नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन और नीतू ने रविवार को बुल्गारिया के सोफिया में 73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
जानकारी के अनुसार, निखत ने यूरोप के सबसे पुराने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में महिलाओं के 52 किग्रा फाइनल में 4-1 से जीत के साथ अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया, उन्होंने इससे पहले 2019 में स्ट्रैंड्जा मेमोरियल का खिताब जीता था.
नीतू ने महिलाओं के 48 किग्रा फाइनल में मौजूदा युवा विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता इटली की एरिका प्रिसियांड्रो को बिना परेशानी के 5-0 से करारी शिकस्त दी.
नंदिनी के साथ 81 प्लस किग्रा वर्ग में कांस्य पदक के साथ, भारतीय दल ने टूर्नामेंट में तीन पदक जीतकर अपने अभियान का समापन किया, जो इस साल भारत की पहली एक्सपोजर यात्रा का हिस्सा था.
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यूक्रेन की तेतियाना कोब के खिलाफ, निखत की शुरुआत अच्छी नहीं रही, क्योंकि उनका अनुभवी प्रतिद्वंद्वी पहले से ही आक्रामक हो गया था. 34 वर्षीय पूर्व विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता कोब ने अपने सभी अनुभव का इस्तेमाल निखत को बैकफुट पर पहुंचाने के लिए किया. लेकिन जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, भारतीय मुक्केबाज का आत्मविश्वास बढ़ा और पहले दौर में 4-1 की बढ़त हासिल करने के साथ अच्छी वापसी की.
25 वर्षीय तेलंगाना मुक्केबाज निखत, जो टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में थीं और सेमीफाइनल में टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता तुर्की के बस नाज काकिरोग्लू को हराकर एक मजबूत शुरुआत की.
हरियाणा की रहने वाली नीतू ने इससे पहले सतर्कता के साथ शुरुआत की और विरोधी को समझने में थोड़ा समय लिया. उन्होंने दूरी बनाए रखी और इटली के युवा मुक्केबाज प्रिसियांड्रो की ताकत का परीक्षण किया. दोनों मुक्केबाजों ने मुक्कों का बेहतरीन आदान-प्रदान किया.
आत्मविश्वास से भरपूर, दो बार की युवा विश्व चैंपियन नीतू, जिसने पिछली विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता यूक्रेन की हन्ना ओखोटा को पिछली भिड़ंत में हराकर घर भेजा था, दोनों के बीच अधिक आक्रामक थी और उन्होंने अपने इतालवी प्रतिद्वंद्वी को अपने मुक्कों आश्चर्यचकित कर दिया.