जयपुर. छत्तीसगढ़ में हो रहे 42वें सब जूनियर राष्ट्रीय बॉल बैडमिंटन प्रतियोगिता 2023 में राजस्थान की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए डबल्स इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. राजस्थान ने फाइनल में पिछले साल की विजेता टीम तमिलनाडु को सीधे सेटों में हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता.
राजस्थान राज्य बॉल बैडमिंटन संघ के महासचिव शौकत अली ने कहा कि बेटियों ने प्रदेश को गौरवान्वित किया है. छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए सब जूनियर वर्ग के नेशनल बॉल बैडमिंटन में राजस्थान की बेटियों ने डबल्स के फाइनल में पिछले साल की विजेता टीम तमिलनाडु को सीधे सेटों में हराया है. राजस्थान ने इस स्पर्धा में पहली बार स्वर्ण पदक जीता है. इस टीम में सलोनी, काव्या और प्रांजल ने अपने खेल का लोहा मनवाया है. वहीं, गर्ल्स टीम इवेंट में राजस्थान की खिलाड़ियों ने केरल को तीन सेटों में कड़े संघर्ष में हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है. सलोनी, काव्या और प्रांजल के अलावा खुशी, विभा, सपना, तन्वी, कायनात, चारु और अनामिका इस टीम का हिस्सा रही.
उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट में राजस्थान की काव्या स्वामी को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया है. काव्या और गर्ल्स टीम के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन हुआ है. खास बात ये है कि पहली बार राजस्थान की झोली में बॉल बैडमिंटन खेल में स्वर्ण पदक आया है. उधर, नेशनल बॉल बैडमिंटन प्रतियोगिता में बॉयज टीम भी पहली बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंची. इस टीम का हिस्सा रहे राजकुमार चौधरी को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में चुना गया है. बता दें कि बॉल बैडमिंटन भारत का मूल खेल है, जिसकी शुरुआत तमिलनाडु के एक शाही परिवार की ओर से 1856 में की गई थी. ये खेल रैकेट और ऊन की बनी गेंद से खेला जाता है. सामान्य बैडमिंटन खेल की तरह ही यह खेल एक कोर्ट पर खेला जाता है. ये टीम गेम है, जिसमें 35 अंकों का खेल होता है.