरिता देवी



 



मुक्केबाज सरिता देवी ने कहा है कि संन्यास पर मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकती हूं. मैं टोक्यो ओलंपिक के बाद अपने करियर के बारे में कुछ फैसला करुंगी.



नई दिल्ली: पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज सरिता देवी ने शुक्रवार को कहा कि वो अगले साल टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के बाद संन्यास पर फैसला करेंगी जहां उनका लक्ष्य पदक जीतने का होगा.



सैंतीस साल की सरिता के नाम विश्व चैंपियनशिप के तीन पदक है. उन्होंने 2006 में स्वर्ण के अलावा 2005 और 2008 में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों (2014) में कांस्य और राष्ट्रमंडल खेलों (2014) में रजत पदक हासिल किया था.



मणिपुर की इस खिलाड़ी को अब तक ओलंपिक में सफलता नहीं मिली है. वो अपने करियर को खत्म करने से पहले इन खेलों में पदक जीतना चाहती है.



सरिता ने कहा,"मैंने मुक्केबाजी खेलना सिर्फ एक वजह से जारी रखा है जोकि ओलंपिक पदक है. मैंने जिन प्रतियोगिताओं में भाग लिया है उनमें पदक हासिल किया है. सिर्फ ओलंपिक का पदक ऐसा है जो मेरे पास नहीं है और मैं टोक्यो में उसे हासिल करने को लेकर बेकरार हूं."



संन्यास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,"मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकती हूं. मैं टोक्यो ओलंपिक के बाद अपने करियर के बारे में कुछ फैसला करुंगी."



सरिता और दिग्गज मैरीकाम रूस के उलान उडे में तीन से 13 अक्टूबर तक होने वाली महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 10 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करेंगी.



सरिता इस टूर्नामेंट में पदक जीतकर 11 साल के सूखे को खत्म करना चाहती है.



उन्होंने कहा,"पिछले 10 वर्षों में मैंने जब भी विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया मैं अच्छा खेली और जीत के करीब पहुंचकर हार गई हूं. ऐसे में मेरे लिए ये बड़ी चुनौती है. मैंने काफी मेहनत की है और तकनीक में बदलाव किए है. ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार पदक जीतूंगी."


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Last Updated : Oct 2, 2019, 9:02 AM IST
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