चेन्नई : हॉकी इंडिया ने युवा स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए सब जूनियर (अंडर-17) टीम गठित करने की घोषणा की और इन टीमों के लिए क्रमश: पूर्व राष्ट्रीय कप्तान सरदार सिंह और रानी रामपाल को कोच नियुक्त किया.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप टिर्की ने यहां चल रही एशियाई चैम्पियंस ट्राफी के मौके पर यह घोषणा की. टिर्की ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'हॉकी इंडिया कोचिंग प्रणाली में कुछ बदलाव लागू करने की कोशिश कर रही हैं, विशेषकर जमीनीं स्तर पर युवाओं के लिए. हॉकी इंडिया के इतिहास में पहली बार हम जमीनीं स्तर पर हॉकी को मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं'.
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Hockey India today announced a special coaching camp and international matches for the Indian Sub-Junior Men’s and Women’s Team. The camp will see former Indian Hockey Captain Sardar Singh, and former India Women's Captain Rani taking up the mentorship and Coach's role.
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उन्होंने कहा, 'हमने काफी समय से अंडर-21 स्तर को महत्ता दी है और अब हम सब जूनियर स्तर को भी अहमियत देंगे. इसलिए पहली बार हॉकी इंडिया सब जूनियर अंडर-17 भारतीय टीम बनायेगा'. टिर्की ने कहा, 'सरदार सिंह अंडर-17 लड़कों की टीम के कोच होंगे और रानी रामपाल लड़कियों की टीम की कोच होंगी'.
हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय सब जूनियर टीमों के लिए विशेष कोचिंग शिविर और अंतरराष्ट्रीय मैचों की घोषणा भी की. शिविर 45 से 50 दिन का होगा और 21 अगस्त से राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में लगेगा. इसके बाद यूरोप - बेल्जियम और नीदरलैंड में अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जायेंगे.
प्रत्येक शिविर के लिए कुल 40-40 खिलाड़ियों को चुना जायेगा. हॉकी इंडिया की सब जूनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हाल के प्रदर्शन के आधार पर ही खिलाड़ियों को चुना जायेगा. प्रत्येक टीम के साथ कोचिंग स्टाफ में कोच, दो सहायक कोच, दो फिजियो, दो मालिशिये और एक ट्रेनर होगा.
टिर्की ने कहा, 'हम पिछले कुछ समय से विदेशी कोचों पर निर्भर हैं, हमने अपने पूर्व खिलाड़ियों को मौका देने और अच्छा कोच बनने के लिये मंच देने का फैसला किया. सरदार सिंह और रानी रामपाल के इस भूमिका को स्वीकार करने के लिए हम उनका शुक्रिया करते हैं'.
सरदार ने इस भूमिका को लेने के अपने फैसले के बारे में कहा कि वह भारतीय हॉकी के लिए खिलाड़ियों का बड़ा पूल तैयार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यह मौका देने के लिए हॉकी इंडिया का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, अब तक हम सीनियर टीम और जूनियर टीम पर ध्यान लगाते थे. सब जूनियर के लिए हमारे पास राष्ट्रीय टूर्नामेंट हैं. लेकिन राष्ट्रीय टीम में जो खिलाड़ी पहली बार जगह बनाता है, उसके लिए सबसे बड़ी बाधा टीम में सांमजस्य बिठाने की होती है और यह सीनियर खिलाड़ी पर भी बोझ बन जाता है'.
सरदार ने कहा, 'इसलिये मेरा मानना है कि सब जूनियर टीम को अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलने से शुरु से ही मौके मिलेंगे जिससे खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में प्रवेश करने से पहले तैयार होंगे. साथ ही टीम संतुलित भी बनी रहेगी'.
टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम की अगुआई के बाद चोटों के कारण लंबे समय से बाहर चल रही रानी सब जूनियर टीम की कोचिंग की संभावना को लेकर उत्साहित थीं. उन्होंने हालांकि निकट भविष्य में संन्यास की योजनाओं को खारिज कर दिया.
रानी ने कहा, 'हॉकी इंडिया ने मुझे एक मौका दिया है और मुझे लगा कि अभी तक मेरी हॉकी यात्रा का अनुभव आने वाली युवाओं के साथ साझा करना अच्छा होगा जिससे भारतीय हॉकी बेहतर ही बनेगी'.
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(इनपुट: पीटीआई भाषा)