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पदक जीतकर आलोचकों को चुप करना चाहती हैं मैरी कॉम

अगले महीने होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में एमसी मैरी कॉम पदक जीतकर अपने आलोचकों को चुप करना चाहती हैं. ये इवेंट तीन अक्टूबर से रूस के एकातेरिनबर्ग में शुरू होगा.

MARY KOM
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Published : Sep 28, 2019, 6:43 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 9:13 AM IST

नई दिल्ली : भारत की करिश्माई महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम का लक्ष्य अगले महीने होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पदक जीतकर अपने आलोचकों को चुप करना है.

विश्व चैम्पियनशिप तीन अक्टूबर से रूस के एकातेरिनबर्ग में शुरू होगी, जिसमें मैरी कॉम अपना सातवां स्वर्ण पदक जीतना चाहेंगी. हाल के समय में वो विवादों से घिरी रही हैं.

मैरी कॉम ने मीडिया से कहा,"ये टूर्नामेंट बहुत महत्वपूर्ण है. मेरा भारवर्ग ओलंपिक में भी है और इसीलिए मुझे बहुत ध्यान केंद्रित करना पड़ता है. विश्व चैम्पियनशिप से मुझे अपने विरोधियों का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी जो ओलम्पिक की तैयारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा."

मैरी कॉम ने कहा,"मुझे लगता है कि आलोचकों को चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका पदक जीतना है. मैं उन्हें टिप्पणी करने से नहीं रोक सकती."

मैरी कॉम अपने करियर के अखिरी कुछ वर्षो में हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि आगामी टूर्नामेंट उनके लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है.

मैरी कॉम
मैरी कॉम
उन्होंने कहा, "हर विश्व चैम्पियनशिप महत्वपूर्ण है. ये कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि क्वालीफिकेशन सामने है. 51 किलोग्नाम भारवर्ग के अधिकांश मुक्केबाज इसमें लड़ रहे हैं इसलिए मुझे पता चल जाएगा कि कौन मुझसे ज्यादा मजबूत है और मैं उसके अनुसार योजना बना सकती हूं."भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत पदक जीतेगा उसे अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में जगह मिलेगी.मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में छह स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन इस बार वह 51 किलोग्राम में भाग लेंगी क्योंकि ओलम्पिक से 48 किलोग्राम भारवर्ग हटा दिया गया है.उन्होंने कहा, "मैं उन लड़कियों के साथ ट्रेनिंग कर रही हूं जो मुझसे ज्यादा मजबूत और लंबी हैं. मैं 51 किलोग्राम में पहली बार हिस्सा नहीं ले रही हूं. मैंने इस भारवर्ग में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2018 में कांस्य पदक जीता है."

यह भी पढ़ें- चीन ओपन में हिस्सा लेंगी सिमोना हालेप, कल खेलेंगी मैच

मैरी कॉम ने कहा,"मैं ये नहीं कह सकती कि ये अब आसान है या नहीं. मैं निश्चित रूप से रिंग के अंदर ही ऐसा कह सकती हूं. ऐसी कई रणनीतियां हैं जो मेरी प्रतिद्वंद्वी अपना सकती हैं. अगर मैं तुरंत इसे समझने में सक्षम हूं तो यह आसान है या फिर संदेह है कि मैं जीत पाऊंगी या नहीं."

नई दिल्ली : भारत की करिश्माई महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम का लक्ष्य अगले महीने होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पदक जीतकर अपने आलोचकों को चुप करना है.

विश्व चैम्पियनशिप तीन अक्टूबर से रूस के एकातेरिनबर्ग में शुरू होगी, जिसमें मैरी कॉम अपना सातवां स्वर्ण पदक जीतना चाहेंगी. हाल के समय में वो विवादों से घिरी रही हैं.

मैरी कॉम ने मीडिया से कहा,"ये टूर्नामेंट बहुत महत्वपूर्ण है. मेरा भारवर्ग ओलंपिक में भी है और इसीलिए मुझे बहुत ध्यान केंद्रित करना पड़ता है. विश्व चैम्पियनशिप से मुझे अपने विरोधियों का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी जो ओलम्पिक की तैयारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा."

मैरी कॉम ने कहा,"मुझे लगता है कि आलोचकों को चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका पदक जीतना है. मैं उन्हें टिप्पणी करने से नहीं रोक सकती."

मैरी कॉम अपने करियर के अखिरी कुछ वर्षो में हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि आगामी टूर्नामेंट उनके लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है.

