जयपुर/राजस्थान: जिस उम्र में बच्चे ढंग से बोलना तक नहीं सीख पाते हैं, उस उम्र में मनुश्री सक्सेना ने कराटे में न केवल ब्लैक बेल्ट हासिल किया. बल्कि सबसे कम उम्र की ब्लैक बेल्ट पाने वाली इंडिया की पहली खिलाड़ी भी बन गई हैं. इसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. पीएचईडी स्पोर्ट्स क्लब की खिलाड़ी मनुश्री सक्सेना की इच्छा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उन्हें कराटे सिखाएं.
मनुश्री का रविवार को पीएचईडी स्पोर्ट्स क्लब में सम्मान किया गया. इस दौरान मनुश्री ने अपने हुनर का प्रदर्शन भी किया. मनुश्री ने कहा, उनकी इच्छा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और उनसे आशीर्वाद लें. मनुश्री पीएम मोदी को भी कराटे सिखाना चाहती हैं. कराटे सीखकर वे दुश्मनों का डटकर मुकाबला कर सकेंगे और उन्हें कोई परेशान भी नहीं कर सकेगा.
मां पूजा सक्सेना ने बताया, मनुश्री की बड़ी बहन तनुश्री कराटे सीखती थी. उसे देखकर मनुश्री के मन में भी इच्छा हुई कि वह भी कराटे सीखे. घर पर भी वह अपनी बड़ी बहन को देख कर प्रैक्टिस करती थी. वह कराटे करती हुई अपने पापा के साथ खेलती थी और उन्हें किक भी मारती थी. इसके बाद उसे भी पीएचईडी स्पोर्ट्स क्लब में दाखिल करा दिया और आज वह अपने मेहनत के दम पर इस मुकाम पर पहुंची है कि उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है.
मनुश्री का मां ने कहा, मनुश्री में सीखने की क्षमता बहुत अच्छी है उसे जो भी एक बार सिखा दिया जाता है वह उसे याद रखती है. ब्लैक बेल्ट से पहले जितनी भी बेल्ट होती है वह भी उसने हासिल की है. ब्लैक बेल्ट हासिल करने के लिए मनुश्री ने कराटे की सभी विधाओं को मेहनत के साथ सीखा.
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पीएचईडी स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष संजय सिंह शेखावत ने बताया, 4 साल की बालिका मनुश्री ने इसी क्लब में प्रशिक्षण लिया है. अपने जज्बे के दम पर उसने भारत सहित दुनियाभर में नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा, मनुश्री ने महिलाओं को गौरवान्वित करने वाला काम किया है, जिस तरह से बच्चों के प्रति आजकल माहौल चल रहा है. उसे देखते हुए मनुश्री ने एक मिसाल पेश की है और संदेश दिया है कि महिलाएं इस तरह के कराटे सीखकर अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती हैं.
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कोच महेश कायथ ने बताया, मनुश्री उनके पास दो साल की थी, तब कराटे सीखने आई थी. ट्रेनिंग के दौरान सामने आया कि उसके सीखने की क्षमता बहुत अच्छी है. उसने कराटे की सभी कलाओं को लगन के साथ सीखा, जो बड़े बच्चे भी नहीं कर पाते हैं. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उसका नाम दर्ज हो चुका है और मनुश्री का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भी भेजा गया है.