गुलमर्ग: प्रसिद्ध भारतीय अल्पाइन स्कीइंग खिलाड़ी आंचल ठाकुर ने विश्व प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में आयोजित दूसरे खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स 2021 के दौरान दो स्वर्ण पदक हासिल किए.
हाल ही में, आंचल इटली के कोरटिना में आयोजित वर्ल्ड स्कीइंग चैंपियनशिप 2021 में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं. इस चैंपियनशिप में वे 65वें स्थान पर रही थी.
उन्होंने 2012 में आयोजित हुए युथ विंटर ओलंपिक में भी भाग लिया था. यहां आंचल ने स्लैलम और जाइंट स्लैलम इवेंट में प्रतिस्पर्धा कर रही थी. तुर्की में 2018 अल्पाइन एज्डर 3200 कप में कांस्य पदक जीता था. इस खेल में पदक जीतने वाली वे पहली भारतीय बनी थी.
मनाली की रहने वाली 24 साल की आंचल भारत को इस खेल में अगले स्तर पर ले जा रही हैं. वह इंसब्रुक में 2012 के शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लिया था. यहां भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली वे एकमात्र भारतीय थी.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान आंचल ने कहा कि वे आरिफ खान (जम्मू कश्मीर) के साथ विश्व स्कीइंग चैम्पियनशिप में बेहतर प्रदर्शन किया होता अगर बेहतर ढलान और प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे होते.
यदि उन्हें सही प्रशिक्षण मिलता है, तो उन्हें पूरी उम्मीद है कि वे आगामी शीतकालीन ओलंपिक में पदक जीत सकती हैं.
आंचल ने कहा, "आज तक मैं भारत का अंतरराष्ट्रीय लेवल पर प्रतिनिधित्व करते आई हूं. भारत के लिए जो पहला मेडल था, उसके लिए मैं उन सभी लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा स्पोर्ट किया और मैं चाहती हूं कि मैं आगे भी भारत को इंटरनेशनल मेडल दिलाती रहूं. लेकिन फिलहाल सबसे बड़ा लक्ष्य है भारत को अगले साल होने वाले विंटर ओलंपिक में रिप्रजेंट करना."
उन्होंने आगे कहा, "ओलंपिक में मेडल लाने के लिए मुझे ट्रेनिंग की बहुत जरूरत है. इसके साथ ही फंडिंग की भी जरूरत है. मैं चाहती हूं कि हमारी नेशनल फेडरेशन या फिर सरकार मेरी मदद करे ताकि मैं ट्रेनिंग कर सकूं या फिर मुझे ऐसे कोच और टीम दी जाए जो मुझे ओलंपिक में क्वालीफाई करने में मदद कर सके."
आंचल ने साथ ही कहा, "शीतकालीन खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इस ओर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए प्रशिक्षण शिविरों को आयोजित करने और एथलीटों को प्रशिक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोच को लाने की जरूरत है."