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BFI की बेरुखी के बाद खेल मंत्री के पास जाएंगी निखत - मैरी कॉम

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने हाल ही में कहा है कि ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए कोई ट्रायल नहीं होगी और 51 किलोग्राम भारवर्ग में मैरी कॉम क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस बयान से हालांकि युवा महिला मुक्केबाज निखत जरीन को खुशी नहीं मिली है.

Nikhat
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Published : Oct 16, 2019, 8:11 PM IST

कोलकाता : बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि मैरी कॉम चीन में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए महासंघ की 'ऑटोमेटिक च्वाइस' हो सकती हैं.



मुझे मौका मिलना चाहिए

mary kom
मैरी कॉम



निखत ने कहा, "आज (बुधवार) सुबह ही मुझे पता चला कि अध्यक्ष ने कहा है कि ट्रायल्स नहीं होंगे." निखत ने कहा, "हर कोई किसी भी दिन जीत सकता है. ये मुक्केबाजी है. मैं यह नहीं कह रही कि मुझे ही भेजो, लेकिन कम से कम मुझे मौका तो दें. मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि विश्व चैम्पियनशिप में सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेता खिलाड़ी ही ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए अपने आप चुने जाएंगे, लेकिन वह अब महिलाओं के लिए नियम बदल रहे हैं."



सेमीफाइनल में हार मिली

मैरी कॉम ने हाल ही में रूस में खत्म हुई विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता है. बदले हुए भारवर्ग 51 किलोग्राम में मैरी को सेमीफाइनल में हार मिली थी जिससे उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था. इस विश्व चैम्पियनशिप से पहले बीएफआई की नीति थी कि महिला एवं पुरुष दोनों वर्गो में पदक विजेता खिालाड़ियों को ही ओलम्पिक क्वालीफायर में भेजा जाएगा और उन्हें ट्रायल्स नहीं देनी होंगी. महिला वर्ग में हालांकि ओलम्पिक क्वालीफायर में जाने का नियम सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं पर लागू होता है.



खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी



23 साल की निखत ने कहा, "अब दिसंबर में हमारी नेशनल्स है, एक बार फिर मुझे पूरी मेहनत करनी होगी और अगर ट्रायल्स नहीं होती हैं तो इन टूर्नामेंट का क्या औचित्य?" निखत से जब अगले कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने बीएफआई अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई इसके बाद रिजिजू के पास जाने का फैसला लिया गया.

Rijiju
खेल मंत्री किरण रिजिजू



ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया



उन्होंने कहा, "हर चीज अध्यक्ष के हाथ में है. मैंने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे हैं. मैंने काफी बार कोशिश की. मैं अपने खेल मंत्री और मंत्रालय में बात करूंगी. इसके बाद देखते हैं कि क्या होता है. अगर ये सब होता रहा तो मैं अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाऊंगी."

बीएफआई ने विश्व चैम्पियनशिप की ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया था. उस समय चयन समिति के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था कि वह निखत को भविष्य के लिए बचा कर रख रहे हैं.

कोलकाता : बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि मैरी कॉम चीन में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए महासंघ की 'ऑटोमेटिक च्वाइस' हो सकती हैं.



मुझे मौका मिलना चाहिए

mary kom
मैरी कॉम



निखत ने कहा, "आज (बुधवार) सुबह ही मुझे पता चला कि अध्यक्ष ने कहा है कि ट्रायल्स नहीं होंगे." निखत ने कहा, "हर कोई किसी भी दिन जीत सकता है. ये मुक्केबाजी है. मैं यह नहीं कह रही कि मुझे ही भेजो, लेकिन कम से कम मुझे मौका तो दें. मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि विश्व चैम्पियनशिप में सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेता खिलाड़ी ही ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए अपने आप चुने जाएंगे, लेकिन वह अब महिलाओं के लिए नियम बदल रहे हैं."



सेमीफाइनल में हार मिली

मैरी कॉम ने हाल ही में रूस में खत्म हुई विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता है. बदले हुए भारवर्ग 51 किलोग्राम में मैरी को सेमीफाइनल में हार मिली थी जिससे उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था. इस विश्व चैम्पियनशिप से पहले बीएफआई की नीति थी कि महिला एवं पुरुष दोनों वर्गो में पदक विजेता खिालाड़ियों को ही ओलम्पिक क्वालीफायर में भेजा जाएगा और उन्हें ट्रायल्स नहीं देनी होंगी. महिला वर्ग में हालांकि ओलम्पिक क्वालीफायर में जाने का नियम सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं पर लागू होता है.



खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी



23 साल की निखत ने कहा, "अब दिसंबर में हमारी नेशनल्स है, एक बार फिर मुझे पूरी मेहनत करनी होगी और अगर ट्रायल्स नहीं होती हैं तो इन टूर्नामेंट का क्या औचित्य?" निखत से जब अगले कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने बीएफआई अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई इसके बाद रिजिजू के पास जाने का फैसला लिया गया.

Rijiju
खेल मंत्री किरण रिजिजू



ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया



उन्होंने कहा, "हर चीज अध्यक्ष के हाथ में है. मैंने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे हैं. मैंने काफी बार कोशिश की. मैं अपने खेल मंत्री और मंत्रालय में बात करूंगी. इसके बाद देखते हैं कि क्या होता है. अगर ये सब होता रहा तो मैं अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाऊंगी."

बीएफआई ने विश्व चैम्पियनशिप की ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया था. उस समय चयन समिति के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था कि वह निखत को भविष्य के लिए बचा कर रख रहे हैं.

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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने हाल ही में कहा है कि ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए कोई ट्रायल नहीं होगी और 51 किलोग्राम भारवर्ग में मैरी कॉम क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस बयान से हालांकि युवा महिला मुक्केबाज निखत जरीन को खुशी नहीं मिली है.



कोलकाता : बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि मैरी कॉम चीन में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए महासंघ की 'ऑटोमेटिक च्वाइस' हो सकती हैं.





मुझे मौका मिलना चाहिए





निखत ने कहा, "आज (बुधवार) सुबह ही मुझे पता चला कि अध्यक्ष ने कहा है कि ट्रायल्स नहीं होंगे." निखत ने कहा, "हर कोई किसी भी दिन जीत सकता है. ये मुक्केबाजी है. मैं यह नहीं कह रही कि मुझे ही भेजो, लेकिन कम से कम मुझे मौका तो दें. मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि विश्व चैम्पियनशिप में सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेता खिलाड़ी ही ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए अपने आप चुने जाएंगे, लेकिन वह अब महिलाओं के लिए नियम बदल रहे हैं."





सेमीफाइनल में हार मिली



मैरी कॉम ने हाल ही में रूस में खत्म हुई विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता है. बदले हुए भारवर्ग 51 किलोग्राम में मैरी को सेमीफाइनल में हार मिली थी जिससे उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था.



इस विश्व चैम्पियनशिप से पहले बीएफआई की नीति थी कि महिला एवं पुरुष दोनों वर्गो में पदक विजेता खिालाड़ियों को ही ओलम्पिक क्वालीफायर में भेजा जाएगा और उन्हें ट्रायल्स नहीं देनी होंगी. महिला वर्ग में हालांकि ओलम्पिक क्वालीफायर में जाने का नियम सिर्फ स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं पर लागू होता है.





खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी





23 साल की निखत ने कहा, "अब दिसंबर में हमारी नेशनल्स है, एक बार फिर मुझे पूरी मेहनत करनी होगी और अगर ट्रायल्स नहीं होती हैं तो इन टूर्नामेंट का क्या औचित्य?" निखत से जब अगले कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो खेल मंत्री किरण रिजिजू से बात करेंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने बीएफआई अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई इसके बाद रिजिजू के पास जाने का फैसला लिया गया.





ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया





उन्होंने कहा, "हर चीज अध्यक्ष के हाथ में है. मैंने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे हैं. मैंने काफी बार कोशिश की. मैं अपने खेल मंत्री और मंत्रालय में बात करूंगी. इसके बाद देखते हैं कि क्या होता है. अगर ये सब होता रहा तो मैं अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाऊंगी."



बीएफआई ने विश्व चैम्पियनशिप की ट्रायल्स में निखत को मैरी कॉम के खिलाफ उतरने भी नहीं दिया था. उस समय चयन समिति के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था कि वह निखत को भविष्य के लिए बचा कर रख रहे हैं.


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