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ओलंपियाड चैम्पियन बनने के बाद कई सकारात्मक चीजें शुरू होगी: विश्वनाथन आनंद - विश्वनाथन आनंद

विश्वनाथन आनंद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ओलंपियाड चैम्पियन बनने से कई सकारात्मक चीजें शुरू होगी जिसमें खेल मंत्रालय द्वारा अर्जुन पुरस्कार के लिए पुनर्विचार और शतरंज के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार भी शामिल है."

Vishwanathan Anand
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Published : Sep 1, 2020, 12:45 PM IST

नई दिल्ली: पिछले सात साल से किसी शतरंज खिलाड़ी को अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला है और दिग्गज विश्वनाथन आनंद को उम्मीद है कि शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के चैम्पियन (संयुक्त रूप से) बनने के बाद अगले साल राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में इस खेल से जुड़े किसी खिलाड़ी का नाम होगा.

रविवार को रूस के साथ संयुक्त रूप से विजेता घोषित होने के बाद आनंद ने मीडिया से कहा, "मुझे उम्मीद है कि इससे कई सकारात्मक चीजें शुरू होगी जिसमें खेल मंत्रालय द्वारा अर्जुन पुरस्कार के लिए पुनर्विचार और शतरंज के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार भी शामिल है. बहुत लंबा समय गुजर (जब किसी शतरंज खिलाड़ी को यह पुरस्कार मिला हो) गया है."

Vishwanathan Anand, National Sports Awards, Chess, FIDE
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

आनंद खुद भी अर्जुन पुरस्कार के अलावा देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न के विजेता रहे हैं.

शतरंज के लिए अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले आखिरी खिलाड़ी अभिजीत गुप्ता थे, जिन्हें 2013 में यह पुरस्कार मिला था. शतरंज में सिर्फ दो कोच को ही अब तक द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला है, जिसमें रघुनंदन वसंत गोखले (1986) और कोनेरू अशोक (2006) का नाम शामिल है.

आनंद ने कहा, "कई बार आपको अपनी मौजूदगी का एहसास कराना होता है और मुझे उम्मीद है कि इससे कई चीजों के लिए सकारात्मक प्रेरणा मिलेगी. पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद को भारत के विजेता बनने की उम्मीदों को उस समय झटका लगा था जब निहाल सरीन और दिव्या देशमुख ने सर्वर के साथ कनेक्शन नहीं बन पाने से अपना मैच गंवा दिया."

Vishwanathan Anand, National Sports Awards, Chess, FIDE
विश्वनाथन आनंद

आनंद ने आगे कहा, "मैंने ऐसा सोचा नहीं था. मेरा मतलब है कि स्पष्ट रूप से हमारे पक्ष में सबसे मजबूत तर्क यह था कि सर्वर के साथ कनेक्शन की गलती हमारी तरफ से नहीं थी."

उन्होंने कहा, "इस मामले में यह तुरंत पता चल गया कि हमारी ओर से कोई गलती नहीं है. ऐसे में फिडे को हमारी मांग मांगनी पड़ी."

इस 50 साल के खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि इन मुकाबलों को दोबारा खेला जाएगा.

Vishwanathan Anand, National Sports Awards, Chess, FIDE
फिडे

उन्होंने कहा, "मुझे लगा था कि दूसरे मुकाबले को फिर से खेला जाएगा. आप जानते हैं कि इससे रूस के खिलाड़ी खुश नहीं होते. मुझे लगता है फिडे ने दूसरा रास्ता अपनाया और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया."

आनंद के अलावा भारतीय सीनियर पुरूष टीम में विदित गुजराती (कप्तान), पी. हरिकृष्णा और अरविंद चिदंबरम (रिजर्व) में शामिल थे. सीनियर महिला टीम में कोनेरू हम्पी, द्रोणावल्ली हरिका, भक्ति कुलकर्णी और आर. वैशाली शामिल थी.

नई दिल्ली: पिछले सात साल से किसी शतरंज खिलाड़ी को अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला है और दिग्गज विश्वनाथन आनंद को उम्मीद है कि शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के चैम्पियन (संयुक्त रूप से) बनने के बाद अगले साल राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में इस खेल से जुड़े किसी खिलाड़ी का नाम होगा.

रविवार को रूस के साथ संयुक्त रूप से विजेता घोषित होने के बाद आनंद ने मीडिया से कहा, "मुझे उम्मीद है कि इससे कई सकारात्मक चीजें शुरू होगी जिसमें खेल मंत्रालय द्वारा अर्जुन पुरस्कार के लिए पुनर्विचार और शतरंज के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार भी शामिल है. बहुत लंबा समय गुजर (जब किसी शतरंज खिलाड़ी को यह पुरस्कार मिला हो) गया है."

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राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

आनंद खुद भी अर्जुन पुरस्कार के अलावा देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न के विजेता रहे हैं.

शतरंज के लिए अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले आखिरी खिलाड़ी अभिजीत गुप्ता थे, जिन्हें 2013 में यह पुरस्कार मिला था. शतरंज में सिर्फ दो कोच को ही अब तक द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला है, जिसमें रघुनंदन वसंत गोखले (1986) और कोनेरू अशोक (2006) का नाम शामिल है.

आनंद ने कहा, "कई बार आपको अपनी मौजूदगी का एहसास कराना होता है और मुझे उम्मीद है कि इससे कई चीजों के लिए सकारात्मक प्रेरणा मिलेगी. पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद को भारत के विजेता बनने की उम्मीदों को उस समय झटका लगा था जब निहाल सरीन और दिव्या देशमुख ने सर्वर के साथ कनेक्शन नहीं बन पाने से अपना मैच गंवा दिया."

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विश्वनाथन आनंद

आनंद ने आगे कहा, "मैंने ऐसा सोचा नहीं था. मेरा मतलब है कि स्पष्ट रूप से हमारे पक्ष में सबसे मजबूत तर्क यह था कि सर्वर के साथ कनेक्शन की गलती हमारी तरफ से नहीं थी."

उन्होंने कहा, "इस मामले में यह तुरंत पता चल गया कि हमारी ओर से कोई गलती नहीं है. ऐसे में फिडे को हमारी मांग मांगनी पड़ी."

इस 50 साल के खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि इन मुकाबलों को दोबारा खेला जाएगा.

Vishwanathan Anand, National Sports Awards, Chess, FIDE
फिडे

उन्होंने कहा, "मुझे लगा था कि दूसरे मुकाबले को फिर से खेला जाएगा. आप जानते हैं कि इससे रूस के खिलाड़ी खुश नहीं होते. मुझे लगता है फिडे ने दूसरा रास्ता अपनाया और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया."

आनंद के अलावा भारतीय सीनियर पुरूष टीम में विदित गुजराती (कप्तान), पी. हरिकृष्णा और अरविंद चिदंबरम (रिजर्व) में शामिल थे. सीनियर महिला टीम में कोनेरू हम्पी, द्रोणावल्ली हरिका, भक्ति कुलकर्णी और आर. वैशाली शामिल थी.

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