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दिल्ली: CAG रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने की BJP विधायकों की मांग वाली याचिका पर फैसला कल - DELHI CAG REPORT PENDING ISSUE

AAP और BJP के बीच CAG रिपोर्ट को लेकर विवाद, भाजपा विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

दिल्ली CAG रिपोर्ट लंबित मामला
दिल्ली CAG रिपोर्ट लंबित मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 23, 2025, 9:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की बीजेपी विधायकों की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट 24 जनवरी को फैसला सुनाएगा. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच फैसला सुनाएगी. हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान विधानसभा के स्पीकर और दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखे जाने की कोई जल्दबाजी नहीं है, वो भी तब जब विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं. विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है. ऐसे में अभी सीएजी की रिपोर्ट पेश करने से कोई सार्थक जरुरत पूरी नहीं होगी.

याचिकाकर्ता बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. तब कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सवाल ये है कि क्या कोर्ट अपनी ओर से स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी प्रेस कांफ्रेंस किया. क्या कोर्ट इस केस में राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तब कोर्ट ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं पड़ना चाहती है.

दिल्ली सरकार को फटकार: सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि वो सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये और जरूरी है कि ये रिपोर्ट पेश किया जाए. बता दें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी.

भाजपा की विशेष सत्र बुलाने की मांग: हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है.

याचिका में ये भी कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दें.

रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के पास लंबित: याचिका में ये भी कहा गया कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप-राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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सुनवाई के दौरान विधानसभा के स्पीकर और दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखे जाने की कोई जल्दबाजी नहीं है, वो भी तब जब विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं. विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है. ऐसे में अभी सीएजी की रिपोर्ट पेश करने से कोई सार्थक जरुरत पूरी नहीं होगी.

याचिकाकर्ता बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कोर्ट स्पीकर को विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. तब कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सवाल ये है कि क्या कोर्ट अपनी ओर से स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकती है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी प्रेस कांफ्रेंस किया. क्या कोर्ट इस केस में राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तब कोर्ट ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं पड़ना चाहती है.

दिल्ली सरकार को फटकार: सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि वो सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये और जरूरी है कि ये रिपोर्ट पेश किया जाए. बता दें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी.

भाजपा की विशेष सत्र बुलाने की मांग: हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था. याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है.

याचिका में ये भी कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दें.

रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के पास लंबित: याचिका में ये भी कहा गया कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप-राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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