हैदराबाद: भारत के पहले एफ2 रेस (साखिर जीपी) विजेता जेहान दारूवाला ने ईटीवी के साथ खास बातचीत में बताया कि वो एक दिन एफ 1 में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं वहीं उनकी बीती एफ2 रेस उनके जीवन की सबसे मुश्किल रेस थी.
जेहान दारूवाला से बातचीत के कुछ अंश
Q. एफ2 रेस जीतना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है वहीं आपकी इस जीत के बाद आपके माता-पिता और दोस्तों की क्या प्रतिक्रिया थी, क्या कुछ बदलाव आया है उसके बाद से आपके जीवन में?
मैने जो कुछ भी अब तक किया है उसपर मेरे मां-बाप और मेरे दोस्त मुझपर बहुत गर्व करते हैं. हालांकि, जिन्दगी में ज्यादा कुछ बदला नहीं है. मैं अपने लिए मुश्किल टार्गेट सेट करता हूं. मैं हमेशा या तो रेस जीतने का टार्गेट रखता हूं या पोडियम पर पहुंचने का टार्गेट रखता हूं. मैं हमेशा खुदपर भरोसा करता हूं कि मैं ये कर सकता हूं. इस स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना और वहां पर राष्ट्रीय गान का गाए जाना, इससे मुझे गर्व महसूस होता है.
Q. उस रेस (साखिर जीपी) के दौरान सबसे बड़ा चर्चा का विषय बना मिक शूमाकर को हराना और हमे ये भी बताईये कि रेस के दौरान आपके मन में क्या चल रहा था?
उस रेस के दौरान मुझे पता था कि उनके पास नए टार्यस हैं तो ये मुश्किल होगा. लेकिन मैेंने जितनी हो सके उतनी ताकत के साथ रेस में अपना दमखम दिखाया और रक्षात्मक रवैया अपनाया. मेरे ऐसा करने से मिक को भी संर्घष करना पड़ा मुझसे आगे निकलने के लिए जो वो नहीं कर सके, मेरे रक्षात्मक रवैये से मुझे फायदा मिला.
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Q. कोरोना वायरस के चलते दुनियां के सभी स्पोर्टिंग इवेंट, एफ2, सबको थमना पड़ा. क्या आपको लगता है कि ज्यादा रेस में भाग लेने से आपको और अच्छा परफॉर्म करने में मदद मिलती?
कोरोना के बावजूद एफ2 का पूरा सीजन हुआ, तो हमलोगों के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था. हालांकि हमको पूरे साल बायो बबल में रहना पड़ा और आइसोलेट करना पड़ा सिर्फ वहीं मुश्किल था.
Q. बायो बबल में रहना और रेस के लिए तैयारी करना ये कितना मुश्किल था?
सबसे मुश्किल था मेरे माता-पिता का वहां ना होना, क्योंकि वो मेरी हर रेस में आते थे. ये वाला पार्ट काफी मुश्किल था. इसके अलावा लंदन में रहना, अपने आपको आइसोलेट करना मुश्किल था.
Q. एफ3 में आपने कमाल किया फिर एफ2 में देश का नाम रोशन किया तो क्या 2021 में एफ1 आपका लक्ष्य होगा?
बिल्कुल, मैं एफ 2 जाउंगा इस साल, और अगले साल कोशिश रहेगी कि मैं एफ1 का भी हिस्सा बन जांऊ.
Q. अपने दूसरे ड्राइवर को लेकर रेड बुल काफी बदलाव करता रहता है, एल्फाटॉरी भी ऐसा करता रहता है, तो क्या आपको लगता है कि एक साल का अनुभव होने के चलते आपके लिये वहां कोई मौके बन सकते हैं?
मुझे लगता है कि ये बिलकुल हो सकता है, मुझे सिर्फ परफॉर्म करना है. मुझे आपना सर्वश्रेष्ठ देना है तो मुझे फॉर्मूला 1 में मौका मिल सकता है.
Q. आप इस वक्त टीम कार्लिन के साथ हैं ऐसे में आपका प्लान क्या है?
अभी तक किसी चीज की घोषणा नहीं की गई है. उम्मीद है कि जब भी सीजन की घोषणा होती है तो मैं उनके साथ रहूंगा. मेरा फोक्स रहेगा कि मैं अपनी रेस पर ध्यान दूं और सीखूं, अच्छा करूं, पोडियम तक पहुंच जांऊ.
Q. आपने कई रेस जैसे की MSA सुपर ब्रिटिश कार्टिंग, CIK-FIA वर्ल्ड चैंपियनशिप, न्यूजीलैंड ग्रैंड प्री में भारत का न सिर्फ प्रतिनिधित्व किया बल्कि पहले भारतीय बने जिन्होंने ये रेस जीतीं ऐसे में कौन सी रेस आपकी सबसे मुश्किल रही और सबसे पसंदीदा भी?
मुझे लगता है मेरी आखिरी रेस (एफ2, साखिर जीपी {बहरीन}) काफी मुश्किल थी इसे जीतना बिल्कुल भी आसान नहीं था. मैंने रेस शुरू की और मैं तीसरे स्थान पर था. ये काफी मुश्किल था और पूरे समय डेनियल टिकटूम के साथ मेरी लीड चल रही थी. मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी ये रेस जीतने के लिए.
Q. आपका 24 घंटे ली मैन्स और डकार रैली को लेकर क्या विचार है, क्या आप भविष्य में इसका हिस्सा बनने का सोच रहे हैं?
अभी तो ये रेस मेरी लिस्ट का हिस्सा नहीं है. मैं अभी फोर्मूला 1 पर ही फोक्स कर रहा हूं. लेकिन हो सकता है कि भविष्य में मैं 24 घंटे ली मैंस का हिस्सा बनने का सोचूं.
Q. क्या आपको रेस के लिए तैयारी करने के लिए वर्चूआल गेमिंग से कोई मदद मिलती है वहीं कोविड के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान आपने कैसे तैयारी की?
लॉकडाउन के समय भी हमे ट्रैक पर जाना पड़ता था. हमे रेड बुल फैक्ट्री जाना पड़ता था और डेटा, प्लानिंग का हिस्सा बनना पड़ता था तो इतना अलगाव नहीं था काम से हमारा.
Q. क्या किसी रेसिंग ड्राइवर को आप अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं?
फर्नांडो अलोंसो मेरे बचपन से फेवरेट रहे हैं, मुझे उनका रेस करने का तरीका पसंद है.
Q. आपका अंतिम लक्ष्य क्या है?
मेरा अंतिम लक्ष्य भारत का एफ1 में प्रतिनिधत्व करना है और फॉर्मूला 1 का वर्ल्ड चैंपियन बनना है. मेरा लक्ष्य है मेहनत करना और अपने फॉर्मूला 1 का लक्ष्य हासिल करना है.
---साभार राजसी स्वरूप