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ये देखकर अच्छा लगता है कि असम से कई मुक्केबाज आ रहे हैं : जमुना बोरो - विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप

असम की मुक्केबाज जमुना बोरो ने कहा है कि वे काफी खुश हैं कि असम ने काफी विरास किया है. उनका कहना है कि असम से कई म मुक्केबाज निकल रहे हैं, इस बात से वे बेहद खुश हैं.

जमुना बोरो
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Published : Dec 26, 2019, 4:26 PM IST

नई दिल्ली : विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली असम की मुक्केबाज जमुना बोरो इस बात को लेकर काफी खुश हैं कि उनके घरेलू राज्य में मुक्केबाजों ने काफी विकास किया है. धेकियाजुली निवासी बोरो के अलावा भाग्यबती काचारी और लवलीना बोर्गोहेन इन दिनों भारतीय मुक्केबाजी जगत का चमकता सितारा बनी हुई हैं.

बोरो ने कहा,"ये देखकर अच्छा लगता है कि असम से कई मुक्केबाज सामने आ रहे हैं. मुझे आशा है कि सिर्फ असम ही नहीं बल्कि पूरे देश के मुक्केबाज इस खेल में अच्छा करेंगे. खिलाड़ियों को अच्छी सुविधा दी गई है, इन्हें बस इनका फायदा उठाना है और अपने खेल में विकास करना है."

बोरो ने आशा जताई कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स का तीसरा सीजन असम राज्य के खिलाड़ियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. खेलो इंडिया का आयोजन 10 जनवरी से 22 जनवरी तक असम की राजधानी गुवाहाटी में होना है.

जमुना बोरो
जमुना बोरो
22 साल की बोरो ने कहा,"ये अच्छा है कि इस साल खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन असम में हो रहा है. ये टूर्नामेंट राज्य के एथलीटों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. ये इन खिलाड़ियों को बड़े आयोजनों में हिस्सा लेने का मौका देगा."बोरो ने ये भी कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा एथलीटों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म है.बोरो ने आगे कहा,"हर एथलीट को इस टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. हर कोई खुद को साबित करना चाहता है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा प्लेटफॉर्म है."बोरो ने इस साल सीनियर कम्पटीशन में अपना पहला पदक जीता है. बोरो ने रूस के उलान उदे में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. असम की इस एथलीट ने वुशू खिलाड़ी के तौर पर अपना करियर शुरू किया था लेकिन 2009 में वह बॉक्सिंग में स्विच कर गई थीं.

यह भी पढ़ें- बॉक्सिंग डे टेस्ट में रिकॉर्ड हाजिरी, पहुंचे 80,473 दर्शक

बोरो ने कहा,"मैंने मुक्केबाज 2009 में शुरू की थी और अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट 2014 में खेला था. मैंने इस साल सीनियर स्तर पर अपना पहला मेडल जीता. मैं अपनी इस उपलब्धि से खुश हूं और आशा करती हूं कि आने वाले समय में भी मैं देश के लिए पदक जीतती रहूंगी."

नई दिल्ली : विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली असम की मुक्केबाज जमुना बोरो इस बात को लेकर काफी खुश हैं कि उनके घरेलू राज्य में मुक्केबाजों ने काफी विकास किया है. धेकियाजुली निवासी बोरो के अलावा भाग्यबती काचारी और लवलीना बोर्गोहेन इन दिनों भारतीय मुक्केबाजी जगत का चमकता सितारा बनी हुई हैं.

बोरो ने कहा,"ये देखकर अच्छा लगता है कि असम से कई मुक्केबाज सामने आ रहे हैं. मुझे आशा है कि सिर्फ असम ही नहीं बल्कि पूरे देश के मुक्केबाज इस खेल में अच्छा करेंगे. खिलाड़ियों को अच्छी सुविधा दी गई है, इन्हें बस इनका फायदा उठाना है और अपने खेल में विकास करना है."

