नई दिल्ली : राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता भारत की महिला पहलवान रितु फोगाट कुश्ती के अखाड़े में ताल ठोकने के बाद अब मिक्स मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में उतरने जा रही हैं और इस खेल में भी उनका लक्ष्य विश्व चैम्पियन बन कर भारत को मजबूत पहचान दिलाना है.
लोकप्रिय फोगाट बहनों में से एक रितु अब मेक वन चैंपियनशिप से एमएमए की शुरुआत करेंगी. पेशेवर एमएमए में उनका पहला मुकाबला बीजिंग में 16 नवंबर को होगा. वे वन चैंपियनशिप की 'ऐज ऑफ ड्रैगन' प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी. 24 वर्षीय रितु ने मार्शल आर्ट्स संगठन वन चैंपियनशिप से करार किया है.
मैच से पहले रितु ने कहा कि वे एमएमए में विश्व चैम्पियन का तमगा हासिल करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनना चाहती हैं.
रितु ने कहा, "मैं शुरू से ही कुछ अलग करना चाहती थी और शुरू से ही मिक्स मार्शल आर्ट्स देख रही थी. मैं हमेशा सोचती थी कि एमएमए में भारत से कोई विश्व चैंपियन क्यों नहीं है? और यही वजह थी जो मुझे एमएमए में लेकर आई."
रितु ने नवंबर 2017 में सिंगापुर में हुई अंडर-23 कुश्ती चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक जीता था और उन्होंने सिंगापुर में ही एमएमए की ट्रेनिंग हासिल की है.
उन्होंने कहा, "एमएमए की ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर स्थित इवोल्व एमएम सबसे अच्छी ट्रेनिंग जिम है और मैंने भी वहीं से अपनी ट्रेनिंग की है. 'इवोल्व एमएम' ने दुनिया को कई सारे विश्व चैम्पियन दिए हैं और इसलिए मैंने इसे चुना."
रितु एमएमए में भाग लेने वाली भारत की दूसरी एथलीट होंगी. उनसे पहले भरत खंडारे एमएमए की यूएफसी जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उतर चुके हैं. भारतीय महिला पहलवान के लिए कुश्ती के मुकाबले एमएमए काफी मुश्किल होने वाला है और इसमें उन्हें कुश्ती के मुकाबले ज्यादा चुनौतियां मिलने वाली हैं.
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नए खेल में आने वाली चुनौतियों पर रितु ने कहा, "मुझे चुनौतियां पसंद हैं और मैं हर चुनौती को स्वीकार करती हूं. मिक्स मार्शल आर्ट्स में आकर अब मुझे प्रतिदिन कुछ न कुछ नया सीखने को मिल रहा है. इसके अलावा मुझे नई-नई तकनीकों के बारे में भी पता चल रहा है और मुझे लगता है कि मैंने इसमें अब काफी सुधार किया है."
रितु को अपने इस नए खेल में काफी सफल होने की उम्मीद है, क्योंकि उन्हें अपनी ट्रेनिंग और खुद पर विश्वास है. रितु एमएमए के अपने पदार्पण मुकाबले में कोरिया की नेम ही किम से भिड़ेंगी.
रितु ने कहा, "जहां तक इसमें सफल होने की बात है तो मुझे खुद पर और अपनी ट्रेनिंग पर पूरा विश्वास है। मैंने अब तक जितनी भी ट्रेनिंग हासिल की है उसे मैं वहां पर आजमाना चाहती हूं। इसमें मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं और खुद को साबित भी करना चाहती हूं."
रितु की एक बहन और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली बबीता ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गई थीं. रितु से जब बबीता की तरह राजनीति में आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह भविष्य के बारे में ज्यादा सोच नहीं रही हैं.
रितु ने कहा, "भविष्य के बारे में अभी कुछ कह नहीं सकती हूं. अभी मेरा पूरा ध्यान एमएमए पर है, इसलिए फिल्हाल अभी मैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रही हूं."