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EXCLUSIVE : समलैंगिक रिश्ते का खुलासा करने वाली दुत्ती चंद ने परिवार को लेकर दिया ये बड़ा बयान - दुती चंद

विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी दुती चंद ने आज ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य 2020 में होने वाला टोक्यो ओलंपिक है और इसके लिए वो अब 3 गुना और अधिक मेहनत करेंगी.

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Published : Jul 15, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 8:52 PM IST

नई दिल्ली : दुती चंद ने इटली के नापोली में खेले गए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में 11.32 सेकेंड का समय निकाल स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वो इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला धावक बनी हैं.

देखिए वीडियो

दुती चंद ने कहा कि विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतना इतना आसान नहीं था क्योंकि फाइनल में वो काफी नर्वस हो गई थीं और यूरोप के खिलाड़ी उनसे बेहतर रिकॉर्ड भी बना चुके थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी उनके दिमाग में ये बात थी कि उन्हें अपना खुद का रिकॉर्ड पहले से बेहतर करना है और पूरी दौड़ के दौरान उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा जिस कारण उन्हें यह स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ.दुती चंद ने अपनी जीत का श्रेय उड़ीसा सरकार के अलावा आर्थिक सहयोग देने वाले लोगों और फैंस को दिया. साथ ही कहा कि जब भी कोई बुरा समय आया तब इन लोगों ने मेरा साथ दिया है इन्हीं लोगों के कारण वो यहां तक पहुंची हैं.

दुती चंद द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल
दुती चंद द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल

भारत सरकार ने उनको सहयोग दिया

दुती ने बताया कि जब उन्होंने इस खेल में कदम रखा तब सिर्फ उनकी बहन थीं जो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती थीं लेकिन जैसे-जैसे उनका खेल बेहतर हुआ और पुरस्कार जीते उसके बाद राज्य और भारत सरकार ने उनको सहयोग दिया. दुती ने कहा,"टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में मुझे अब और भी अधिक मेहनत करनी होगी और इसके लिए उन्हें विदेश में ट्रेनिंग करनी पड़ेगी जिसके लिए उन्हें प्रदेश और भारत सरकार का साथ चाहिए."

समलैंगिक होने की बात कर बोलीं दुती

दुती ने जब सार्वजनिक तौर पर देश को अपने समलैंगिक होने की बात बताई तो उन्हें बाहरी लोगों के साथ साथ परिवार के लोगों की भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इसपर उन्होंने कहा कि उनकी जीत के बाद अब सभी लोग खुश हैं और उनके परिवार वालों ने तो मिठाइयां भी बांटी हैं. परिवार से कोई भी अलग नहीं हो सकता है और अब सब कुछ ठीक है.

दुती चंद बनीं गोल्ड मेडलिस्ट
दुती चंद बनीं गोल्ड मेडलिस्ट

क्रिकेट के बारे में दुती के ऐसे हैं विचार

आपको बता दें कि जिस दिन दुती चंद ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता उस दिन बारिश के कारण भारत वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पूरा मैच नहीं खेल सका और सभी ने इस पर निराशा जताई लेकिन दुती चंद की जीत की खबर बहुत कम लोगों को पता चली. इस पर उन्होंने कहा कि हमारे देश का मीडिया क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों को कम दिखाता है और क्रिकेट का प्राइवेटाइजेशन भी हो चुका है जिसके कारण अधिक लोग क्रिकेट में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं.

नई दिल्ली : दुती चंद ने इटली के नापोली में खेले गए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में 11.32 सेकेंड का समय निकाल स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वो इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला धावक बनी हैं.

देखिए वीडियो

दुती चंद ने कहा कि विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतना इतना आसान नहीं था क्योंकि फाइनल में वो काफी नर्वस हो गई थीं और यूरोप के खिलाड़ी उनसे बेहतर रिकॉर्ड भी बना चुके थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी उनके दिमाग में ये बात थी कि उन्हें अपना खुद का रिकॉर्ड पहले से बेहतर करना है और पूरी दौड़ के दौरान उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा जिस कारण उन्हें यह स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ.दुती चंद ने अपनी जीत का श्रेय उड़ीसा सरकार के अलावा आर्थिक सहयोग देने वाले लोगों और फैंस को दिया. साथ ही कहा कि जब भी कोई बुरा समय आया तब इन लोगों ने मेरा साथ दिया है इन्हीं लोगों के कारण वो यहां तक पहुंची हैं.