मैरी कॉम
मैरी कॉम
उन्होंने कहा, "हर विश्व चैम्पियनशिप महत्वपूर्ण है. ये कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि क्वालीफिकेशन सामने है. 51 किलोग्नाम भारवर्ग के अधिकांश मुक्केबाज इसमें लड़ रहे हैं इसलिए मुझे पता चल जाएगा कि कौन मुझसे ज्यादा मजबूत है और मैं उसके अनुसार योजना बना सकती हूं."भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत पदक जीतेगा उसे अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में जगह मिलेगी.मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में छह स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन इस बार वह 51 किलोग्राम में भाग लेंगी क्योंकि ओलम्पिक से 48 किलोग्राम भारवर्ग हटा दिया गया है.उन्होंने कहा, "मैं उन लड़कियों के साथ ट्रेनिंग कर रही हूं जो मुझसे ज्यादा मजबूत और लंबी हैं. मैं 51 किलोग्राम में पहली बार हिस्सा नहीं ले रही हूं. मैंने इस भारवर्ग में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2018 में कांस्य पदक जीता है."

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मैरी कॉम ने कहा,"मैं ये नहीं कह सकती कि ये अब आसान है या नहीं. मैं निश्चित रूप से रिंग के अंदर ही ऐसा कह सकती हूं. ऐसी कई रणनीतियां हैं जो मेरी प्रतिद्वंद्वी अपना सकती हैं. अगर मैं तुरंत इसे समझने में सक्षम हूं तो यह आसान है या फिर संदेह है कि मैं जीत पाऊंगी या नहीं."

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पदक जीतकर आलोचकों को चुप करना चाहती हैं मैरी कॉम





नई दिल्ली : भारत की करिश्माई महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम का लक्ष्य अगले महीने होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पदक जीतकर अपने आलोचकों को चुप करना है.

विश्व चैम्पियनशिप तीन अक्टूबर से रूस के एकातेरिनबर्ग में शुरू होगी, जिसमें मैरी कॉम अपना सातवां स्वर्ण पदक जीतना चाहेंगी. हाल के समय में वो विवादों से घिरी रही हैं.

मैरी कॉम ने मीडिया से कहा,"ये टूर्नामेंट बहुत महत्वपूर्ण है. मेरा भारवर्ग ओलंपिक में भी है और इसीलिए मुझे बहुत ध्यान केंद्रित करना पड़ता है. विश्व चैम्पियनशिप से मुझे अपने विरोधियों का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी जो ओलम्पिक की तैयारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा."

मैरी कॉम ने कहा,"मुझे लगता है कि आलोचकों को चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका पदक जीतना है. मैं उन्हें टिप्पणी करने से नहीं रोक सकती."

मैरी कॉम अपने करियर के अखिरी कुछ वर्षो में हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि आगामी टूर्नामेंट उनके लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है.

उन्होंने कहा, "हर विश्व चैम्पियनशिप महत्वपूर्ण है. ये कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि क्वालीफिकेशन सामने है. 51 किलोग्नाम भारवर्ग के अधिकांश मुक्केबाज इसमें लड़ रहे हैं इसलिए मुझे पता चल जाएगा कि कौन मुझसे ज्यादा मजबूत है और मैं उसके अनुसार योजना बना सकती हूं."

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत पदक जीतेगा उसे अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में जगह मिलेगी.

मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में छह स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन इस बार वह 51 किलोग्राम में भाग लेंगी क्योंकि ओलम्पिक से 48 किलोग्राम भारवर्ग हटा दिया गया है.

उन्होंने कहा, "मैं उन लड़कियों के साथ ट्रेनिंग कर रही हूं जो मुझसे ज्यादा मजबूत और लंबी हैं. मैं 51 किलोग्राम में पहली बार हिस्सा नहीं ले रही हूं. मैंने इस भारवर्ग में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2018 में कांस्य पदक जीता है."

मैरी कॉम ने कहा,"मैं ये नहीं कह सकती कि ये अब आसान है या नहीं. मैं निश्चित रूप से रिंग के अंदर ही ऐसा कह सकती हूं. ऐसी कई रणनीतियां हैं जो मेरी प्रतिद्वंद्वी अपना सकती हैं. अगर मैं तुरंत इसे समझने में सक्षम हूं तो यह आसान है या फिर संदेह है कि मैं जीत पाऊंगी या नहीं."


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Last Updated : Oct 2, 2019, 9:13 AM IST
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