ETV Bharat / sports

ISSF Junior World Cup : भारत के निशानेबाज अभिनव शॉ ने किया कमाल, 10 मीटर एयर राइफल में जीते दो स्वर्ण पदक - भारतीय निशानेबाज अभिनव शॉ

भारत के पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखने वाले शूटर अभिनव शॉ ने कोरिया में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में 2 गोल्ड मेडल जीतकर भारत का परचम लहराया है.

indian shooter abhinav shaw
भारतीय निशानेबाज अभिनव शॉ
author img

By

Published : Jul 24, 2023, 9:58 PM IST

आसनसोल : जर्मनी में शानदार प्रदर्शन के बाद आसनसोल के अभिनव शॉ ने अब कोरिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में अभिनव शॉ ने दो स्वर्ण पदक जीते. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में मिश्रित और टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता. एकल प्रदर्शन में, अभिनव ने क्वालिफिकेशन राउंड और सेमीफाइनल में चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया.

हालांकि, फाइनल में वह मामूली अंतर से पदक से चूक गए. अभिनव का अगला लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक हैं. अभिनव का जन्म 2008 में हुआ था, जिस वर्ष भारत के स्वर्ण पुरुष अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. और इसलिए उनके पिता रूपेश शॉ ने उनका नाम अभिनव रखा.

निशानेबाज अभिनव शॉ
निशानेबाज अभिनव शॉ

आसनसोल एडीडीए कॉलोनी निवासी अभिनव शॉ ने दो माह पहले जर्मनी में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था. इस बार कोरिया में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप में अभिनव शॉ ने एक बार और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

आसनसोल के निशानेबाज ने पिछले महीने जर्मनी में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में मिश्रित युगल 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. उनकी जोड़ी मध्य प्रदेश की गौतमी भनोट के साथ बनाई गई थी. अभिनव ने जर्मनी में 10 मीटर एकल स्पर्धा में भी रजत पदक जीता. अभिनव ने इस बार कोरिया में एक और आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में अपना दबदबा बरकरार रखा. इस बार भी मिश्रित युगल में उनकी जोड़ीदार गौतमी भनोट थीं. अभिनव ने मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा टीम स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता.

निशानेबाज अभिनव शॉ
निशानेबाज अभिनव शॉ

उनके पिता रूपेश, जो एक होम ट्यूटर थे, बचपन में एक निशानेबाज बनने की इच्छा रखते थे, लेकिन इस खेल में कुछ बड़ा नहीं कर सके और इसलिए वह चाहते थे कि उनका बेटा एक प्रसिद्ध निशानेबाज बने. निशानेबाजी जैसे खेलों में बहुत खर्च होता है. इसके बावजूद, रूपेश और उनकी पत्नी अपने बेटे को खेल में आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ त्याग कर कड़ी मेहनत कर रहे हैं. अभिनव आसनसोल राइफल क्लब में अभ्यास करते हैं. छोटी उम्र से ही अभिनव ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते और यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीते.

आसनसोल राइफल क्लब के अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार ढल ने अभिनव को हाल के दिनों में उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए बधाई दी. अभिनव फिलहाल 16 साल के हैं और आसनसोल के सेंट विंसेंट स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं. इस शानदार जीत के बाद अभिनव शॉ ने कहा, 'मैं ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा की तरह स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखूंगा'.

ये खबरें भी पढ़ें :-

आसनसोल : जर्मनी में शानदार प्रदर्शन के बाद आसनसोल के अभिनव शॉ ने अब कोरिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में अभिनव शॉ ने दो स्वर्ण पदक जीते. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में मिश्रित और टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता. एकल प्रदर्शन में, अभिनव ने क्वालिफिकेशन राउंड और सेमीफाइनल में चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया.

हालांकि, फाइनल में वह मामूली अंतर से पदक से चूक गए. अभिनव का अगला लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक हैं. अभिनव का जन्म 2008 में हुआ था, जिस वर्ष भारत के स्वर्ण पुरुष अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. और इसलिए उनके पिता रूपेश शॉ ने उनका नाम अभिनव रखा.

निशानेबाज अभिनव शॉ
निशानेबाज अभिनव शॉ

आसनसोल एडीडीए कॉलोनी निवासी अभिनव शॉ ने दो माह पहले जर्मनी में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था. इस बार कोरिया में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप में अभिनव शॉ ने एक बार और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

आसनसोल के निशानेबाज ने पिछले महीने जर्मनी में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में मिश्रित युगल 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. उनकी जोड़ी मध्य प्रदेश की गौतमी भनोट के साथ बनाई गई थी. अभिनव ने जर्मनी में 10 मीटर एकल स्पर्धा में भी रजत पदक जीता. अभिनव ने इस बार कोरिया में एक और आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में अपना दबदबा बरकरार रखा. इस बार भी मिश्रित युगल में उनकी जोड़ीदार गौतमी भनोट थीं. अभिनव ने मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा टीम स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता.

निशानेबाज अभिनव शॉ
निशानेबाज अभिनव शॉ

उनके पिता रूपेश, जो एक होम ट्यूटर थे, बचपन में एक निशानेबाज बनने की इच्छा रखते थे, लेकिन इस खेल में कुछ बड़ा नहीं कर सके और इसलिए वह चाहते थे कि उनका बेटा एक प्रसिद्ध निशानेबाज बने. निशानेबाजी जैसे खेलों में बहुत खर्च होता है. इसके बावजूद, रूपेश और उनकी पत्नी अपने बेटे को खेल में आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ त्याग कर कड़ी मेहनत कर रहे हैं. अभिनव आसनसोल राइफल क्लब में अभ्यास करते हैं. छोटी उम्र से ही अभिनव ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते और यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीते.

आसनसोल राइफल क्लब के अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार ढल ने अभिनव को हाल के दिनों में उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए बधाई दी. अभिनव फिलहाल 16 साल के हैं और आसनसोल के सेंट विंसेंट स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं. इस शानदार जीत के बाद अभिनव शॉ ने कहा, 'मैं ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा की तरह स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखूंगा'.

ये खबरें भी पढ़ें :-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.