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जिमनास्ट आशीष कुमार का छलका दर्द, कहा- मैं डिप्रेशन में जा रहा हूं

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Published : Jun 11, 2022, 5:56 PM IST

भारत के बेहतरीन पुरुष जिमनास्ट आशीष कुमार के चयन ट्रायल में पक्षपात के आरोप के एक महीने बाद राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टीम में जगह बनाने की उम्मीद कम होती जा रही है, जिससे वह अवसाद की ओर बढ़ रहे हैं.

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नई दिल्ली: जिमनास्ट आशीष कुमार ने साल 2010 राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीते थे. उन्होंने भारतीय जिमनास्टिक महासंघ (जीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आगामी बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चयन ट्रायल में उनके साथ नाइंसाफी हुई थी.

बता दें, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल का ट्रायल्स 11 और 12 मई को कराया गया था. उन्होंने ट्रायल्स में शीर्ष आठ जिमनास्ट के प्रदर्शन की वीडियो फुटेज की अंतरराष्ट्रीय जज से समीक्षा कराने का अनुरोध किया था. साइ ने इसके बाद जीएफआई से इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा और यह भी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करेगा. हालांकि, 32 साल के आशीष ने कहा कि उन्हें अभी तक जीएफआई या साइ ने कुछ नहीं बताया है और उनकी उम्मीद हर बीते दिन के साथ खत्म होती जा रही है.

यह भी पढ़ें: जिम्नास्ट आशीष की पक्षपात की शिकायत पर साई ने लिया संज्ञान

आशीष ने पीटीआई से कहा, मैं इस पूरे मामले से अवसाद महसूस कर रहा हूं. मैं नहीं जानता कि मैं ट्रेनिंग क्यूं कर रहा हूं. जब आपको पता ही नहीं है कि आप राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले पाओगे या नहीं तो इस अनिश्चितता की स्थिति में ट्रेनिंग जारी रखना मुश्किल है. उन्होंने कहा, साइ या जीएफआई से मुझे कोई जवाब नहीं मिला है. जबकि मैं लगातार ईमेल कर रहा हूं. हम एक अलग तरह का खेल खेलते हैं, जिसमें काफी मानसिक मजबूती की जरूरत होती है. अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हो तो आप खुद को चोटिल करा सकते हो.

यह भी पढ़ें: जिमनास्ट जॉयिता मलिक: पढ़ें कोलकाता से फ्रांस तक का रोमांचक सफर

जीएफआई अध्यक्ष सुधीर मित्तल ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट सौंप दी है और अब फैसला साइ को करना है. मित्तल ने कहा, साइ ने जब हमसे रिपोर्ट मांगी थी, हमने वो तुरंत सौंप दी थी. अब फैसला करना उनका काम है. दो जून को आशीष ने साइ और जीएफआई को एक और पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने स्थिति साफ करने के बारे में पूछा था.

नई दिल्ली: जिमनास्ट आशीष कुमार ने साल 2010 राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीते थे. उन्होंने भारतीय जिमनास्टिक महासंघ (जीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आगामी बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चयन ट्रायल में उनके साथ नाइंसाफी हुई थी.

बता दें, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल का ट्रायल्स 11 और 12 मई को कराया गया था. उन्होंने ट्रायल्स में शीर्ष आठ जिमनास्ट के प्रदर्शन की वीडियो फुटेज की अंतरराष्ट्रीय जज से समीक्षा कराने का अनुरोध किया था. साइ ने इसके बाद जीएफआई से इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा और यह भी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करेगा. हालांकि, 32 साल के आशीष ने कहा कि उन्हें अभी तक जीएफआई या साइ ने कुछ नहीं बताया है और उनकी उम्मीद हर बीते दिन के साथ खत्म होती जा रही है.

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आशीष ने पीटीआई से कहा, मैं इस पूरे मामले से अवसाद महसूस कर रहा हूं. मैं नहीं जानता कि मैं ट्रेनिंग क्यूं कर रहा हूं. जब आपको पता ही नहीं है कि आप राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले पाओगे या नहीं तो इस अनिश्चितता की स्थिति में ट्रेनिंग जारी रखना मुश्किल है. उन्होंने कहा, साइ या जीएफआई से मुझे कोई जवाब नहीं मिला है. जबकि मैं लगातार ईमेल कर रहा हूं. हम एक अलग तरह का खेल खेलते हैं, जिसमें काफी मानसिक मजबूती की जरूरत होती है. अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हो तो आप खुद को चोटिल करा सकते हो.

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जीएफआई अध्यक्ष सुधीर मित्तल ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट सौंप दी है और अब फैसला साइ को करना है. मित्तल ने कहा, साइ ने जब हमसे रिपोर्ट मांगी थी, हमने वो तुरंत सौंप दी थी. अब फैसला करना उनका काम है. दो जून को आशीष ने साइ और जीएफआई को एक और पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने स्थिति साफ करने के बारे में पूछा था.

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