नई दिल्ली : आईओओ ने पांच मई को राष्ट्रीय महासंघों (एनएसएफ), राज्य ओलम्पिक संघों और बाकी के हितधारकों से खेलों को दोबारा शुरू करने को लेकर सलाह मांगी थी. इस संबंध में आओए ने एक सर्वे आयोजित किया था और सदस्यों से सलाह मांगी थी. अब इसे आईओए द्वारा तैयार किया जाएगा और इसका मकसद सभी हितधारकों से खेलों को दोबारा शुरू करने को लेकर फीडबैक लेना था.
किसी ने भी इस शोध में ज्यादा मदद नहीं की
बत्रा ने हालांकि कहा है कि सदस्यों ने इसमें अपना ज्यादा योगदान नहीं दिया. बत्रा ने कहा, "मैं इस बात से काफी निराश हूं कि भारतीय ओलम्पिक संघ के सदस्य, चाहे वो एनएसएफ हो या राज्य ओलम्पिक संघ, किसी ने भी इस शोध में ज्यादा मदद नहीं की, जहां तक कि अप्रत्यक्ष तरीके से सर्वे को अपने लोगों, खासकर खिलाड़ियों के बीच में भी नहीं रखा."
उन्होंने कहा, "मुझे कुछ खिलाड़ियों से पता चला कि कुछ खेल महासंघों ने इस सर्वे को उनसे शेयर भी नहीं किया." बत्रा ने कहा कि यह सर्वे सभी हितधारकों के लिए ओलम्पिक आंदोलन में योगदान देने का अच्छा मौका है.
कुछ खेल महासंघों ने इस मौके का फायदा नहीं उठाया
उन्होंने कहा, "हमने सुना होगा कि एक ही आवाज पूरे खेल समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन कुछ खेल महासंघों ने इस मौके का फायदा नहीं उठाया." आईओए ने कहा कि उसे 450 प्रतिक्रिया मिली हैं जिसमें से 178 तो खिलाड़ियों, 145 मैच अधिकारियों और 74 सपोर्ट स्टाफ में से हैं.
आईओए ने कहा कि 75 फीसदी लोगों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद ट्रेनिंग शुरू करना सही रहेगा, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, साफ सफाई का ध्यान रखना होगा.