दुती चंद द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल
दुती चंद द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल

भारत सरकार ने उनको सहयोग दिया

दुती ने बताया कि जब उन्होंने इस खेल में कदम रखा तब सिर्फ उनकी बहन थीं जो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती थीं लेकिन जैसे-जैसे उनका खेल बेहतर हुआ और पुरस्कार जीते उसके बाद राज्य और भारत सरकार ने उनको सहयोग दिया. दुती ने कहा,"टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में मुझे अब और भी अधिक मेहनत करनी होगी और इसके लिए उन्हें विदेश में ट्रेनिंग करनी पड़ेगी जिसके लिए उन्हें प्रदेश और भारत सरकार का साथ चाहिए."

समलैंगिक होने की बात कर बोलीं दुती

दुती ने जब सार्वजनिक तौर पर देश को अपने समलैंगिक होने की बात बताई तो उन्हें बाहरी लोगों के साथ साथ परिवार के लोगों की भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इसपर उन्होंने कहा कि उनकी जीत के बाद अब सभी लोग खुश हैं और उनके परिवार वालों ने तो मिठाइयां भी बांटी हैं. परिवार से कोई भी अलग नहीं हो सकता है और अब सब कुछ ठीक है.

दुती चंद बनीं गोल्ड मेडलिस्ट
दुती चंद बनीं गोल्ड मेडलिस्ट

क्रिकेट के बारे में दुती के ऐसे हैं विचार

आपको बता दें कि जिस दिन दुती चंद ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता उस दिन बारिश के कारण भारत वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पूरा मैच नहीं खेल सका और सभी ने इस पर निराशा जताई लेकिन दुती चंद की जीत की खबर बहुत कम लोगों को पता चली. इस पर उन्होंने कहा कि हमारे देश का मीडिया क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों को कम दिखाता है और क्रिकेट का प्राइवेटाइजेशन भी हो चुका है जिसके कारण अधिक लोग क्रिकेट में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं.

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Exclusive : विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतना इतना आसान नहीं था







विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी दुती चंद ने आज ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य 2020 में होने वाला टोक्यो ओलंपिक है और इसके लिए वो अब 3 गुना और अधिक मेहनत करेंगी.



नई दिल्ली : दुती चंद ने इटली के नापोली में खेले गए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में 11.32 सेकेंड का समय निकाल स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वो इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला धावक बनी हैं.

दुती चंद ने कहा कि विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतना इतना आसान नहीं था क्योंकि फाइनल में वो काफी नर्वस हो गई थीं और यूरोप के खिलाड़ी उनसे बेहतर रिकॉर्ड भी बना चुके थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी उनके दिमाग में ये बात थी कि उन्हें अपना खुद का रिकॉर्ड पहले से बेहतर करना है और पूरी दौड़ के दौरान उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा जिस कारण उन्हें यह स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ.

दुती चंद ने अपनी जीत का श्रेय उड़ीसा सरकार के अलावा आर्थिक सहयोग देने वाले लोगों और फैंस को दिया. साथ ही कहा कि जब भी कोई बुरा समय आया तब इन लोगों ने मेरा साथ दिया है इन्हीं लोगों के कारण वो यहां तक पहुंची हैं.

दुती ने बताया कि जब उन्होंने इस खेल में कदम रखा तब सिर्फ उनकी बहन थीं जो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती थीं लेकिन जैसे-जैसे उनका खेल बेहतर हुआ और पुरस्कार जीते उसके बाद राज्य और भारत सरकार ने उनको सहयोग दिया.

दुती ने कहा,"टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में मुझे अब और भी अधिक मेहनत करनी होगी और इसके लिए उन्हें विदेश में ट्रेनिंग करनी पड़ेगी जिसके लिए उन्हें प्रदेश और भारत सरकार का साथ चाहिए."

समलैंगिक होने की बात कर बोलीं दुती

दुती ने जब सार्वजनिक तौर पर देश को अपने समलैंगिक होने की बात बताई तो उन्हें बाहरी लोगों के साथ साथ परिवार के लोगों की भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इसपर उन्होंने कहा कि उनकी जीत के बाद अब सभी लोग खुश हैं और उनके परिवार वालों ने तो मिठाइयां भी बांटी हैं. परिवार से कोई भी अलग नहीं हो सकता है और अब सब कुछ ठीक है.

क्रिकेट के बारे में दुती के ऐसे हैं विचार

आपको बता दें कि जिस दिन दुती चंद ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता उस दिन बारिश के कारण भारत वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पूरा मैच नहीं खेल सका और सभी ने इस पर निराशा जताई लेकिन दुती चंद की जीत की खबर बहुत कम लोगों को पता चली. इस पर उन्होंने कहा कि हमारे देश का मीडिया क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों को कम दिखाता है और क्रिकेट का प्राइवेटाइजेशन भी हो चुका है जिसके कारण अधिक लोग क्रिकेट में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं.


Conclusion:
Last Updated : Jul 15, 2019, 8:52 PM IST
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