हैदराबाद : भारत के बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने ईटीवी से खास बात-चीत की. इस दौरान उन्होंने 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात की और बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियो कि तैयारी कैसी चल रही है.
गोपीचंद ने खेल मंत्रालय को फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खिलाड़ी, कोच और प्रशासन इस खेल के बारे में अधिक जिम्मेदार हों.
साइना नेहवाल के कोच ने ये भी कहा कि, 'भारत को बैडमिंटन का गढ़ बनाने के लिए हमें अपने कोचिंग और खिलाड़ियों पर काम करने की बहुत जरूरत है तभी हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं. '
EXCLUSIVE : गोपीचंद ने लगाई खेल मंत्रालय को फटकार, कही ये बात - Badminton
पुलेला गोपीचंद ने खेल मंत्रालय को फटकार लगाते हुए कहा कि ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खिलाड़ी, कोच और प्रशासन इस खेल के बारे में अधिक जिम्मेदार हों.
हैदराबाद : भारत के बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने ईटीवी से खास बात-चीत की. इस दौरान उन्होंने 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात की और बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियो कि तैयारी कैसी चल रही है.
गोपीचंद ने खेल मंत्रालय को फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खिलाड़ी, कोच और प्रशासन इस खेल के बारे में अधिक जिम्मेदार हों.
साइना नेहवाल के कोच ने ये भी कहा कि, 'भारत को बैडमिंटन का गढ़ बनाने के लिए हमें अपने कोचिंग और खिलाड़ियों पर काम करने की बहुत जरूरत है तभी हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं. '
हैदराबाद : भारत के बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने ईटीवी से खास बात-चीत की. इस दौरान उन्होंने 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात की और बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियो कि तैयारी कैसी चल रही है.
गोपीचंद ने खेल मंत्रालय को फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खिलाड़ी, कोच और प्रशासन इस खेल के बारे में अधिक जिम्मेदार हों.
साइना नेहवाल के कोच ने ये भी कहा कि, 'भारत को बैडमिंटन का गढ़ बनाने के लिए हमें अपने कोचिंग और खिलाड़ियों पर काम करने की बहुत जरूरत है तभी हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं. '
2018 में खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर गोपीचंद ने कहा, इस खराब प्रदर्शन के पीछे कई कारण हैं, लेकिन पिछले साल मलेशिया ओपन में साइना नेहवाल की जीत, डब्लस में सात्विक और चिराग की जीत हमारे लिए एक अच्छी बात है.'
हालांकि उन्होंने इस बात को माना कि भारत के बैडमिंटन खिलाड़ियो को अपने खेल में और सुधार करने की जरूरत है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि खिलाड़ियो को काम के बोझ को मैनेज करने के लिए बेहतर तरीके से काम किया जाए.
Conclusion: