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Nitu Ghanghas Champion : छह बार की विश्व चैंपियनशिप मेरी कोम हैं नीतू की रोल मॉडल - Nitu Ghanghas

Nitu Ghanghas Champion : हरियाणा के भिवानी की रहने वाली मुक्केबाज नीतू घनघस ने विश्व चैंपियन का खिताब जीत लिया है. नीतू ने मंगोलिया की मुक्केबाज लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को ( 48 किग्रा ) 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता.

Nitu Ghanghas World Boxing Champion inspired By Mary Kom
Nitu Ghanghas
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Published : Mar 26, 2023, 2:24 PM IST

नई दिल्ली : महिला विश्व मुक्केबाजी की नई चैंपियन नीतू घनघस हैं. नीतू ने शुक्रवार को चैंपियन का खिताब जीत कर देशवासियों के सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. विश्व चैंपियन बनने का सफर मुक्केबाज के लिये आसान नहीं था. नीतू मेरी कोम से प्रभावित हैं जो छह बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं. भिवानी की इस मुक्केबाज ने बॉक्सिंग की शुरुआती ट्रेनिंग भिवानी बॉक्सिंग क्लब से ली.

धांसू मुक्केबाज साल 2017 और 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप लाइट फलाईवेइट में दो गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. बॉक्सिंग खेल में चोट से बचा नहीं जा सकता इसलिये नीतू को भी चोटों का सामना करना पड़ा. नीतू ने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था. दो साल की कड़ी मेहनत के बाद उसे राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला. इस टूर्नामेंट में नीतू ने दो मेडल जीत खुद को साबित हुआ.

  • .@NituGhanghas333 gets 🇮🇳's 1⃣ st 🥇 of the IBA Women's Boxing World Championships 2023

    The power boxer defeats 🇲🇳's Altansetseg by unanimous decisiono to mark this victory!

    Heartiest congratulations champion👏🇮🇳 pic.twitter.com/CxY41Xzulm

    — SAI Media (@Media_SAI) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नीतू मेरी कोम की हैं फैंन
मुक्केबाज नीतू मेरी कोम से बेहद प्रभावित हैं. उसने मेरी कोम की बाउट देखकर अपने खेल को निखारा है. मेरी कोम को खेलता देख नीतू ने डिफेंस, फुटवर्क और फोकस सीखा. ये सीखना नीतू के लिए आसान नहीं था लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी. वो लगातार अभ्यास करती गई. जिसका फल अब उसे चैंपियन का खिताब जीतकर मिला है.

नीतू स्ट्रैंड्जा मेमोरियल 2022 में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं. नीतू घनघस ने जीत के बाद कहा, 'मैंने आक्रामक खेल खेलने का निर्णय लिया था जिसमें मुझे सफलता मिली. ये जीत देश की जीत है. मैं उन लोगों का आभार करती हूं जिन्होंने मेरे सफर में साथ दिया. नीतू ने अपने मुख्य कोच भास्कर को भी जीत का श्रेय दिया.' नीतू का सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है.

इसे भी पढ़ें- Nitu Ghanghas: तीन साल सफलता नहीं मिली तो छोड़ दिया था बॉक्सिंग का सपना, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

नई दिल्ली : महिला विश्व मुक्केबाजी की नई चैंपियन नीतू घनघस हैं. नीतू ने शुक्रवार को चैंपियन का खिताब जीत कर देशवासियों के सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. विश्व चैंपियन बनने का सफर मुक्केबाज के लिये आसान नहीं था. नीतू मेरी कोम से प्रभावित हैं जो छह बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं. भिवानी की इस मुक्केबाज ने बॉक्सिंग की शुरुआती ट्रेनिंग भिवानी बॉक्सिंग क्लब से ली.

धांसू मुक्केबाज साल 2017 और 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप लाइट फलाईवेइट में दो गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. बॉक्सिंग खेल में चोट से बचा नहीं जा सकता इसलिये नीतू को भी चोटों का सामना करना पड़ा. नीतू ने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था. दो साल की कड़ी मेहनत के बाद उसे राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला. इस टूर्नामेंट में नीतू ने दो मेडल जीत खुद को साबित हुआ.

  • .@NituGhanghas333 gets 🇮🇳's 1⃣ st 🥇 of the IBA Women's Boxing World Championships 2023

    The power boxer defeats 🇲🇳's Altansetseg by unanimous decisiono to mark this victory!

    Heartiest congratulations champion👏🇮🇳 pic.twitter.com/CxY41Xzulm

    — SAI Media (@Media_SAI) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नीतू मेरी कोम की हैं फैंन
मुक्केबाज नीतू मेरी कोम से बेहद प्रभावित हैं. उसने मेरी कोम की बाउट देखकर अपने खेल को निखारा है. मेरी कोम को खेलता देख नीतू ने डिफेंस, फुटवर्क और फोकस सीखा. ये सीखना नीतू के लिए आसान नहीं था लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी. वो लगातार अभ्यास करती गई. जिसका फल अब उसे चैंपियन का खिताब जीतकर मिला है.

नीतू स्ट्रैंड्जा मेमोरियल 2022 में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं. नीतू घनघस ने जीत के बाद कहा, 'मैंने आक्रामक खेल खेलने का निर्णय लिया था जिसमें मुझे सफलता मिली. ये जीत देश की जीत है. मैं उन लोगों का आभार करती हूं जिन्होंने मेरे सफर में साथ दिया. नीतू ने अपने मुख्य कोच भास्कर को भी जीत का श्रेय दिया.' नीतू का सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है.

इसे भी पढ़ें- Nitu Ghanghas: तीन साल सफलता नहीं मिली तो छोड़ दिया था बॉक्सिंग का सपना, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

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