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लॉकडाउन के समय खिलाड़ियों का डोपिंग के बारे में सोचना भी मूर्खतापूर्ण होगा: वाडा

विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा) ने चेताया है कि कोरोना वायरस के कारण जब दुनिया के कई देश लॉकडाउन को मजबूर हैं तब अगर कोई खिलाड़ी इस समय को डोपिंग के मौके के तौर पर देखता है तो ऐसा करना मूर्खतापूर्ण होगा.

World Anti-Doping Agency (WADA),
World Anti-Doping Agency (WADA),
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Published : May 4, 2020, 9:27 AM IST

नई दिल्ली : चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोविड-19 महामारी से दुनिया भर में 32 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि दो लाख 25 हजार से अधिक लोगों की जान गई है. भारत में भी इस घातक बीमारी के 37 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं जबकि 1200 से अधिक लोगों की मौत हुई है.

कुछ हिस्सों में डोप परीक्षण काफी कम हो गए हैं

Wada
विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा)

इस महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी हैं. अधिकतर पेशेवर खेल लीगों को स्थगित या रद किया गया है. कोविड-19 के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में डोप परीक्षण काफी कम हो गए हैं जबकि कुछ स्थानों पर निलंबित भी किए गए हैं लेकिन वाडा के मीडिया रिलेशन एवं कम्यूनिकेशन के सीनियर मैनजर जेम्स फिट्जगेराल्ड ने चेतावनी दी है कि खिलाड़ी इसे निषिद्ध पदार्थ लेने के मौके के तौर पर नहीं देखें.

फिट्जगेराल्ड ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ''वाडा की पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है. जाहिर है, जब लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो तो खेलों को सबसे आगे नहीं रखा जा सकता. अनिवार्य रूप से दुनिया भर में कुछ जगह परीक्षण कार्यक्रम काफी कम हो जाएंगे और यहां तक कि अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए जाएंगे.''

Doping test
डोपिंग

खिलाड़ियों को इस समय दवाओं का अधिक फायदा नहीं मिलने वाला

उन्होंने कहा, ''हालांकि बेईमान खिलाड़ी या समूह इसे धोखा देने के अवसर के रूप में देखता है तो ऐसा करना बहुत ही मूर्खतापूर्ण होगा. खिलाड़ी इस समय भी परीक्षण के दायरे में हैं और उन्हें सामान्य तरीके से रहने के स्थान संबंधी जानकारी मुहैया कराते रहना होगा जिसके कि वे प्रतियोगिता के इतर नमूने देने के लिए उपलब्ध रहें.'' लॉकडाउन के समय अधिकारियों की नजरों से बचकर डोपिंग करने वाले खिलाड़ियों की संख्या में इजाफे की आशंका के बारे में पूछे जाने पर फिट्जगेराल्ड ने कहा कि खिलाड़ियों को इस समय शक्तिवर्धक दवाओं का अधिक फायदा नहीं मिलने वाला.

नई दिल्ली : चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोविड-19 महामारी से दुनिया भर में 32 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि दो लाख 25 हजार से अधिक लोगों की जान गई है. भारत में भी इस घातक बीमारी के 37 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं जबकि 1200 से अधिक लोगों की मौत हुई है.

कुछ हिस्सों में डोप परीक्षण काफी कम हो गए हैं

Wada
विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा)

इस महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी हैं. अधिकतर पेशेवर खेल लीगों को स्थगित या रद किया गया है. कोविड-19 के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में डोप परीक्षण काफी कम हो गए हैं जबकि कुछ स्थानों पर निलंबित भी किए गए हैं लेकिन वाडा के मीडिया रिलेशन एवं कम्यूनिकेशन के सीनियर मैनजर जेम्स फिट्जगेराल्ड ने चेतावनी दी है कि खिलाड़ी इसे निषिद्ध पदार्थ लेने के मौके के तौर पर नहीं देखें.

फिट्जगेराल्ड ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ''वाडा की पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है. जाहिर है, जब लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो तो खेलों को सबसे आगे नहीं रखा जा सकता. अनिवार्य रूप से दुनिया भर में कुछ जगह परीक्षण कार्यक्रम काफी कम हो जाएंगे और यहां तक कि अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए जाएंगे.''

Doping test
डोपिंग

खिलाड़ियों को इस समय दवाओं का अधिक फायदा नहीं मिलने वाला

उन्होंने कहा, ''हालांकि बेईमान खिलाड़ी या समूह इसे धोखा देने के अवसर के रूप में देखता है तो ऐसा करना बहुत ही मूर्खतापूर्ण होगा. खिलाड़ी इस समय भी परीक्षण के दायरे में हैं और उन्हें सामान्य तरीके से रहने के स्थान संबंधी जानकारी मुहैया कराते रहना होगा जिसके कि वे प्रतियोगिता के इतर नमूने देने के लिए उपलब्ध रहें.'' लॉकडाउन के समय अधिकारियों की नजरों से बचकर डोपिंग करने वाले खिलाड़ियों की संख्या में इजाफे की आशंका के बारे में पूछे जाने पर फिट्जगेराल्ड ने कहा कि खिलाड़ियों को इस समय शक्तिवर्धक दवाओं का अधिक फायदा नहीं मिलने वाला.

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