बोरो ने आशा जताई कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स का तीसरा सीजन असम राज्य के खिलाड़ियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. खेलो इंडिया का आयोजन 10 जनवरी से 22 जनवरी तक असम की राजधानी गुवाहाटी में होना है.

जमुना बोरो
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22 साल की बोरो ने कहा,"ये अच्छा है कि इस साल खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन असम में हो रहा है. ये टूर्नामेंट राज्य के एथलीटों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. ये इन खिलाड़ियों को बड़े आयोजनों में हिस्सा लेने का मौका देगा."बोरो ने ये भी कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा एथलीटों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म है.बोरो ने आगे कहा,"हर एथलीट को इस टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. हर कोई खुद को साबित करना चाहता है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा प्लेटफॉर्म है."बोरो ने इस साल सीनियर कम्पटीशन में अपना पहला पदक जीता है. बोरो ने रूस के उलान उदे में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. असम की इस एथलीट ने वुशू खिलाड़ी के तौर पर अपना करियर शुरू किया था लेकिन 2009 में वह बॉक्सिंग में स्विच कर गई थीं.

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बोरो ने कहा,"मैंने मुक्केबाज 2009 में शुरू की थी और अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट 2014 में खेला था. मैंने इस साल सीनियर स्तर पर अपना पहला मेडल जीता. मैं अपनी इस उपलब्धि से खुश हूं और आशा करती हूं कि आने वाले समय में भी मैं देश के लिए पदक जीतती रहूंगी."

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ये देखकर अच्छा लगता है कि असम से कई मुक्केबाज आ रहे हैं : जमुना बोरो





नई दिल्ली : विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली असम की मुक्केबाज जमुना बोरो इस बात को लेकर काफी खुश हैं कि उनके घरेलू राज्य में मुक्केबाजों ने काफी विकास किया है. धेकियाजुली निवासी बोरो के अलावा भाग्यबती काचारी और लवलीना बोर्गोहेन इन दिनों भारतीय मुक्केबाजी जगत का चमकता सितारा बनी हुई हैं.

बोरो ने कहा,"ये देखकर अच्छा लगता है कि असम से कई मुक्केबाज सामने आ रहे हैं. मुझे आशा है कि सिर्फ असम ही नहीं बल्कि पूरे देश के मुक्केबाज इस खेल में अच्छा करेंगे. खिलाड़ियों को अच्छी सुविधा दी गई है, इन्हें बस इनका फायदा उठाना है और अपने खेल में विकास करना है."

बोरो ने आशा जताई कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स का तीसरा सीजन असम राज्य के खिलाड़ियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. खेलो इंडिया का आयोजन 10 जनवरी से 22 जनवरी तक असम की राजधानी गुवाहाटी में होना है.

22 साल की बोरो ने कहा,"ये अच्छा है कि इस साल खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन असम में हो रहा है. ये टूर्नामेंट राज्य के एथलीटों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. ये इन खिलाड़ियों को बड़े आयोजनों में हिस्सा लेने का मौका देगा."

बोरो ने ये भी कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा एथलीटों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म है.

बोरो ने आगे कहा,"हर एथलीट को इस टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. हर कोई खुद को साबित करना चाहता है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा प्लेटफॉर्म है."

बोरो ने इस साल सीनियर कम्पटीशन में अपना पहला पदक जीता है. बोरो ने रूस के उलान उदे में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. असम की इस एथलीट ने वुशू खिलाड़ी के तौर पर अपना करियर शुरू किया था लेकिन 2009 में वह बॉक्सिंग में स्विच कर गई थीं.

बोरो ने कहा,"मैंने मुक्केबाज 2009 में शुरू की थी और अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट 2014 में खेला था. मैंने इस साल सीनियर स्तर पर अपना पहला मेडल जीता. मैं अपनी इस उपलब्धि से खुश हूं और आशा करती हूं कि आने वाले समय में भी मैं देश के लिए पदक जीतती रहूंगी."


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