ETV Bharat / sports

IOA अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता के बीच तनातनी जारी -  IOA President

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के दो अधिकारियों के बीच में टकराव जारी है और संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा है कि हाल ही में अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा द्वारा गठित की गई समितियों को दोबारा गठित करने को लेकर उन्होंने अपनी मंजूरी नहीं दी थी.

IOA
IOA
author img

By

Published : May 26, 2020, 6:32 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के शीर्ष पदाधिकारियों के बीच मतभेद खुलकर उजागर हुए जब उसके महासचिव राजीव मेहता ने नैतिकता आयोग को भंग करने के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के फैसले को अवैध करार दिया.

बत्रा और मेहता के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही है और आईओए अध्यक्ष ने हाल में बयान दिया था कि वह महासचिव से अधिकांश जिम्मेदारियां वापस ले लेंगे. मेहता ने इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि आईओए का रोजमर्रा का काम देखना उनकी जिम्मेदारी है.

दोनों के बीच हालिया रस्साकशी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वीके गुप्ता की अगुआई वाले आईओए के नैतिकता आयोग के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर है. इस आयोग को 2017 में नियुक्त किया गया था.

IOA, IOA Rajeev Mehta, Narindra Batra
भारतीय ओलंपिक संघ

मेहता ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राज्य ओलंपिक इकाइयों को पत्र लिखकर कहा कि अध्यक्ष का 19 मई 2020 के पत्र के जरिए आईओए नैतिकता आयोग (2017-2021) को भंग करना अवैध पाया गया है और आयोग को पुन: बहाल किया जाता है.

मेहता ने लिखा, "आईओए के विधि विभाग के चेयरमैन इस मामले की जांच करेंगे. आईओए की कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में आयोग/समितियों के मुद्दों पर चर्चा होगी."

IOA, IOA Rajeev Mehta, Narindra Batra
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा

आईओए के विधि आयोग के प्रमुख वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आरके आनंद हैं. बत्रा ने प्रशासनिक कर्मचारियों को ये पत्र रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा है.

मेहता ने दावा किया कि दिसंबर 2017 में हुई आईओए की वार्षिक आम सभा में बत्रा और उन्हें आयोग और समितियों के चेयरमैन/समन्वयक/सदस्यों को नियुक्त/नामित करने का अधिकार मिला था और उन्होंने नयी नियुक्तियों या किसी को हटाने को स्वीकृति नहीं दी है.

मेहता ने आईओए नैतिकता आयोग को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें हटाने से संबंधित बत्रा का पत्र कोई मायने नहीं रखता. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे पत्र (बत्रा के) को नजरअंदाज करें और अपना काम जारी रखें.

नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के शीर्ष पदाधिकारियों के बीच मतभेद खुलकर उजागर हुए जब उसके महासचिव राजीव मेहता ने नैतिकता आयोग को भंग करने के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के फैसले को अवैध करार दिया.

बत्रा और मेहता के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही है और आईओए अध्यक्ष ने हाल में बयान दिया था कि वह महासचिव से अधिकांश जिम्मेदारियां वापस ले लेंगे. मेहता ने इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि आईओए का रोजमर्रा का काम देखना उनकी जिम्मेदारी है.

दोनों के बीच हालिया रस्साकशी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वीके गुप्ता की अगुआई वाले आईओए के नैतिकता आयोग के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर है. इस आयोग को 2017 में नियुक्त किया गया था.

IOA, IOA Rajeev Mehta, Narindra Batra
भारतीय ओलंपिक संघ

मेहता ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राज्य ओलंपिक इकाइयों को पत्र लिखकर कहा कि अध्यक्ष का 19 मई 2020 के पत्र के जरिए आईओए नैतिकता आयोग (2017-2021) को भंग करना अवैध पाया गया है और आयोग को पुन: बहाल किया जाता है.

मेहता ने लिखा, "आईओए के विधि विभाग के चेयरमैन इस मामले की जांच करेंगे. आईओए की कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में आयोग/समितियों के मुद्दों पर चर्चा होगी."

IOA, IOA Rajeev Mehta, Narindra Batra
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा

आईओए के विधि आयोग के प्रमुख वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आरके आनंद हैं. बत्रा ने प्रशासनिक कर्मचारियों को ये पत्र रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा है.

मेहता ने दावा किया कि दिसंबर 2017 में हुई आईओए की वार्षिक आम सभा में बत्रा और उन्हें आयोग और समितियों के चेयरमैन/समन्वयक/सदस्यों को नियुक्त/नामित करने का अधिकार मिला था और उन्होंने नयी नियुक्तियों या किसी को हटाने को स्वीकृति नहीं दी है.

मेहता ने आईओए नैतिकता आयोग को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें हटाने से संबंधित बत्रा का पत्र कोई मायने नहीं रखता. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे पत्र (बत्रा के) को नजरअंदाज करें और अपना काम जारी रखें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.