हैदराबाद : उसेन बोल्ट भले ही अब मैदान पर दौड़ते नहीं हैं लेकिन उनके रिकॉर्ड अब भी कायम हैं. साल 2009 में बर्लिन में वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था.
बोल्ट ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपने करियर में मेडल जीतने के लिए दौड़ लगाई, ना कि रिकॉर्ड बनाने के लिए हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, 'समय जल्दी बीत जाता है. लगता ही नहीं है कि बर्लिन में गोल्ड मेडल जीते 10 साल बीत गए हैं.'
8 बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बोल्ट ने कहा, 'साल 2008 में मैंने पहली बार ओलिंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीते थे और फिर अच्छी ट्रेनिंग की. मैं हर चैंपियनशिप में जीतने के मकसद से उतरता था.'
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बोल्ट ने कहा, ' मैं वो खचाखच भरे स्टेडियम में दौड़ लगाना और उस उत्साह को मिस करता हूं लेकिन अपने संन्यास के फैसले से खुश हूं और इस बारे में मुझे कोई पछतावा नहीं है.
10 साल के बाद भी बोल्ट का 100 मीटर (9.58 सेकंड) और 200 मीटर (19.19 सेकंड) के वर्ल्ड रिकॉर्ड अब भी बरकरार हैं. इस पर उन्होंने कहा, 'रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए हैं. मैं अभी उम्मीद कर सकता हूं कि फिलहाल आने वाले कुछ साल में तो इन्हें कोई तोड़ने वाला नहीं है.