नई दिल्ली : टोक्यो ओलम्पिक-2020 को स्थगित करने से अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) की चुनौतियां बढ़ी हैं जिसे अब 2021 में इन खेलों को पूरा करने के लिए तमाम साधन जुटाने पड़ेंगे. साथ ही बीजिंग में होने वाले शीतकालीन खेल-2022 और डकार में होने वाले यूथ ओलम्पिक खेलों के लिए भी इसी के साथ काम करना होगा.
हमारे लिए चुनौती बढ़ी है
आईओसी ने टोक्यो ओलम्पिक से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए कहा, "खेलों को स्थगित करने से आने वाले महीनों में हमारे लिए चुनौती बढ़ी है. जाहिर सी बात है कि हमें ओलम्पिक खेलों के आयोजन पर ध्यान देना होगा लेकिन साथ ही बीजिंग शीतकालीन ओलम्पिक खेल-2022, यूथ ओलम्पिक खेल डकार-2022 पर भी ध्यान देना है."
हम 'हेयर वी गो' टास्क फोर्स पर निर्भर
उन्होंने कहा, "हमें देखना होगा कि ये काम का बोझ हमारे स्टाफ पर किस तरह से पड़ता है, साथ ही हमें फैसला लेना होगा कि आयोजन समिति के तौर पर अच्छा काम करने के लिए हमें कैसे अपने आप को संगठित करना होगा. हम 'हेयर वी गो' टास्क फोर्स पर निर्भर हैं जो हमें स्थिति का सही आंकलन देगी और साथ ही आने वाली चुनौतियों को लेकर अवगत कराएगी."
एथलीटों की आवाज को ध्यान रखा
आईओसी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "आईओसी ने हमेशा एथलीटों की आवाज को ध्यान में रखा है, जिसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हम अपने एथलीटों के आयोग के साथ निरंतर संपर्क में हैं, जिसका अध्यक्ष IOC कार्यकारी बोर्ड का सदस्य है और किसी भी परामर्श, किसी भी निर्णय और किसी भी वोट में भाग लेता है.