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ओलंपिक विश्व क्वालीफायर को बरकरार रख सकता था आईओसी : एआईबीए - International Boxing Association

एआईबीए ने बयान में कहा, "हम आईओसी कार्य दल के साथियों के फैसले का सम्मान करते हैं. हमारे लिए ओलंपिक कार्यक्रम में मुक्केबाजी का होना हमारे खिलाड़ियों का ओलंपिक सपना पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि हम मानते हैं कि क्वालीफायर को बरकरार रखना संभव था."

AIBA
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Published : Feb 21, 2021, 5:14 PM IST

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के इस साल ओलंपिक के लिए खेल के क्वालीफायर रद करने के फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि क्वालीफायर के बजाय रैंकिंग के हिसाब से कोटा देने से कई युवा मुक्केबाज टोक्यो खेलों में जगह बनाने से वंचित रह जाएंगे.

ये भी पढ़े- मुक्केबाजी : सनामाचा और विंका ने मोंटेनेग्रो में जीता स्वर्ण

टोक्यो में मुक्केबाजी की मुख्य स्पर्धाओं और क्वालीफायर के आयोजन की जिम्मेदारी आईओसी के मुक्केबाजी कार्य दल (टास्क फोर्स) की है, लेकिन उसने दुनिया भर में कोविड-19 पाबंदियों को देखते हुए विश्व क्वालीफायर रद करने का फैसला किया और यूरोपीय क्वालीफायर जून से अप्रैल तक खिसका दिए.

आईओसी ने कथित प्रशासनिक और वित्तीय कुप्रबंधन के लिए एआईबीए को निलंबित किया हुआ है. एआईबीए ने कहा कि प्रतियोगिताओं का आयोजन संभव था और इसका तरीका निकालने के लिए और विचार किया जाना चाहिए था.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

एआईबीए ने बयान में कहा, "हम आईओसी कार्य दल के साथियों के फैसले का सम्मान करते हैं. हमारे लिए ओलंपिक कार्यक्रम में मुक्केबाजी का होना हमारे खिलाड़ियों का ओलंपिक सपना पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि हम मानते हैं कि क्वालीफायर को बरकरार रखना संभव था."

ये भी पढ़े- Australian Open Final : नोवाक जोकोविच ने जीता अपना 9वां ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब

इसके अनुसार, "हम अपने खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल का स्वागत करते हैं, इस महामारी की स्थिति में यह हमारी भी प्राथमिकता है. इस चुनौतीपूर्ण समय में, एआईबीए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करके ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट की मेजबानी करने की कोशिश करेगा."

टोक्यो ओलंपिक
टोक्यो ओलंपिक

आईओसी ने कहा कि जुलाई-अगस्त में होने वाले खेलों के लिए 53 खाली ओलंपिक स्थान रैंकिंग प्रणाली का इस्तेमाल करके भरे जाएंगे जिसमें 2017 से सीनियर टूर्नामेंट के प्रदर्शनों को ध्यान में रखा जाएगा.

एआईबीए ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिए यह बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि युवा प्रदर्शन की इससे अनदेखी होगी.

बयान के अनुसार, "रैंकिंग प्रणाली पिछले वर्षों के अहम टूर्नामेंट के आधार पर तैयार की जाती है, जिसमें युवा टूर्नामेंटों को नहीं लिया जाता इसलिए 2001-02 में जन्में युवा मुक्केबाजों से खेलों में भाग लेने और अपना सपना पूरा करने का मौका छिन जाएगा."

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के इस साल ओलंपिक के लिए खेल के क्वालीफायर रद करने के फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि क्वालीफायर के बजाय रैंकिंग के हिसाब से कोटा देने से कई युवा मुक्केबाज टोक्यो खेलों में जगह बनाने से वंचित रह जाएंगे.

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टोक्यो में मुक्केबाजी की मुख्य स्पर्धाओं और क्वालीफायर के आयोजन की जिम्मेदारी आईओसी के मुक्केबाजी कार्य दल (टास्क फोर्स) की है, लेकिन उसने दुनिया भर में कोविड-19 पाबंदियों को देखते हुए विश्व क्वालीफायर रद करने का फैसला किया और यूरोपीय क्वालीफायर जून से अप्रैल तक खिसका दिए.

आईओसी ने कथित प्रशासनिक और वित्तीय कुप्रबंधन के लिए एआईबीए को निलंबित किया हुआ है. एआईबीए ने कहा कि प्रतियोगिताओं का आयोजन संभव था और इसका तरीका निकालने के लिए और विचार किया जाना चाहिए था.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

एआईबीए ने बयान में कहा, "हम आईओसी कार्य दल के साथियों के फैसले का सम्मान करते हैं. हमारे लिए ओलंपिक कार्यक्रम में मुक्केबाजी का होना हमारे खिलाड़ियों का ओलंपिक सपना पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि हम मानते हैं कि क्वालीफायर को बरकरार रखना संभव था."

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इसके अनुसार, "हम अपने खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल का स्वागत करते हैं, इस महामारी की स्थिति में यह हमारी भी प्राथमिकता है. इस चुनौतीपूर्ण समय में, एआईबीए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करके ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट की मेजबानी करने की कोशिश करेगा."

टोक्यो ओलंपिक
टोक्यो ओलंपिक

आईओसी ने कहा कि जुलाई-अगस्त में होने वाले खेलों के लिए 53 खाली ओलंपिक स्थान रैंकिंग प्रणाली का इस्तेमाल करके भरे जाएंगे जिसमें 2017 से सीनियर टूर्नामेंट के प्रदर्शनों को ध्यान में रखा जाएगा.

एआईबीए ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिए यह बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि युवा प्रदर्शन की इससे अनदेखी होगी.

बयान के अनुसार, "रैंकिंग प्रणाली पिछले वर्षों के अहम टूर्नामेंट के आधार पर तैयार की जाती है, जिसमें युवा टूर्नामेंटों को नहीं लिया जाता इसलिए 2001-02 में जन्में युवा मुक्केबाजों से खेलों में भाग लेने और अपना सपना पूरा करने का मौका छिन जाएगा."

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