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आईओए के महासचिव के रूप में मेहता का कार्यकाल अवैध : अधिकारी

भोलानाथ ने कहा, "राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के प्रावधानों के अनुसार, अनुबंध-23-पत्र दिनांक 01.05.2010-पारा नौ (आई) के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ सहित किसी भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ के अध्यक्ष अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकते हैं. उपरोक्त प्रावधानों को पढ़ने से संकेत मिलता है कि कोई व्यक्ति किसी भी एनएसएफ में 12 साल तक अध्यक्ष के पद पर रह सकता है."

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Published : Jun 16, 2020, 8:48 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के भीतर चल रही लड़ाई ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. संघ के कार्यकारी परिषद के सदस्य भोलानाथ सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय तलवारबाजी संघ (एफएआई) के अध्यक्ष के रूप में आईओए के महासचिव राजीव मेहता का कार्यकाल अवैध था.

भोलानाथ ने खेल सचिव रवि मित्तल को लिखे एक पत्र में कहा कि आईओए के महासचिव के रूप में मेहता का पद भी अवैध है क्योंकि वो एफएआई के प्रतिनिधि के रूप में इस पद के लिए आए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि मेहता का भारतीय खो खो महासंघ (केकेएफआई) के अध्यक्ष होने बावजूद एफएआई का अध्यक्ष होना, 2011 के राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन हैं.

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IOA को लोगो
भोलानाथ ने कहा, "20.08.2017 को भारतीय तलवारबाजी संघ का अध्यक्ष बनने से पहले, मेहता 2009 से 2017 तक भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष थे."उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के प्रावधानों के अनुसार, अनुबंध-23-पत्र दिनांक 01.05.2010-पारा नौ (आई) के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ सहित किसी भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ के अध्यक्ष अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकते हैं. उपरोक्त प्रावधानों को पढ़ने से संकेत मिलता है कि कोई व्यक्ति किसी भी एनएसएफ में 12 साल तक अध्यक्ष के पद पर रह सकता है."भोलानाथ ने कहा, "राजीव मेहता भारतीय खो खो महासंघ से भारतीय तलवारबाजी संघ में आना चाहते थे. इसलिए उन्हें चार साल की कूलिंग ऑफ से गुजरना चाहिए था."भोलानाथ ने साथ ही ये भी आरोप लगाया कि मेहता ने अपनी पत्नी दीपा मेहता के लिए पद पर रहते हुए लुग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एलएफआई) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.उन्होंने कहा, " ये स्पष्ट नहीं है कि दीपा मेहता कैसे एलएफआई की अध्यक्ष बनी. एलएफआई की वेबसाइट पर चुनाव से संबंधित कोई विवरण नहीं है."

नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के भीतर चल रही लड़ाई ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. संघ के कार्यकारी परिषद के सदस्य भोलानाथ सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय तलवारबाजी संघ (एफएआई) के अध्यक्ष के रूप में आईओए के महासचिव राजीव मेहता का कार्यकाल अवैध था.

भोलानाथ ने खेल सचिव रवि मित्तल को लिखे एक पत्र में कहा कि आईओए के महासचिव के रूप में मेहता का पद भी अवैध है क्योंकि वो एफएआई के प्रतिनिधि के रूप में इस पद के लिए आए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि मेहता का भारतीय खो खो महासंघ (केकेएफआई) के अध्यक्ष होने बावजूद एफएआई का अध्यक्ष होना, 2011 के राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन हैं.

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भोलानाथ ने कहा, "20.08.2017 को भारतीय तलवारबाजी संघ का अध्यक्ष बनने से पहले, मेहता 2009 से 2017 तक भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष थे."उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के प्रावधानों के अनुसार, अनुबंध-23-पत्र दिनांक 01.05.2010-पारा नौ (आई) के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ सहित किसी भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ के अध्यक्ष अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकते हैं. उपरोक्त प्रावधानों को पढ़ने से संकेत मिलता है कि कोई व्यक्ति किसी भी एनएसएफ में 12 साल तक अध्यक्ष के पद पर रह सकता है."भोलानाथ ने कहा, "राजीव मेहता भारतीय खो खो महासंघ से भारतीय तलवारबाजी संघ में आना चाहते थे. इसलिए उन्हें चार साल की कूलिंग ऑफ से गुजरना चाहिए था."भोलानाथ ने साथ ही ये भी आरोप लगाया कि मेहता ने अपनी पत्नी दीपा मेहता के लिए पद पर रहते हुए लुग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एलएफआई) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.उन्होंने कहा, " ये स्पष्ट नहीं है कि दीपा मेहता कैसे एलएफआई की अध्यक्ष बनी. एलएफआई की वेबसाइट पर चुनाव से संबंधित कोई विवरण नहीं है."
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