नई दिल्ली: छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कॉम को ओलम्पिक क्वालीफायर में सीधा प्रवेश देने की बात भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के लिए गले का कांटा बनती जा रही हैं क्योंकि 51 किलोग्राम भारवर्ग की बाकी मुक्केबाज चाहती हैं कि इसके लिए निष्पक्ष ट्रायल्स हों. निखत जरीन पहले ही अपना विरोध जता चुकी हैं और अब पिंकी जांगाड़ा भी इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं.
दो मौकों पर मैरी कॉम को हरा चुकीं पिंकी ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को नेशनल कैम्प में प्रशिक्षकों से पूछा है कि ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए ट्रायल्स का आयोजन क्यों नहीं किया जा रहा और मैरी के लिए नियम क्यों बदले जा रहे हैं? पिंकी इसे लकेर बीएफआई को शनिवार को पत्र लिखेंगी.
दरअसल, बीएफआई ने पहले कहा था कि विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को सीधे ओलम्पिक क्वालीफायर में मौका मिलेगा लेकिन मैरी कॉम कांस्य जीतकर लौटीं और बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि मैरी सीधे ओलम्पिक क्वालीफायर में जाएंगी. वो ट्रायल्स से नहीं गुजरेंगी.
इससे साबित है कि मैरी कॉम को लेकर नियमों की अनदेखी की जा रही है. निखत ने इसे लेकर विरोध जताया. निखत ने विश्व चैम्पियनशिप ट्रॉयल्स से पहले भी विरोध जताया था और अब भी अपने मत पर कायम हैं. निखत ने इसे लेकर खेल मंत्री किरण रिजिजू को भी पत्र लिखा था लेकिन खेल मंत्री ने यह कहते हुए कि टीम के चयन में मंत्री का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, बड़ी चालाकी से खुद को बचा लिया.
पिंकी ने कहा,"मुझे कल ही पता चला है कि अध्यक्ष ने चयन समिति को बोला है कि मैरी कॉम की ट्रायल्स न ली जाएं और उन्हें सीधे क्वालीफिकेशन के लिए भेजा जाए. ये सही नहीं है. विश्व चैम्पियनशिप से पहले भी ऐसा ही हुआ था. तब भी ट्रायल्स नहीं लिए गए थे और तब हमने प्रशिक्षकों को बोला था और आपत्ति जताई थी, लेकिन तब हमसे कहा गया था कि ट्रायल्स क्यों नहीं हो रहे हैं तो प्रशिक्षकों ने कहा था कि क्वालीफायर के लिए अलग नियम हैं. जिनके मुताबिक जो खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत लेकर आएगा तो वो सीधे क्वालीफायर में जाएगा, लेकिन अगर कांस्य आता है या पदक नहीं आता है तो आपको क्वालीफिकेशन के लिए ट्रायल्स देने पड़ेंगे, लेकिन अभी स्पेशल डिमांड अध्यक्ष सर कर रहे हैं. ये गलत है."
उन्होंने कहा,"हम यहां क्या कर रहे हैं. हम नेशनल चैम्पियन बनकर कैम्प में आए. मैं मैरी कॉम को 2014 राष्ट्रमंडल खेलों की ट्रायल्स में हराया था तो अभी क्यों नहीं. ठीक है वो दिग्गज हैं. उन्होंने जो किया है मैं उसका सम्मान करती हूं. लेकिन अगर वो लीजेंड हैं तो ट्रायल्स क्यों नहीं हो रहीं. आप ट्रायल्स देकर जाइए, जीतकर आइए, हमें तो अच्छा लगेगा. आप ट्रायल्स करवाने में डर क्यों रहे हैं? आपका लक्ष्य क्वालीफाई करना है तो हमारा भी वही है. हम भी यहां भारत का प्रतिनिधत्व करना चाहते हैं लेकिन हमें मौका तो मिले. आप सब कुछ अपनी मर्जी से कर रहे हैं. हम भी तो कोई लक्ष्य लेकर चल रहे हैं."
उन्होंने कहा,"मैंने कैम्प में आज प्रशिक्षकों से इस पर सफाई मांगी है कि नियम क्यों बदले जा रहे हैं. अगर सफाई नहीं मिलती है तो मैं सीधे महासंघ को लिखने वाली हूं. बीएफआई को मेल लिखूंगी. सोमवार तक अगर महासंघ की तरफ से कोई जवाब नहीं आता है तो मैं सीधे अध्यक्ष से मिलूंगी."