ऑस्ट्रिया: नस्लवाद के खिलाफ छिड़ी लड़ाई के बाद बाकि सभी खेलों की तरह एफ 1 में भी 'टेक अ नी' प्रोटेस्ट को बढ़ावा मिला. जहां एक तरफ से सभी ड्राइवर्स इस प्रोटेस्ट का हिस्सा थे तो वहीं एक ड्राइवर्स का तबगा इस प्रोटेस्ट का हिस्सा नहीं बनना चाहता था.
टीम मर्सिडीज के ड्राइवर लुईस हैमिलटन ने बाकि के सभी ड्राइवर्स के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि उन्होंने किसी के पास से एक भी शब्द नहीं सुना.
हैमिल्टन ने कहा, "नस्लवाद के बारे में किसी अन्य टीम ने एक भी बात नहीं कही है. जहां तक मैंने देखा कि रेड बुल के मैकेनिक ने घुटने टेके थे जो उन्होंने अच्छा किया."
हैमिल्टन ने कहा, "आप फरारी को देखें, उनके अंदर हजारों की संख्या में लोग काम कर रहे हैं. और मैंने उनसे एक शब्द भी नहीं सुना है कि वो खुद को जवाबदेह ठहराएं."
हैमिल्टन ने कहा, "हमें ऐसा करने की जरूरत है. सभी को एक साथ इसके खिलाफ लड़ने की जरूरत है."
बता दें कि लेक्लेर उन छह ड्राइवरों में से एक हैं जिन्होंने घुटने पर बैठकर नस्लवाद के खिलाफ नराजगी वयक्त करने से मना कर दिया था. ये कहते हुए कि वो 'एंड रेसिज्म' की टी-शर्ट पहनकर विशुद्ध रूप से अपने विचार व्यक्त करना चाहता है.
पिछले हफ्ते के ऑस्ट्रियाई ग्रैंड प्री में लेक्लर्क, मैक्स वेस्टरपेन, किमी राइकानेन, एंटोनियो गियोविनाज़ी, डेनियल किवत और कार्लोस सैन्ज उन ड्राइवरों की लिस्ट में शामिल थे जिन्होंने घुटने टेकने से मना कर दिया था.
वहीं उसके बाद में स्टाइरियन ग्रां प्री में लेक्लर्क, वेस्टरपेन, रायकोनें और किवेट ने दोबारा घुटने टेकने से मना कर दिया था.