लुसाने: खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने रूस को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक, 2022 बीजिंग विंटर ओलंपिक और अन्य विश्व चैम्पियनशिप में अपने झंडे का इस्तेमाल करने से दो साल के लिए बैन कर दिया है. सीएएस का आदेश हालांकि वाडा द्वारा लगाए गए चार साल के बैन को कम करता है.
सीएएस ने अपने आदेश में कहा, "रूस का झंडा (मौजूदा और ऐतिहासिक) दो साल के लिए ओलम्पिक, पैरालम्पिक (विंटर और समर खेल), मान्यता प्राप्त सदस्य द्वारा आयोजित की जाने वाली विश्व चैम्पियनशिप में लहराते हुए दिखाई नहीं देगा."
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Video statement by WADA President @WitoldBanka on today's CAS decision to declare Russian Anti-Doping Agency (RUSADA) as non-compliant: pic.twitter.com/6jpCk35BJl
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इस दो साल के दौरान रूस को किसी भी स्तर की विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.
रूस के खिलाड़ी हालांकि तटस्थ झंडे के तले टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा ले सकते हैं. उन्हें अपने देश का नाम, चिन्ह या रूस की राष्ट्रीय महासंघों के चिन्ह का उपयोग करने की इजाजत नहीं है.
टोक्यो ओलंपिक मशाल रिले का शुभारंभ 100 दिनों में
इस आदेश का मतलब है कि रूस डोपी रोधी एजेंसी (रूसाडा) भी प्रतिबंधित रहेगी.
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IOC statement on the CAS decision in the WADA v. RUSADA arbitration https://t.co/BXznIDAMef
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तीन जज की पीठ रूस के खिलाफ वाडा के आरोपों से काफी हद तक संतुष्ठ दिखी लेकिन यह साफ नहीं हो सका कि उसने वाडा के चार साल के बैन को दो साल का क्यों किया.
सीएएस ने आदेश में कहा है, "जिन पैमानों पर पैनल ने बैन का फैसला लिया है वो उतने व्यापक नहीं हैं जितने वाडा ने बताए हैं. यह हालांकि रूसाडा द्वारा किए गए उल्लंघन को सही नहीं बताता है. आपने आदेश में पैनल ने कानून द्वारा दी गई सीमित ताकत, खासकर विश्व डोपिंग रोधी कोड और आईएससीसीए के मुताबिक फैसला लिया है."