भुवनेश्वर : भारत में आज हॉकी विश्व कप का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को ओपनिंग सेरेमनी के बाद शुक्रवार से हॉकी के मैच शुरू होने जा रहे हैं. सर्वाधिक 4 बार की चैंपियन पाकिस्तान की हॉकी टीम भले ही क्वालीफाई ना कर पाई हो, लेकिन इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन के चेयरमैन के रूप में पाकिस्तान के पूर्व कोच और हॉकी खिलाड़ी तैयब इकराम भुवनेश्वर पहुंच चुके तो उनका जोरदार स्वागत किया गया. इंडियन हॉकी के सेक्रेटरी जनरल भोलानाथ सिंह और कोषाध्यक्ष सेकर जे मनोहरण ने हॉकी के आयोजन में उनका स्वागत किया. वह भारत में हो रहे आयोजन और तैयारियों से काफी खुश नजर आए.
वहीं पाकिस्तान के ओलंपियन और विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे सेंटर फारवर्ड हसन सरदार ने भारतीय हॉकी टीम की जमकर सराहना की है और उसको खिताब जीतने का प्रबल दावेदार बताया है. हसन सरदार ने कहा कि घरेलू मैदान पर खेलने का भारतीय टीम को फायदा मिलेगा.
सेंटर फारवर्ड हसन सरदार का दावा
महान हॉकी खिलाड़ी सेंटर फारवर्ड हसन सरदार ने ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रहे विश्वकप में भारत की संभावनाएं बेहतर है. ओडिशा के शहर भुवनेश्वर और राउरकेला में खेले जा रहे मैच में भारत को ग्रुप डी में स्पेन, इंग्लैंड और वेल्स जैसी टीमों के साथ रखा गया है. हसन सरदार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि टोक्यो ओलंपिक के पहले भी उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी कि भारत ओलंपिक पदक जीत सकता है और भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता था. भारतीय हॉकी टीम ने लगातार अपना फोकस बढ़ाया है. हसन सरदार सिंह ने कहा कि उन्होंने उड़ीसा में हॉकी देखी है. वहां खेलने का अलग माहौल होता है. सरदार ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को शानदार तैयारियों और विश्वकप के आयोजन के लिए बधाई दी. साथ ही साथ उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि वह शानदार खिलाड़ी है. भारत की फारवर्ड लाइन भी काफी मजबूत है. हॉकी के खेल में सबसे अहम गोल करने की बात होती है. यह भारत का मजबूत पक्ष है. भारत गोल करने और फारवर्ड लाइन में अन्य टीमों से मजबूत दिख रहा है.
पाकिस्तानी हॉकी पर चिंता
सरदार ने समीउल्ला खान, कलीमुल्लाह, सोहेल अब्बास, शकील अब्बासी जैसे कई शानदार खिलाड़ी देने वाली पाकिस्तान की हॉकी टीम की ताजा हालत पर निराशा जाहिर की. कहा कि वहां पर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहा है. पाकिस्तान के स्कूल और कॉलेजों में अब हॉकी नहीं खेली जा रही है. लोगों ने अब हॉकी देखना भी बंद कर दिया है. पाकिस्तान के लोग अपनी टीम को हारते हुए नहीं देखना चाहते हैं. हॉकी में अब नए हीरो भी नहीं हैं, आखिर जब टीम जीतेगी ही नहीं तो हीरो कहां से पैदा होंगे. खेल सुविधाओं के अभाव के कारण पाकिस्तान में धीरे-धीरे हॉकी खत्म हो रही है. वहीं भारतीय टीम के बारे में उन्होंने कहा कि एक समय में भारतीय टीम काफी पीछे चली गई थी, लेकिन भारत में जिस तरह से हॉकी के खेल को पुनर्जीवित किया है, वह काबिले तारीफ है. पाकिस्तान को भी कुछ ऐसा ही करना होगा.
आपको याद होगा कि 1982 में मुंबई में खेले गए विश्वकप में 11 गोल करके पाकिस्तान की जीत के सूत्रधार बने सरदार हसन को प्लेयर ऑप द टूर्नामेंट का खिताब मिला था.
15वें हॉकी विश्वकप में हॉकी फेडरेशन के प्रेसीडेंट के रुप में शिरकत कर रहे पूर्व कोच और हॉकी खिलाड़ी तैयब इकराम ने भी भारत की सराहना की है.
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्ते अच्छे ना होने के कारण इसका असर खेल पर भी पड़ रहा है. दोनों देशों के खेलप्रेमी दोनों देशों को आपस में खेलते देखना चाहते हैं. पाकिस्तान की टीम अगर यहां क्वालीफाई करके आती तो इस आयोजन को और भी बड़ा बनाया जा सकता था.
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