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Gurpreet Sandhu : भारतीय फुटबॉल की दीवार गुरप्रीत ने कहा, पेनल्टी का बचाव करने के लिए अनुभव और किस्मत का साथ जरूरी - भारतीय फुटबॉल टीम

भारतीय फुटबॉल टीम के स्टार गोलकीपर गुरप्रीत ने शनिवार को लेबनान के खिलाफ सैफ चैंपियनशिप के सेमीफानल मैच में पेनल्टी शूटआउट में शानदार 2 बचाव कर भारत को फाइनल में पहुंचाया था. अब गुरप्रीत ने कहा है कि पेनल्टी का बचाव करने के लिए अनुभव और किस्मत का साथ जरूरी.

gurpreet sandhu
गुरप्रीत सिंह संधू
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Published : Jul 2, 2023, 10:30 PM IST

बेंगलुरु : लेबनान के खिलाफ सैफ चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पेनल्टी शूटआउट में शानदार बचाव कर टीम को फाइनल में पहुंचाने वाले गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा कि वह सामने वाले खिलाड़ी की मानसिकता को भाप कर एक तरफ डाइव लगाते है और इसके नतीजे को किस्मत पर छोड़ देते है.

भारतीय टीम मंगलवार को टूर्नामेंट के फाइनल में कुवैत का सामना करेगी. कप्तान सुनील छेत्री ने पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए पहला गोल किया. इसके बाद संधू ने बायीं ओर डाइव लगाकर हसन मातोक के किक पर शानदार बचाव किया. अनवर अली, नाओरेम महेश सिंह और उदांता सिंह कुमाम ने इसके बाद भारत के लिए गोल दागे. वालिद शऊर और मोहम्मद सादेक ने गोल कर लेबनान को मुकाबले में बनाये रखा था लेकिन खलील बदेर की किक क्रॉसबार के ऊपर से निकल गयी जिससे भारत ने शानदार जीत दर्ज की.

संधू ने कहा, 'मैं एक गोलकीपर के रूप में यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि पेनल्टी लेने वाले का काम मुश्किल हो जाए. मैं आखिरी क्षण तक उस पर मानसिक बढ़त लेने की कोशिश करता हूं और इसके बाद एक साइड का चयन कर गेंद पर हाथ लगाने की कोशिश करता हूं'.

उन्होंने कहा, 'आप हर पेनल्टी का बचाव नहीं कर सकते. लेकिन आप ये जानने की कोशिश करते है कि किक लगाने वाला खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा है. कोई आपको भ्रमित करने की कोशिश करेगा, कोई पहले से तय योजना के साथ आएगा. इसमें अनुभव और कद काठी का भी योगदान होता है. अगर मेरा कद पांच फुट चार इंच का होता, तो निश्चित रूप से मैं ज्यादा पेनल्टी का बचाव नहीं कर पाता'.

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(इनपुट: पीटीआई भाषा)

बेंगलुरु : लेबनान के खिलाफ सैफ चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पेनल्टी शूटआउट में शानदार बचाव कर टीम को फाइनल में पहुंचाने वाले गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा कि वह सामने वाले खिलाड़ी की मानसिकता को भाप कर एक तरफ डाइव लगाते है और इसके नतीजे को किस्मत पर छोड़ देते है.

भारतीय टीम मंगलवार को टूर्नामेंट के फाइनल में कुवैत का सामना करेगी. कप्तान सुनील छेत्री ने पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए पहला गोल किया. इसके बाद संधू ने बायीं ओर डाइव लगाकर हसन मातोक के किक पर शानदार बचाव किया. अनवर अली, नाओरेम महेश सिंह और उदांता सिंह कुमाम ने इसके बाद भारत के लिए गोल दागे. वालिद शऊर और मोहम्मद सादेक ने गोल कर लेबनान को मुकाबले में बनाये रखा था लेकिन खलील बदेर की किक क्रॉसबार के ऊपर से निकल गयी जिससे भारत ने शानदार जीत दर्ज की.

संधू ने कहा, 'मैं एक गोलकीपर के रूप में यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि पेनल्टी लेने वाले का काम मुश्किल हो जाए. मैं आखिरी क्षण तक उस पर मानसिक बढ़त लेने की कोशिश करता हूं और इसके बाद एक साइड का चयन कर गेंद पर हाथ लगाने की कोशिश करता हूं'.

उन्होंने कहा, 'आप हर पेनल्टी का बचाव नहीं कर सकते. लेकिन आप ये जानने की कोशिश करते है कि किक लगाने वाला खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा है. कोई आपको भ्रमित करने की कोशिश करेगा, कोई पहले से तय योजना के साथ आएगा. इसमें अनुभव और कद काठी का भी योगदान होता है. अगर मेरा कद पांच फुट चार इंच का होता, तो निश्चित रूप से मैं ज्यादा पेनल्टी का बचाव नहीं कर पाता'.

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(इनपुट: पीटीआई भाषा)

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