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Khashaba Dadasaheb Jadhav: गूगल ने डूडल के जरिये केडी जाधव को किया याद, जानें कौन थे ?

Google ने भारतीय पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (Khashaba Dadasaheb Jadhav) को उनकी जयंती पर डूडल के जरिये याद किया है. केडी जाधव को उनके जीवनकाल में तो कोई मेडल नहीं दिया गया है. लेकिन उनके निधन के बाद उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

Khashaba Dadasaheb Jadhav
भारतीय पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव
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Published : Jan 15, 2023, 3:43 PM IST

Updated : Jan 15, 2023, 4:00 PM IST

नई दिल्लीः सर्च इंजन गूगल ने आज, 15 जनवरी 2023 को भारतीय दिग्गज पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (केडी जाधव) की 97वीं जयंती के मौके पर डूडल बनाकर याद किया है. खाशाबा दादासाहेब जाधव स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले एथलीट थे. कुश्ती के लिए पहचाने जाने वाले केडी जाधव का जन्म 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गोलेश्वर नाम के गांव में हुआ था. केडी जाधव बेहद साधारण कद के थे लेकिन अखाड़े में उतरते ही दुनिया के बड़े-बड़े पहलवान उनसे डर जाते थे. केडी जाधव ने हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था. जाधव ने जर्मनी, मैक्सिको और कनाडा के खिलाड़ियों को हराकर कांस्य पदक हासिल किया है.

Khashaba Dadasaheb Jadhav
ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले खाशाबा दादासाहेब जाधव.

10 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती
केडी जाधव सिर्फ 5 फुट 5 इंच के थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने से काफी बड़े पहलवानों को कुश्ती में हराया था. केडी जाधव ने 10 साल की उम्र में ही पहलवानी करना शुरू की. केडी जाधव ने अपने पहलवान पिता और अन्य पेशेवर पहलवानों से प्रशिक्षण लेकर कई राज्य और राष्ट्रीय खिताब जीते थे. हालांकि, घुटने की चोट के कारण हेलसिंकी ओलंपिक में जीत के बाद जाधव अपने कुश्ती करियर को जारी नहीं रख सके. बाद में उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया.

केडी जाधव का पहला ओलंपिक
केडी जाधव के पहले ओलंपिक में केडी जाधव का मुकाबला कुश्ती में माहिर पहलवान फ्लाइवेट पहलवान से हुई थी. इस दौरान केडी जाधव ने छठा स्थान प्राप्त किया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी. उस दौरान केडी 27 साल के थे. इंडिविजुअल स्पोर्ट्स में ओलंपिक मेडल जीतने वाले केडी जाधव पहले भारतीय बने थे. हालांकि, घुटने की चोट के कारण हेलसिंकी ओलंपिक में जीत के बाद जाधव अपने कुश्ती करियर को जारी नहीं रख सके. बाद में उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया.

निधन के बाद अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
इसके बाद साल 1984 में 14 अगस्त को जाधव का सड़क हादसे में निधन हो गया. केडी जाधव को अपने जीवनकाल में कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला. लेकिन साल 2000 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जबकि महाराष्ट्र सरकार ने भी मरणोपरांत छत्रपति पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया. वहीं, 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कुश्ती स्थल का नाम भी उनके सम्मान में रखा गया. बताया जाता है कि केडी जाधव के जीवन के ऊपर एक फिल्म बनने वाली थी और भारतीय पहलवान और एक्टर संग्राम सिंह इस मूवी में केडी जाधव की भूमिका निभाने वाले थे, हालांकि, किन्हीं वजहों से ये फिल्म अब तक नहीं बन पाई है.

नई दिल्लीः सर्च इंजन गूगल ने आज, 15 जनवरी 2023 को भारतीय दिग्गज पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (केडी जाधव) की 97वीं जयंती के मौके पर डूडल बनाकर याद किया है. खाशाबा दादासाहेब जाधव स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले एथलीट थे. कुश्ती के लिए पहचाने जाने वाले केडी जाधव का जन्म 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गोलेश्वर नाम के गांव में हुआ था. केडी जाधव बेहद साधारण कद के थे लेकिन अखाड़े में उतरते ही दुनिया के बड़े-बड़े पहलवान उनसे डर जाते थे. केडी जाधव ने हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था. जाधव ने जर्मनी, मैक्सिको और कनाडा के खिलाड़ियों को हराकर कांस्य पदक हासिल किया है.

Khashaba Dadasaheb Jadhav
ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले खाशाबा दादासाहेब जाधव.

10 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती
केडी जाधव सिर्फ 5 फुट 5 इंच के थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने से काफी बड़े पहलवानों को कुश्ती में हराया था. केडी जाधव ने 10 साल की उम्र में ही पहलवानी करना शुरू की. केडी जाधव ने अपने पहलवान पिता और अन्य पेशेवर पहलवानों से प्रशिक्षण लेकर कई राज्य और राष्ट्रीय खिताब जीते थे. हालांकि, घुटने की चोट के कारण हेलसिंकी ओलंपिक में जीत के बाद जाधव अपने कुश्ती करियर को जारी नहीं रख सके. बाद में उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया.

केडी जाधव का पहला ओलंपिक
केडी जाधव के पहले ओलंपिक में केडी जाधव का मुकाबला कुश्ती में माहिर पहलवान फ्लाइवेट पहलवान से हुई थी. इस दौरान केडी जाधव ने छठा स्थान प्राप्त किया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी. उस दौरान केडी 27 साल के थे. इंडिविजुअल स्पोर्ट्स में ओलंपिक मेडल जीतने वाले केडी जाधव पहले भारतीय बने थे. हालांकि, घुटने की चोट के कारण हेलसिंकी ओलंपिक में जीत के बाद जाधव अपने कुश्ती करियर को जारी नहीं रख सके. बाद में उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया.

निधन के बाद अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
इसके बाद साल 1984 में 14 अगस्त को जाधव का सड़क हादसे में निधन हो गया. केडी जाधव को अपने जीवनकाल में कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला. लेकिन साल 2000 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जबकि महाराष्ट्र सरकार ने भी मरणोपरांत छत्रपति पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया. वहीं, 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कुश्ती स्थल का नाम भी उनके सम्मान में रखा गया. बताया जाता है कि केडी जाधव के जीवन के ऊपर एक फिल्म बनने वाली थी और भारतीय पहलवान और एक्टर संग्राम सिंह इस मूवी में केडी जाधव की भूमिका निभाने वाले थे, हालांकि, किन्हीं वजहों से ये फिल्म अब तक नहीं बन पाई है.

Last Updated : Jan 15, 2023, 4:00 PM IST
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