नई दिल्ली : अनुभवी भारतीय पॉवरलिफ्टर गौरव शर्मा ने बुधवार को कहा कि वो फ्लोरिडा में 11 नवंबर से शुरू होने वाले टूर्नामेंट के लिए तैयार हैं. इस टूर्नामेंट का आयोजन मूल रूप से 20 से 24 मई तक आयोजित होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. प्रतियोगिता में क्वालीफाइंग मुकाबले 11 और 12 नवंबर को जबकि फाइनल 14 और 15 नवंबर को होगा.
गौरव ने कहा, "मैं अपने कोच भूपिंदर धवन सर के मार्गदर्शन में कड़ी ट्रेनिंग कर रहा हूं. मुझे मई में जाना था, लेकिन कार्यक्रम स्थगित होने के बाद, मुझे अपनी ताकत पर काम करने के लिए अधिक समय मिला है." छह फुट और तीन इंच लंबे तथा 163 किग्रा के गौरव ने कहा, "लॉकडाउन के समय में, मैं मोटरसाइकिल उठाता था, पार्किं ग में भारी कारों को धकेलता था। मैंने इस प्रतियोगिता के लिए बहुत मेहनत की है."
गौरव चांदनी चौक के एक मंदिर में 'महंत' (पुजारी) भी हैं. उन्हें पिछले साल लंदन में प्रतिष्ठित महात्मा गांधी लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया था. भारतीय पॉवरलिफ्टर ने कहा कि वह भारत में इस खेल को बढ़ावा देना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, "मैं भारत में पावरलिफ्टिंग की लोकप्रियता बढ़ाना चाहता हूं. हमारे देश में इस खेल की काफी संभावनाएं हैं. हमारे पास भारतीय पावरलिफ्टर्स का एक मेजबान है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल की है. ट्रेनिंग के अलावा मैं अपने जिम में युवाओं का भी मार्गदर्शन भी करता हूं. मैं अभी कुछ और साल तक प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं लेकिन संन्यास लेने के बाद मैं पूरे भारत में इस खेल को और लोकप्रिय बनाने के लिए खुद को कोचिंग के लिए समर्पित करूंगा."
गौरव ने 17 साल की उम्र में पॉवरलिफ्टिंग में कदम रख दिए थे. उन्होंने पिछले साल यूरोपीय चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने साथ ही 242 किलोग्राम की लिफ्ट के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था. उन्होंने कहा, "किसी भी एथलीट के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है और जब तिरंगा लहराता है तो आप उस भावना को व्यक्त नहीं कर सकते."
दिल्ली के एथलीट गौरव ने इंग्लैंड में 2016 विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते. इसके अलावा उन्होंने 2007 में न्यूजीलैंड में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में चार स्वर्ण अपने नाम किए थे.