देहरादून: भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन (Badminton player Lakshya Sen) ने राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2022) में कमाल कर दिया है. उन्होंने पुरुष एकल के फाइनल में मलेशिया एंग जे यॉन्ग को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है. उनका राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला पदक है. लक्ष्य के पहले गोल्ड के साथ ही ये भारत का 20वां स्वर्ण पदक भी है. इस साल थॉमस कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे लक्ष्य पिछले एक साल में भारत के टॉप शटलर बनकर सामने आए हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य की सफलता की कहानी काफी रोचक है.
लक्ष्य सेन को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए उनके पिता डीके सेन ने दिन-रात एक कर दिया. डीके सेन ने अपने दोनों बेटों को बेहतर बैडमिंटन खिलाड़ी बनाने के लिए अल्मोड़ा तक छोड़ दिया और बेंगलुरु चले गए. हालांकि, अल्मोड़ा से उनका रिश्ता अब भी है और लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद वहां गए भी थे.
-
शाबाश लक्ष्य..!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
उत्तराखण्ड के सपूत @lakshya_sen जी को #CommonwealthGames2022 की #Badminton प्रतिस्पर्धा में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई।
आपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है।
हमें आप पर गर्व है।#LakshyaSen pic.twitter.com/qvlClYHDz0
">शाबाश लक्ष्य..!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 8, 2022
उत्तराखण्ड के सपूत @lakshya_sen जी को #CommonwealthGames2022 की #Badminton प्रतिस्पर्धा में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई।
आपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है।
हमें आप पर गर्व है।#LakshyaSen pic.twitter.com/qvlClYHDz0शाबाश लक्ष्य..!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 8, 2022
उत्तराखण्ड के सपूत @lakshya_sen जी को #CommonwealthGames2022 की #Badminton प्रतिस्पर्धा में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई।
आपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है।
हमें आप पर गर्व है।#LakshyaSen pic.twitter.com/qvlClYHDz0
सीएम धामी ने दी बधाईः लक्ष्य सेन के राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल बैडमिंटन में गोल्ड जीतने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बधाई दी. सीएम धामी ने ट्वीट कर लिखा कि शाबास लक्ष्य...उत्तराखंड के सपूत लक्ष्य सेन जी को कॉमनवेल्थ गेम 2022 की बैंडमिंटन प्रतिस्पर्धा में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई. आपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है. हमें आप पर गर्व है.
उत्तराखंड DGP ने दी बधाईः बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में उत्तराखंड के लक्ष्य सेन के गोल्ड मेडल जीतने पर उत्तराखंड में बैडमिंटन क्लब के पूर्व अध्यक्ष और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उन्हें बधाई दी है. लक्ष्य सेन के कॉमनवेल्थ में बैडमिंटन में सिंगल्स मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उत्तराखंड में भी खुशी की लहर है. उत्तराखंड के डीजीपी और उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार का कहना है कि यह पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है, इसका इंतजार सालों से था.
कौन हैं लक्ष्य सेन: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में 16 अगस्त, 2001 को पैदा होने वाले लक्ष्य सेन अब तक स्पेन में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं. तो वहीं, जर्मन ओपन में सिल्वर मेडल, आल इंग्लैंड टूर्नामेंट में सिल्वर, दिल्ली में हुए इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल और थॉमस कप में टीम को गोल्ड मेडल मिला है.
ये भी पढ़ें: CWG 2022: लक्ष्य सेन ने भी बैडमिंटन में जीता गोल्ड मेडल
10 वर्ष की उम्र में जीता पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब: लक्ष्य सेन ने चार साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था. लक्ष्य की 10वीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के बीयरशिवा स्कूल (Bearsheba School) में ही हुई. लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पितामह कहा जाता है. लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के नामी कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं. लक्ष्य सेन ने 10 वर्ष की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था, तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
लक्ष्य के दादा भी थे बैडमिंटन खिलाड़ी: लक्ष्य के दादा सीएल सेन बैडमिंटन के एक बेहतरीन खिलाड़ी थे. उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीतीं थीं. उनकी लगन और जज्बे के कारण अल्मोड़ा में बैडमिंटन को बढ़ावा मिला. इसी के चलते उन्हें अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पुरोधा भी माना जाता है. उस विरासत को अब लक्ष्य ने आगे बढ़ाया है. उन्होंने सिर्फ राज्य या देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है.
प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं पिता: लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के जाने-माने कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं. पिता की देखरेख में लक्ष्य ने होश संभालते ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया और वह चार साल की उम्र से स्टेडियम जाने लगे. छह-सात साल की उम्र में ही लक्ष्य का खेल और उसकी प्रतिभा हर किसी को हैरान करती थी.
लक्ष्य के भाई हैं बैडमिंटन खिलाड़ी: लक्ष्य सेन के बड़े भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. चिराग जूनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप और जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में नंबर दो रह चुके हैं. 2018 में लक्ष्य ने जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप अपने नाम की थी. उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है. वह लगातार बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल कर रहे हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप और थॉमस कप पदक के बाद अब उनकी झोली में राष्ट्रमंडल खेलों का भी पदक आ गया है.