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डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए NBA खिलाड़ी सतनाम सिंह ने आरोपों से किया इनकार

नाडा द्वारा आयोजित डोपिंग परीक्षण में विफल रहने वाले भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह अपने उपर लगे आरोंपो से सहमत नहीं है और उन्होंने आगे की कार्यवाही के लिए एडीडीपी का रूख किया है.

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Published : Dec 8, 2019, 12:24 PM IST

नई दिल्ली: एनबीए टीम में शामिल हुए पहले भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह भामरा पिछले महीने डोपिंग परीक्षण में विफल रहे जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, लेकिन सतनाम सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.

पंजाब के 23 साल के खिलाड़ी को 2015 में एनबीए टीम में चुना गया था लेकिन वो दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान नाडा द्वारा बेंगलुरू में टूर्नामेंट के बाहर आयोजित हुए परीक्षण में विफल रहे.

नाडा द्वारा जारी पत्रिका के अनुसार उन्हें 19 नवंबर को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था. भामरा के मूत्र के ए नमूने में पाए गए प्रतिबंधित पदार्थ का पता नहीं चला है.

भामरा ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वो हमेशा ही 'साफ सुथरे' (प्रतिबंधित पदार्थों से दूर) खिलाड़ी रहे हैं.

शनिवार को जारी बयान में भामरा ने कहा कि उन्होंने नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल से इसकी सुनवाई और तीन महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का अनुरोध किया है.

बयान के अनुसार,"सतनाम को नाडा से 11 नवंबर 2019 को नोटिस मिला कि वो प्रतिबंधित पदार्थ के डोपिंग परीक्षण में विफल रहे हैं. भामरा इससे सहमत नहीं हैं और उन्होंने नाडा एडीडीपी के समक्ष सुनवाई का अनुरोध किया है."

बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह
बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह
इसके अनुसार,"भामरा ने कहा है कि वो हमेशा से साफ सुथरे खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने हमेशा उचित रूप से बास्केटबॉल खेली है."

बयान में इसका जिक्र नहीं था कि उन्होंने अपने बी नमूने के अधिकार का इस्तेमाल किया है या नहीं. लेकिन पता चला है कि भामरा ने बी नमूने के परीक्षण के लिए नहीं पूछा है और उन्होंने सीधे ही एडीडीपी का रूख किया.

भामरा ने व्यक्तिगत कारणों से एक दिसंबर से शुरू हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया था. सात फुट दो इंच का ये खिलाड़ी सैग के लिए बेंगलुरू के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहा था.

नाडा के नियमों के अनुसार एक एथलीट के पास ए नमूने का नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर बी नमूने की जांच कराने का अधिकार है.

अगर बी नमूना भी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके मामले की सुनवाई नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा होती है जो फैसला करता है कि सजा दी जाए या नहीं.

अगर भामरा को डोपिंग का दोषी पाया जाता है तो उन पर पहली बार डोपिंग में सकारात्मक पाए जाने के लिए अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लग सकता है.

भारतीय बास्केटबॉल महासंघ के महासचिव चंदर मुखी शर्मा ने कहा कि उन्हें भामरा के डोपिंग मुद्दे की जानकारी नहीं है क्योंकि वो शहर से बाहर हैं.

नई दिल्ली: एनबीए टीम में शामिल हुए पहले भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह भामरा पिछले महीने डोपिंग परीक्षण में विफल रहे जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, लेकिन सतनाम सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.

पंजाब के 23 साल के खिलाड़ी को 2015 में एनबीए टीम में चुना गया था लेकिन वो दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान नाडा द्वारा बेंगलुरू में टूर्नामेंट के बाहर आयोजित हुए परीक्षण में विफल रहे.

नाडा द्वारा जारी पत्रिका के अनुसार उन्हें 19 नवंबर को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था. भामरा के मूत्र के ए नमूने में पाए गए प्रतिबंधित पदार्थ का पता नहीं चला है.

भामरा ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वो हमेशा ही 'साफ सुथरे' (प्रतिबंधित पदार्थों से दूर) खिलाड़ी रहे हैं.

शनिवार को जारी बयान में भामरा ने कहा कि उन्होंने नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल से इसकी सुनवाई और तीन महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का अनुरोध किया है.

बयान के अनुसार,"सतनाम को नाडा से 11 नवंबर 2019 को नोटिस मिला कि वो प्रतिबंधित पदार्थ के डोपिंग परीक्षण में विफल रहे हैं. भामरा इससे सहमत नहीं हैं और उन्होंने नाडा एडीडीपी के समक्ष सुनवाई का अनुरोध किया है."

बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह
बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह
इसके अनुसार,"भामरा ने कहा है कि वो हमेशा से साफ सुथरे खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने हमेशा उचित रूप से बास्केटबॉल खेली है."

बयान में इसका जिक्र नहीं था कि उन्होंने अपने बी नमूने के अधिकार का इस्तेमाल किया है या नहीं. लेकिन पता चला है कि भामरा ने बी नमूने के परीक्षण के लिए नहीं पूछा है और उन्होंने सीधे ही एडीडीपी का रूख किया.

भामरा ने व्यक्तिगत कारणों से एक दिसंबर से शुरू हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया था. सात फुट दो इंच का ये खिलाड़ी सैग के लिए बेंगलुरू के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहा था.

नाडा के नियमों के अनुसार एक एथलीट के पास ए नमूने का नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर बी नमूने की जांच कराने का अधिकार है.

अगर बी नमूना भी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके मामले की सुनवाई नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा होती है जो फैसला करता है कि सजा दी जाए या नहीं.

अगर भामरा को डोपिंग का दोषी पाया जाता है तो उन पर पहली बार डोपिंग में सकारात्मक पाए जाने के लिए अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लग सकता है.

भारतीय बास्केटबॉल महासंघ के महासचिव चंदर मुखी शर्मा ने कहा कि उन्हें भामरा के डोपिंग मुद्दे की जानकारी नहीं है क्योंकि वो शहर से बाहर हैं.

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डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए NBA खिलाड़ी सतनाम सिंह ने आरोपों से किया इनकार



 



नाडा द्वारा आयोजित डोपिंग परीक्षण में विफल रहने वाले भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह अपने उपर लगे आरोंपो से सहमत नहीं है और एडीडीपी का रूख किया है.





नई दिल्ली: एनबीए टीम में शामिल हुए पहले भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह भामरा पिछले महीने डोपिंग परीक्षण में विफल रहे जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, लेकिन सतनाम सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.



पंजाब के 23 साल के खिलाड़ी को 2015 में एनबीए टीम में चुना गया था लेकिन वो दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान नाडा द्वारा बेंगलुरू में टूर्नामेंट के बाहर आयोजित हुए परीक्षण में विफल रहे.



नाडा द्वारा जारी पत्रिका के अनुसार उन्हें 19 नवंबर को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था. भामरा के मूत्र के ए नमूने में पाए गए प्रतिबंधित पदार्थ का पता नहीं चला है.



भामरा ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वो हमेशा ही 'साफ सुथरे' (प्रतिबंधित पदार्थों से दूर) खिलाड़ी रहे हैं.



शनिवार को जारी बयान में भामरा ने कहा कि उन्होंने नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल से इसकी सुनवाई और तीन महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का अनुरोध किया है.



बयान के अनुसार,"सतनाम को नाडा से 11 नवंबर 2019 को नोटिस मिला कि वो प्रतिबंधित पदार्थ के डोपिंग परीक्षण में विफल रहे हैं. भामरा इससे सहमत नहीं हैं और उन्होंने नाडा एडीडीपी के समक्ष सुनवाई का अनुरोध किया है."

 

इसके अनुसार,"भामरा ने कहा है कि वो हमेशा से साफ सुथरे खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने हमेशा उचित रूप से बास्केटबॉल खेली है."



बयान में इसका जिक्र नहीं था कि उन्होंने अपने बी नमूने के अधिकार का इस्तेमाल किया है या नहीं. लेकिन पता चला है कि भामरा ने बी नमूने के परीक्षण के लिए नहीं पूछा है और उन्होंने सीधे ही एडीडीपी का रूख किया.



भामरा ने व्यक्तिगत कारणों से एक दिसंबर से शुरू हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया था. सात फुट दो इंच का ये खिलाड़ी सैग के लिए बेंगलुरू के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहा था.



नाडा के नियमों के अनुसार एक एथलीट के पास ए नमूने का नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर बी नमूने की जांच कराने का अधिकार है.



अगर बी नमूना भी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके मामले की सुनवाई नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा होती है जो फैसला करता है कि सजा दी जाए या नहीं.



अगर भामरा को डोपिंग का दोषी पाया जाता है तो उन पर पहली बार डोपिंग में सकारात्मक पाए जाने के लिए अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लग सकता है.



भारतीय बास्केटबॉल महासंघ के चंदर मुखी शर्मा ने कहा कि उन्हें भामरा के डोपिंग मुद्दे की जानकारी नहीं है क्योंकि वो शहर से बाहर हैं.


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