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आईओए ने सरकार को मेजबानी सुनिश्चित करने के लिए लिखा पत्र - अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत के भविष्य में मेजवानी को लेकर भी शर्त रखी थी कि जब तक भारत खिलाड़ियों की भागीदारी को सुनिश्चित नहीं करेगा भारत को किसी भी अंतर्राष्ट्रीय इवेंट की मेजवानी नहीं दी जाएगी.

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Published : Apr 18, 2019, 10:55 PM IST

हैदराबाद: भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि वो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को पत्र लिख कर सुनिश्चित करें की खिलाड़ियों की भागीदारी में कोई रुकावट नहीं आएगी. इस मसले को हल करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने एक बार फिर सरकार को पत्र लिख कर इस मुद्दे को हल करने का आग्रह किया है.

नरेंद्र बत्रा ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए जरुरी है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय इवेंट आयोजित हो, सरकार जब तक लिखित रुप से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को वीजा संबंधी गारंटी उपलब्ध नहीं कराता है, देश को किसी भी खेल की मेजवानी मिलने में समस्या आएगी.

मेरी कॉम ओलंपिक में पदक जीतने के बाद
मेरी कॉम ओलंपिक में पदक जीतने के बाद
यहां तक की जिस इवेंट की मेजवानी पहले मिल चुकी है, वो भी छिन जाएगी.इस क्रम में भारत से पहले हीं जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिनी जा चुकी है.हाल हीं में विश्व कुश्ती की शीर्ष इकाई यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारत से जुलाई में होने वाले जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिन ली गई थी.भविष्य में ऐसी चीजें भारत के साथ न हो इसलिए भारतीय ओलंपिक संघ ने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा है.क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत के 2026 में यूथ ओलंपिक, 2030 में एशियन गेम्स और 2032 में ओलंपिक की मेजवानी की उम्मीदों का गहरा झटका लगेगा.इसलिए अगर सरकार वास्तव में देश को स्पोर्टिंग कल्चर की दिशा में ले जाना चाहती है तो इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसका संपूर्ण समाधान निकालना चाहिए.

हैदराबाद: भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि वो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को पत्र लिख कर सुनिश्चित करें की खिलाड़ियों की भागीदारी में कोई रुकावट नहीं आएगी. इस मसले को हल करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने एक बार फिर सरकार को पत्र लिख कर इस मुद्दे को हल करने का आग्रह किया है.

नरेंद्र बत्रा ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए जरुरी है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय इवेंट आयोजित हो, सरकार जब तक लिखित रुप से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को वीजा संबंधी गारंटी उपलब्ध नहीं कराता है, देश को किसी भी खेल की मेजवानी मिलने में समस्या आएगी.

मेरी कॉम ओलंपिक में पदक जीतने के बाद
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यहां तक की जिस इवेंट की मेजवानी पहले मिल चुकी है, वो भी छिन जाएगी.इस क्रम में भारत से पहले हीं जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिनी जा चुकी है.हाल हीं में विश्व कुश्ती की शीर्ष इकाई यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारत से जुलाई में होने वाले जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिन ली गई थी.भविष्य में ऐसी चीजें भारत के साथ न हो इसलिए भारतीय ओलंपिक संघ ने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा है.क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत के 2026 में यूथ ओलंपिक, 2030 में एशियन गेम्स और 2032 में ओलंपिक की मेजवानी की उम्मीदों का गहरा झटका लगेगा.इसलिए अगर सरकार वास्तव में देश को स्पोर्टिंग कल्चर की दिशा में ले जाना चाहती है तो इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसका संपूर्ण समाधान निकालना चाहिए.
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आईओए ने सरकार को मेजबानी सुनिश्चित करने के लिए लिखा पत्र



अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत के भविष्य में मेजवानी को लेकर भी शर्त रखी थी कि जब तक भारत खिलाड़ियों की भागीदारी को सुनिश्चित नहीं करेगा भारत को किसी भी अंतर्राष्ट्रीय इवेंट की मेजवानी नहीं दी जाएगी.



हैदराबाद: भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि वो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को पत्र लिख कर सुनिश्चित करें की खिलाड़ियों की भागीदारी में कोई रुकावट नहीं आएगी।

इस मसले को हल करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने एक बार फिर सरकार को पत्र लिख कर इस मुद्दे को हल करने का आग्रह किया है.नरेंद्र बत्रा ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए जरुरी है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय इवेंट आयोजित हो, सरकार जब तक लिखित रुप से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समीति को वीजा संबंधी गारंटी उपलब्ध नहीं कराता है, देश को किसी भी खेल की मेजवानी मिलने में समस्या आएगी.

यहां तक की जिस इवेंट की मेजवानी पहले मिल चुकी है, वो भी छिन जाएगी.इस क्रम में भारत से पहले हीं जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिनी जा चुकी है.हाल हीं में विश्व कुश्ती की शीर्ष इकाई यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारत से जुलाई में होने वाले जुनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की मेजवानी छिन ली गई थी.

भविष्य में ऐसी चीजें भारत के साथ न हो इसलिए भारतीय ओलंपिक संघ ने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा है.क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत के 2026 में यूथ ओलंपिक, 2030 में एशियन गेम्स और 2032 में ओलंपिक की मेजवानी की उम्मीदों का गहरा झटका लगेगा.

इसलिए अगर सरकार वास्तव में देश को स्पोर्टिंग कल्चर की दिशा में ले जाना चाहती है तो इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसका संपूर्ण समाधान निकालना चाहिए।


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