हैदराबाद : भारत के अग्रणी पुरुष टेबल टेनिस खिलाड़ी हरमीत देसाई ने राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की तैयारी छुटपन से ही शुरू कर दी थी. इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतना उनका बचपन का सपना था और अब उनका ये सपना पूरा हो चुका है.
ओडिशा के कटक में आयोजित 21वीं राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरमीत ने मीडिया से कहा कि वे अपनी इस सफलता पर बेहद खुश हैं.
भारतीय टीम रही राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में ओवरऑल चैम्पियन
हरमीत देसाई ने 22 जुलाई को समाप्त हुई राष्ट्रमंडल टेटे चैंपियनशिप के एकल वर्ग में हमवतन अनुभवी जी. साथियान को हराकर खिताब जीता. भारत ने इस चैंपियनशिप में सात स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक अपने नाम किए. भारतीय टीम राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में ओवरऑल चैम्पियन रही.
हरमीत गुरुवार से शुरू होने जा रही अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटेटे) के तीसरे संस्करण में लीग की नई टीम पुनेरी पल्टन की ओर से खेलेंगे.
पदक जीतना मेरा बचपन का सपना
हरमीत ने मीडिया से बात-चीत करते हुए कहा, 'राष्ट्रमंडल टेटे चैंपियनशिप में पदक जीतना मेरा बचपन का सपना था. इसके लिए मैंने बचपन (करीब चार साल) से ही तैयारी शुरू कर दी थी. मुझे उम्मीद था कि मैं यहां अच्छा करूंगा. जब मैंने टीम के साथ अच्छा खेला तो मुझे विश्वास हो गया कि मैं एकल में भी अच्छा करूंगा. मुझे खुशी है कि मेरे बचपन की तपस्या अब जाकर सफल हुई है.'
टोक्यो में इस प्रदर्शन दोहराएंगे
देसाई ने अगले साल होने वाले ओलंपिक की तैयारियों को लेकर कहा, 'हमें उम्मीद है कि इस प्रदर्शन को टोक्यो में भी दोहराएंगे. आप देखोगे कि पिछले साल यूटीटी के बाद हमने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में पदक जीते हैं. इससे हमारे प्रदर्शन में काफी सुधार आया है और हम इसे आगे भी जारी रखना चाहते हैं.'
रैंकिग में सुधार किया है हमने
उन्होंने कहा, 'लेकिन उससे पहले हमारा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है. तीन-चार साल पहले तक हमारा विश्व रैंकिंग 25वें-26वें नंबर पर हुआ करता था, लेकिन अब हमारा सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग नौ तक पहुंच गया है. इसलिए हमारी कोशिश है कि हम रैंकिग में सुधार करते रहें और अगले साल जनवरी में पुर्तगाल में होने वाले वर्ल्ड टीम क्वालीफिकेशन के माध्यम से हम क्वालीफाई करें और ओलंपिक में खेलें.'
देजान पापिक बने नए मुख्य कोच
पिछले साल जकार्ता में हुए एशियाई खेलों के बाद से भारतीय टीम के पास कोई कोच नहीं था, लेकिन अब कनाडा के देजान पापिक को भारत की राष्ट्रीय टेबल टेनिस का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है. पापिक एक साल के करार के तहत भारतीय टीम से जुड़ेंगे.
गुजरात निवासी हरमीत ने नए कोच के चयन को लेकर कहा, 'ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि कोसटानटिनी मैसीमो ऐसे मौके पर चले गए जब भारतीय टीम काफी शानदार प्रदर्शन कर रही थी. उनके जाने के बाद से ही फेडरेशन नए कोच की तलाश में थी. लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि फेडरेशन ने एक नया कोच चुना जो कि सभी खिलाड़ियों के लिए खुशी की बात है.'
कोच के रहने से टीम को फायदा
उन्होंने कहा, 'कोच के रहने से खिलाड़ियों को काफी फायदा होता है. कोच हमें मानसिक, शारीरिक और तकनीकी रूप से काफी कुछ सिखाते हैं. इसलिए पिछले एक साल से खिलाड़ियों ने कोच की काफी कमी महसूस की है. लेकिन न रहने से किसी भी खिलाड़ी के प्रदर्शन में कमी नहीं आई है और मुझे उम्मीद है कि कोच के आने से हमारा प्रदर्शन और बेहतर होगा.'
भारत ने जीता सात स्वर्ण पदक
देसाई ने साथ ही कहा, "कोच नहीं थे, उसके बावजूद हमने अपना काम जारी रखा. राष्ट्रमंडल टेटे चैंपियनशिप में सभी सात स्वर्ण पदक जीतना, इस बात को दर्शाता है कि हमने कितनी मेहनत की है और टोक्यो ओलंपिक से पहले हमारी तैयारी कैसी चल रही है.