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कभी नहीं सोचा था कि मैं आईओए अध्यक्ष बनूंगी: उषा

भारत की दिग्गज महिला रनर पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का पहला महिला अध्यक्ष चुना गया, जिससे भारतीय खेल प्रशासन में नए युग की शुरुआत भी हुई.

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Published : Dec 10, 2022, 10:58 PM IST

नई दिल्ली : ट्रैक एवं फील्ड की दिग्गज खिलाड़ी पीटी उषा (PT Usha) ने शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की पहली महिला प्रमुख चुने जाने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन आईओए अध्यक्ष बनेंगी.

चुनाव के दौरान 58 साल की उषा को आधिकारिक तौर पर शीर्ष पद के लिए चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई. अध्यक्ष चुने जाने के बाद उषा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, अपने पूरे जीवन में मैंने खेलों के बिना सिर्फ 13 साल गुजारे हैं. अन्यथा मैं एक खिलाड़ी, कोच और प्रशासक के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में खेल के साथ जुड़ी रही हूं. उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन आईओए प्रमुख या संसद सदस्य बनूंगी. यह सब मेरे खेल के कारण है.

उषा ने नौ साल की छोटी उम्र में एथलेटिक्स में कदम रखा जिसके बाद उनका करियर शानदार रहा और दौरान उन्होंने कई एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते और 1984 के ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथा स्थान हासिल किया.

यह भी पढ़ें : आईओए चुनाव : आधिकारिक रूप से पहली महिला अध्यक्ष बनेंगी पीटी उषा

उन्होंने 1990 में संन्यास की घोषणा की और फिर विवाह किया. वह 1994 में दोबारा ट्रैक पर लौटी और फिर 2000 में संन्यास लिया. उनके बचपन के शुरुआती नौ साल और 1990 से 1994 के बीच के चार साल, वे 13 साल थे जिनका वह जिक्र कर रही थी. 2000 के बाद वह अपनी अकादमी – उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में होनहार एथलीटों के संरक्षक के रूप में एथलेटिक्स से जुड़ी रहीं.

वह वर्तमान में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की जूनियर चयन समिति की अध्यक्ष हैं. वह सरकार की राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समितियों का भी हिस्सा रहीं. उषा ने कहा, राष्ट्रीय महासंघों, खिलाड़ी आयोग और एसओएम (उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ियों) ने मुझे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए प्रेरित किया. मैं उन सभी की शुक्रगुजार हूं.

उन्होंने कहा, मैं पहले आईओए और महासंघ (एएफआई) के करीब नहीं थी लेकिन अब मैं इससे जुड़ी हूं (आईओए प्रमुख के रूप में) क्योंकि हमारे सभी खिलाड़ी यही चाहते हैं. कार्यकारी समिति में भी कई खिलाड़ी हैं. मैं इससे बहुत खुश हूं.

उन्होंने कहा कि आईओए एक इकाई के रूप में काम करेगा और उनका संगठन महासंघों, खिलाड़ियों और कोचों के लिए सुलभ रहेगा. उषा ने कहा, मैं और मेरी टीम सामूहिक प्रयास के साथ देश में खेलों की बेहतरी के लिए काम करने की पूरी कोशिश करेंगे. हम महासंघों, खिलाड़ियों और कोच की राय लेंगे और हम अपने देश के लिए और अधिक पदक लाने के लिए मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा, केवल खिलाड़ी ही जानते हैं कि निचले स्तर से आना और अंतरराष्ट्रीय पदक जीतना कितना कठिन है. हम सिर्फ खिलाड़ियों के लिए काम करेंगे.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली : ट्रैक एवं फील्ड की दिग्गज खिलाड़ी पीटी उषा (PT Usha) ने शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की पहली महिला प्रमुख चुने जाने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन आईओए अध्यक्ष बनेंगी.

चुनाव के दौरान 58 साल की उषा को आधिकारिक तौर पर शीर्ष पद के लिए चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई. अध्यक्ष चुने जाने के बाद उषा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, अपने पूरे जीवन में मैंने खेलों के बिना सिर्फ 13 साल गुजारे हैं. अन्यथा मैं एक खिलाड़ी, कोच और प्रशासक के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में खेल के साथ जुड़ी रही हूं. उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन आईओए प्रमुख या संसद सदस्य बनूंगी. यह सब मेरे खेल के कारण है.

उषा ने नौ साल की छोटी उम्र में एथलेटिक्स में कदम रखा जिसके बाद उनका करियर शानदार रहा और दौरान उन्होंने कई एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते और 1984 के ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथा स्थान हासिल किया.

यह भी पढ़ें : आईओए चुनाव : आधिकारिक रूप से पहली महिला अध्यक्ष बनेंगी पीटी उषा

उन्होंने 1990 में संन्यास की घोषणा की और फिर विवाह किया. वह 1994 में दोबारा ट्रैक पर लौटी और फिर 2000 में संन्यास लिया. उनके बचपन के शुरुआती नौ साल और 1990 से 1994 के बीच के चार साल, वे 13 साल थे जिनका वह जिक्र कर रही थी. 2000 के बाद वह अपनी अकादमी – उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में होनहार एथलीटों के संरक्षक के रूप में एथलेटिक्स से जुड़ी रहीं.

वह वर्तमान में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की जूनियर चयन समिति की अध्यक्ष हैं. वह सरकार की राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समितियों का भी हिस्सा रहीं. उषा ने कहा, राष्ट्रीय महासंघों, खिलाड़ी आयोग और एसओएम (उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ियों) ने मुझे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए प्रेरित किया. मैं उन सभी की शुक्रगुजार हूं.

उन्होंने कहा, मैं पहले आईओए और महासंघ (एएफआई) के करीब नहीं थी लेकिन अब मैं इससे जुड़ी हूं (आईओए प्रमुख के रूप में) क्योंकि हमारे सभी खिलाड़ी यही चाहते हैं. कार्यकारी समिति में भी कई खिलाड़ी हैं. मैं इससे बहुत खुश हूं.

उन्होंने कहा कि आईओए एक इकाई के रूप में काम करेगा और उनका संगठन महासंघों, खिलाड़ियों और कोचों के लिए सुलभ रहेगा. उषा ने कहा, मैं और मेरी टीम सामूहिक प्रयास के साथ देश में खेलों की बेहतरी के लिए काम करने की पूरी कोशिश करेंगे. हम महासंघों, खिलाड़ियों और कोच की राय लेंगे और हम अपने देश के लिए और अधिक पदक लाने के लिए मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा, केवल खिलाड़ी ही जानते हैं कि निचले स्तर से आना और अंतरराष्ट्रीय पदक जीतना कितना कठिन है. हम सिर्फ खिलाड़ियों के लिए काम करेंगे.

पीटीआई-भाषा

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